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    Health Department: एनीमिया मरीजों को तलाश के लिए होना था सर्वे, तारीख अभी तक नहीं तय

    By Naveen DalalEdited By:
    Updated: Sun, 05 Dec 2021 11:50 AM (IST)

    राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की रिपोर्ट हरियाणा के बच्चों व महिलाओं में खून की कमी काे उजागर कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनएफएचएस-पांच में हिंदी भाषी चंडीगढ़ छत्तीसगढ़ हरियाणा झारखंड मध्य प्रदेश दिल्ली-एनसीआर पंजाब राजस्थान उत्तर प्रदेश उत्तराखंड को शामिल किया गया था।

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    एएनएम, लैब टैक्निशियन, आशा वर्कर्स की संयुक्त टीमें बनेंगी।

    पानीपत, जागरण संवाददाता। पानीपत में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत एनीमिया ग्रस्त बच्चों-महिलाओं की तलाश के लिए जिला में एक सर्वे होना था। दो माह पहले इस संबंध में सिविल सर्जन कार्यालय में पत्र आया था। सर्वे में ड्यूटी करने वाले चिकित्सकों की ट्रेनिंग भी हो चुकी है। हैरत, अभी तक सर्वे की तारीख तय नहीं है।

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    बच्चों-महिलाओं में खून की कमी, एनएफएचएस-पांच की रिपोर्ट

    यह स्थिति तब है जब राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण(एनएफएचएस-पांच)की रिपोर्ट हरियाणा के बच्चों व महिलाओं में खून की कमी काे उजागर कर रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनएफएचएस-पांच में हिंदी भाषी चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली-एनसीआर, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड को शामिल किया गया था। एनएफएचएस-चार की तुलना में आधे से अधिक बच्चे और महिलाएं (गर्भवती महिलाओं सहित) खून की कमी से ग्रस्त हैं। 180 दिनों या उससे अधिक समय की गर्भवती महिलाओं द्वारा आयरन, फोलिक एसिड गोलियों का सेवन करने में पर्याप्त वृद्धि हुई है। स्थिति को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एनीमिया की जांच, उपचार व बचाव (टेस्ट, ट्रीट एंड टाक यानि टी-थ्री) पर आधारित सर्वे होना था। रक्त की कमी से जूझ रहे बच्चों-महिलाओं-किशोरियों का सही डाटा एकत्र कर, उन्मूलन की दिशा में कार्ययोजना बनाना था। स्थित ढाक के तीन पात जैसी है।

    इनकी लगनी है सर्वे में ड्यूटी

    सीरो सर्वे की तर्ज पर ही कलस्टर बनने हैं। एएनएम, लैब टैक्निशियन, आशा वर्कर्स की संयुक्त टीमें बनेंगी। रक्त सैंपल एकत्र करेंगी, रिपोर्ट से ही हिमोग्लोबिन के स्तर का पता चलेगा। सर्वे में शून्य से 19 साल के मेल-फीमेल, गर्भवती-स्तनपान कराने वाली महिलाओं के रक्त नमूने लिए जाएंगे। एनिमिक बच्चों को सिविल अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कराया जाएगा। व्यस्कों को सीएचसी-पीएचसी भेजा जाएगा।

    मुख्यालय तय करेगा शेड्यूल

    डिप्टी सिविल सर्जन डा. ललित वर्मा ने बताया कि सर्वे का शेड्यूल उच्चाधिकारी ही बनाएंगे। जिला की टीमों को शेड्यूल के अनुसार सर्वे पूरा करना है। चिकित्सकों की ट्रेनिंग हो चुकी है, बाकी की जल्द होगी।