बच्चों के शरीर पर दिखाई दें लाल दाने तो न करें नजरअंदाज, डाक्टरों ने दी ये सलाह
बच्चों के शरीर पर लाल दाने दिखाई दें तो उन्हें नजरअंदाज न करें। बारिश के कारण बच्चों के शरीर पर लाल दाने होते हैं। स्कूलों में इसे लेकर काफी एहतियात बरती जा रही है। यमुनानगर में जिन छात्रों के शरीर पर दाने मिले हैं उनकी जांच की गई।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। बच्चों के शरीर में इन दिनों लाल दाने नजर आ रहे हैं। डाक्टरों ने इसे नजरअंदाज न करने की सलाह दी है। जिन बच्चों के शरीर में लाल दाने नजर आ रहे हैं उन्हें स्कूल से वापस घर भेजा जा रहा है।
यमुनानगर में सेक्रेड हार्ट कान्वेंट स्कूल जगाधरी में छात्रों के हाथों पर लाल दाने होने पर घर वापस भेजने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच की। जिला निगरानी अधिकारी डा. वागीश गुटैन, बाल रोग विशेषज्ञ डा. पारूल वशिष्ठ और एपिडेमियालोजिस्ट दिनेश शर्मा ने स्कूल में पहुंचकर जानकारी जुटाई। बीमार बच्चों के बारे में भी जानकारी ली।
गर्मी और बरसात कारण
जांच में सामने आया कि जिन छात्रों के शरीर पर दाने मिले हैं। वह एचएफएमडी (हैंड, फूट, माउथ डिजीज) से पीड़ित नहीं है। गर्मी और बरसात की वजह से बच्चों के शरीर पर लाल दाने हो गए हैं। एहतियात के तौर पर इन छात्रों को सात दिन के लिए होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी गई है।
बच्चों को भेजा जा रहा है घऱ
बुधवार को सेक्रेड हार्ड कान्वेंट स्कूल से चार बच्चों को हाथों में लाल दाने होने पर घर भेज दिया गया था। जिसका अभिभावकों ने विरोध किया था। हालांकि स्कूल प्रबंधन का कहना था कि बच्चे को बीमार होने पर एहतियातन घर भेजा गया है। सभी अभिभावकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वह बच्चों को स्कूल न भेजे।
वायरस के कारण होती है एचएफएमडी बीमारी
सिविल सर्जन डा. मनजीत सिंह ने बताया कि एचएफएमडी बीमारी वायरस के कारण होती है। पांच वर्ष से कम आयु वाले बच्चों के अधिक होने का खतरा रहता है, लेकिन यह बडे बच्चाें आैर व्यस्काें में भी हो सकती है। यह सामान्य तौर पर बुखार से शुरू होती है। भूख कम लगती है, एक या दो दिन के बुखार के बाद गले में दर्द के साथ खराश होती है।
अभी तक नहीं है कोई विशेष इलाज
मुंह या जीभ पर छाले होना, हथेली और पैर के तलवाें पर लाल दाने और घाव होने लगते है। यह आवश्यक नहीं है कि सभी मरीजाें में ये सारे लक्षण सामने आएं। ऐसा भी हो सकता है कि बीमार व्यक्ति में केवल गले में खराश और त्वचा पर लाल चकते ही आएं। इस बिमारी का अभी तक कोई विशेष इलाज नहीं है। केवल लक्षण के आधार पर इलाज किया जाता है। मरीजाें को अधिक पानी पीने और आराम करने की सलाह दी जाती है।
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