आयुष्मान कार्ड बनाना स्वास्थ्य विभाग के लिए बना सिरदर्द, ये आ रही है परेशानी
यमुनानगर में स्वास्थ्य विभाग चार साल बाद भी सभी पात्रों के आयुष्मान कार्ड नहीं बना सका है। जिले में दो लाख 10 हजार पात्रों के बने कार्ड साढ़े तीन लाख लाभार्थी हैं पात्र। वर्ष 2018 में जिले में आयुष्मान योजना शुरू हुई थी।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। चार साल में भी आयुष्मान के सभी पात्रों को स्वास्थ्य विभाग नहीं तलाश सका। जिले में साढ़े तीन लाख पात्रों के गोल्डन कार्ड बनने हैं, लेकिन अभी तक दो लाख 10 हजार पात्रों के ही कार्ड बन सके हैं। मुश्किल यह है कि वर्ष 2011 के सर्वे के आधार पर आयुष्मान के पात्रों का चयन किया गया। अब इनमें से काफी लोगों के ठिकाने बदल चुके हैं। कुछ यहां से छोड़कर दूसरी जगहों पर चले गए हैं। ऐसे में वह विभाग को नहीं मिल रहे हैं।
वर्ष 2018 में जिले में आयुष्मान योजना शुरू हुई थी। इसके तहत जिले में चार लाख 24 हजार 50 लोगों के नाम पर पात्रता सूची में शामिल थे। जब स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे किया, तो विभाग के पास तीन लाख 52 हजार ही पात्र बचे। अन्य पात्रों के बारे में पता नहीं लग सका। इस योजना की एक शर्त यह भी है कि यदि किसी पात्र का नाम योजना में शामिल हैं, तो उसका गोल्डन कार्ड उसी जिले में बनेगा। जहां पर वह पात्रता सूची में है। यदि उसने अपनी रिहायश किसी दूसरे जिले में बना रखी है, तो वहां पर उसका आयुष्मान कार्ड नहीं बनेगा। हालांकि आयुष्मान कार्ड बनने के बाद वह इलाज कही भी करा सकता है।
हेल्प डेस्क पर पता कर सकते हैं पात्रता के बारे में
यदि किसी को योजना में पात्रता के बारे में जानना है, तो इसके लिए उसे राशन कार्ड देना होगा। जिसमें नंबर के आधार पर पात्रता का पता लगेगा। हालांकि इसमें भी समस्या यह आ रही है कि काफी लोगों के राशन कार्ड पुराने हो चुके हैं। उसके नंबर तक कट फट गए हैं। जिससे उनके बारे में पोर्टल पर भी पता लगाना मुश्किल हो रहा है। नए राशन काफी समय से नहीं बन रहे हैं। अब ऐसे लोग यदि पात्रता सूची में भी हैं, तो उनको राशन कार्ड लेकर आना होगा। जब तक उनका नया राशन कार्ड नहीं बनेगा। वह कार्ड नहीं बनवा सकेंगे।
परिवार के सदस्य का नाम हो सकता है शामिल
आयुष्मान योजना में पात्रों के परिवार के उन सदस्यों को भी शामिल किया जा रहा है। जिनका जन्म वर्ष 2011 के बाद हुआ है। यदि किसी पात्र की शादी हो चुकी है, तो उसकी पत्नी को भी शामिल किया जा रहा है। इसी तरह से परिवार में कोई बच्चा पैदा हुआ है, तो उसका नाम भी योजना में शामिल किया जा रहा है।
समय-समय पर शिविर लगाए जा रहे हैं
आयुष्मान योजना के नोडल अधिकारी डा. अश्वनी अलमादी ने बताया कि इस बारे में लोगों को जागरूक किया जा रहा है। समय-समय पर शिविर भी लगाए जाते हैं। लोगों को चाहिए कि वह पात्रता सूची में नाम की जांच कराएं। यदि वह सूची में है, तो गोल्डन कार्ड बनवाए। पात्र अपने नजदीकी अटल सेवा केंद्र या सरकारी अस्पताल में आकर भी कार्ड बनवा सकते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।