हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह ने कहा, कृषि कानून की ए-बी-सी भी नहीं जानते राहुल गांधी
कृषि कानून के विरोध में राहुल गांधी की ट्रैक्टर यात्रा के बाद भाजपा ने कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है। हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह और सांसद नायब सिंह सैनी राहुल गांधी पर किसानों को भ्रमित करने का आरोप लगाया है।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को तीन कृषि बिलों की एबीसी भी नहीं पता है। ऐसे में वे किसानों को सच्चाई नहीं बता सकते है। राहुल गांधी ही नहीं कांग्रेस के सभी नेता सिर्फ किसानों के कंधों पर बंदूक रखकर अपना निशाना साध रहे हैं।
उन्होंने ये बात शुक्रवार को पत्रकारों के साथ बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि सही मायनों में प्रदेश का किसान भोला-भाला है। उनको धरने प्रदर्शन से कोई मतलब नहीं है। वे अपने खेत में काम करना पसंद करता है, लेकिन कांग्रेस किसानों के नाम पर प्रदेश का माहौल खराब करने में लगे हुए हैं।
राहुल गांधी का हरियाणा के किसानों का हितैषी बनना महज एक छलावा ही रहा। जहां पहले तीन दिन किसानों के साथ संवाद करने की बात रखी थी फिर वह सिमटकर पांच घंटे का रह गया। वे किसानों के हितैषी होते तो यहां पांच-पांच घंटे उनको इंतजार नहीं करवाते। इन कृषि कानूनों का एमएसपी और मंडियों से कोई लेना-देना नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि कृषि बिलों से किसानों को कांग्रेस के 55 साल की गुलामी के बाद आजादी दिलाई गई है। अब किसान देश के किसी भी मंडी में अपनी फसल बेच सकेंगे। इतना ही नहीं सरकार ने यह भी स्पष्ट कहा कि प्रदेश से न मंडी प्रथा खत्म होगी और न ही एमएसपी। सरकार हर वर्ष एमएसपी को बढ़ाकर फसल खरीदेगी और मंडियों का भी लगातार विस्तार किया जाएगा।
किसानों की धान फसल का एक-एक दाना खरीदेगी सरकार : नायब
सांसद नायब सिंह सैनी ने कहा कि चालू सीजन में किसानों का एक-एक दाना खरीदा जाएगा और उनको फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा। सरकार इसके लिए वचनबद्ध है। उन्होंने इस विषय में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से चर्चा की है।
सांसद नायब सिंह सैनी ने ये बात शुक्रवार को सेक्टर-3 आवास कार्यालय पर बातचीत करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कृषि बिलों के हर पहलू पर मुख्यमंत्री से चर्चा की है। किसानों को इन बिलों के प्रति गांव-गांव जाकर जागरूक करने पर भी विचार-विमर्श किया गया। सांसद ने कहा कि सरकार ने किसानों के हित और खुशहाली के लिए ही तीन कृषि कानून बनाए हैं। इन कृषि कानूनों के बारे में किसानों को गांव-गांव और घर-घर जाकर जागरूक किया जाएगा। इन बिलों से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और किसानों की आय में लगातार बढ़ोतरी होगी। आवश्यक वस्तु अधिनियम 1956 में संशोधन कर अनाज, दलहन, तिलहन, खाद्य तेलों, प्याज और आलू जैसी वस्तुओं को आवश्यक वस्तुओं की सूची से हटाने का फैसला किया गया है। इस फैसले से उत्पादन, भंडारण, ढुलाई और वितरण करने की आजादी से व्यापक स्तर पर उत्पादन करना संभव होगा। कांग्रेस आज किसानों का नाम लेकर सड़क पर उतरने की बात कह रही है। उन्होंने अपने 55 साल के राज में कुछ काम किया होता तो आज किसान की स्थिति ऐसी नहीं होती।
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