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    हरियाणा में बेटियों की शादी के लिए मिलेगा 71000 रुपये तक, कैसे उठाएं लाभ; जानें पात्रता

    Updated: Wed, 15 Oct 2025 11:37 PM (IST)

    हरियाणा सरकार मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत बेटियों की शादी के लिए आर्थिक सहायता दे रही है। डीसी वीरेंद्र कुमार दहिया ने बताया कि यह योजना कमजोर परिवारों को मदद करती है। अनुसूचित जाति को 71,000 रुपये और पिछड़े वर्ग को 41,000 रुपये मिलते हैं। विधवा और दिव्यांगों को भी सहायता मिलती है। शादी के 6 महीने के अंदर पंजीकरण कराना जरूरी है।

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    मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, पानीपत। हरियाणा सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों की बेटियों और दिव्यांगजन की शादी में आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना संचालित की जा रही है। यह योजना आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और बेटियों के विवाह के लिए प्रोत्साहन देने का एक सराहनीय प्रयास है।

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    डीसी डॉ. वीरेंद्र कुमार दहिया ने यह जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना समाज में समानता और सशक्तिकरण का प्रतीक है। इस योजना का उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को सहायता प्रदान करना और बेटियों की शादी में आर्थिक चिंताओं को कम करना है।

    उन्होंने सभी पात्र परिवारों से अपील की कि वे इस योजना का लाभ उठाएं और अपनी बेटियों के भविष्य को सुरक्षित और खुशहाल बनाएं। डीसी ने बताया कि इस योजना के तहत लाभार्थियों को सहायता राशि प्रदान की जाती है, जिसमें अनुसूचित जाति, विमुक्त जाति, टपरीवास जाति के लाभार्थियों की बेटियों के विवाह पर 71,000 अनुदान राशि प्रदान की जाती है और पिछड़े वर्ग और सामान्य वर्ग के व्यक्तियों (जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक हो) की बेटियों के विवाह पर 41,000/- अनुदान राशि दी जाती है।

    उन्होंने कहा सभी वर्गों की विधवा, अनाथ, तलाकशुदा, बेसहारा महिलाओं और उनके बच्चों की बेटियों की शादी के लिए 51,000 अनुदान राशि प्रदान की जाती है। इसके साथ-साथ इस योजना के तहत यदि विवाह में दोनों वर-वधु दिव्यांग हैं, तो उन्हें 51,000 अनुदान राशि दी जाएगी।

    अगर केवल एक वर या वधु दिव्यांग है, तो 41,000 की अनुदान राशि दी जाएगी, जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये तक है। डीसी ने बताया कि योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए आवेदक को अपनी बेटी के विवाह के बाद 6 माह के भीतर विवाह पंजीकरण करवाना अनिवार्य है।