40 एकड़ में रेत के अवैध खनन पर हाईकोर्ट का स्टे
यमुना खादर के राई नांगल गांव में किए जा रहे रेत के अवैध खनन पर हरियाणा एंड पंजाब हाईकोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दिया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है। कुंडला पत्थरगढ़ व तामशाबाद के ग्रामीणों ने खनन वाली जमीन पर अपना दावा जता कर हाईकोर्ट में अपील दायर की थी। इस मामले की अगली सुनीवाई अब 5 अगस्त को होगी।
जागरण संवाददाता, पानीपत : यमुना खादर के राई नांगल गांव में किए जा रहे रेत के अवैध खनन पर हरियाणा एवं पंजाब हाई कोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है। कुंडला, पत्थरगढ़ और तामशाबाद के ग्रामीणों ने खनन वाली जमीन पर अपना दावा जता कर हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। इस मामले की अगली सुनवाई अब 5 अगस्त को होगी।
उत्तरप्रदेश सरकार ने अप्रैल 2020 में राई नांगल के नाम से पांच वर्ष के लिए खनन का ठेका छोड़ा था। कुंडला पत्थरगढ़ के ग्रमीणों ने इसका खुल कर विरोध किया। दोनों पक्षों में विवाद गहरा गया।
शामली प्रशासन ने इस मामले में हस्तक्षेप कर खनन पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया। कुंडला के ग्रामीणों ने नौ जून को कानूनगो राकेश को बुला कर पोकलेन मशीन से इसकी पैमाइश करवाई। निशानदेही रिपोर्ट में हरियाणा की जमीन पर खनन होने की बात कही। तामशाबाद निवासी कर्मवीर व नवादा आर गांव के सबीरा ने 40 एकड़ जमीन पर दावेदारी जता कर 28 मई को कोर्ट में केस दायर कर दिया। कोर्ट ने इस केस पर सुनवाई करते हुए 15 जुलाई को स्टे दे दिया। कोर्ट के आदेश के मुताबिक खनन पर रोक के साथ ही रिकवरी करने के भी आदेश दिए हैं।
तामशाबाद निवासी कर्मवीर ने बताया कि कुंडला पत्थरगढ़ और राई नांगल गांव की सीमा आपस में लगती है। कैराना के प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार उन्होंने गुहार लगाई। जब वो सुनने के लिए तैयार नहीं हुए तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा। स्टे मिलने के बाद पानीपत प्रशासन अब शामली प्रशासन को नोटिस भेजेगा।