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    दीवाली के बाद अब मिली राहत, हरियाणा में बारिश से जमी धूल और धुआं हुआ छूमंतर, अब ठंड बनेगी मुसीबत

    Updated: Thu, 06 Nov 2025 03:00 PM (IST)

    दीवाली के बाद हरियाणा में प्रदूषण से कुछ राहत मिली है। बारिश और हवा के चलते वायु गुणवत्ता सूचकांक में सुधार हुआ है, और यह 240 तक पहुँच गया है। कई जिलों में प्रदूषण का स्तर कम हुआ है, लेकिन एनसीआर क्षेत्र में अभी भी स्थिति खराब है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवाओं की दिशा बदलने से प्रदूषण में कमी आई है।

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    जागरण टीम, पानीपत। दीवाली के बाद का एक पखवाड़ा बीतने के साथ ही हरियाणा की हवा में आखिर राहत घुलने लगी है। मंगलवार देर शाम को हुई हल्की वर्षा ने पूरे प्रदेश में जमी धूल और धुएं को धो डाला। जहां पिछले दिनों पराली और औद्योगिक उत्सर्जन से हवा में जहर घुला हुआ था, वहीं अब पश्चिमी हवाओं की गति और बूंदाबांदी ने वातावरण को कुछ हद तक स्वच्छ बनाया है।

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    केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की बुधवार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 240 अंक तक आ गया है, जो पिछले सप्ताह के मुकाबले लगभग 10 प्रतिशत कम है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दो दिनों तक तापमान में गिरावट और हवा का बहाव बना रहेगा, जिससे स्थिति और बेहतर होने की संभावना है। फिर भी राज्य के कुछ औद्योगिक और एनसीआर सीमावर्ती जिलों जैसे सोनीपत, पानीपत और जींद में हवा अब भी बहुत खराब श्रेणी में बनी हुई है।

    • फतेहाबाद: मंगलवार रात औसतन आठ मिलीमीटर वर्षा हुई। भूना, रतिया, भट्टूकलां और जाखल में झमाझम बारिश के कारण प्रदूषण घटा। पराली जलाने के अब तक 25 प्रकरण आए, जिनमें से 18 सत्य पाए गए। नमी बढ़ने से मंडियों में धान की खरीद रोक दी गई।
    • बहादुरगढ़: दो दिनों से मौसम साफ और हवा चल रही है। निगरानी यंत्र में तकनीकी समस्या के कारण सटीक आंकड़ा नहीं मिला, लेकिन दृश्यता सामान्य से बेहतर रही। वायु नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, हवा की गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार है।
    • यमुनानगर: जिले में वर्षा न के बराबर हुई, एक्यूआइ 269 रहा। पराली का कोई मामला नहीं आया, पर हवा अब भी ‘खराब’ श्रेणी में। नियंत्रण बोर्ड की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं।
    • जींद: नरवाना और उचाना में हल्की वर्षा के बावजूद एक्यूआइ 301 रहा। पराली के 17 मामले दर्ज हुए। हवा में सुधार की गति सुस्त है।
    • रोहतक: तेज हवाओं से कुछ राहत मिली है लेकिन एक्यूआइ अब भी 276 यानी खराब श्रेणी में है।। पराली जलाने के नए केस नहीं आए, फिर भी हवा ‘खराब’ है। सिरसा: मंगलवार की वर्षा व हवाओं से एक्यूआइ घटकर 65 तक आ गया। तापमान 310 अधिकतम दर्ज किया गया। राज्य का सबसे स्वच्छ जिला रहा।
    • हिसार: एक मिलीमीटर वर्षा के बाद एक्यूआइ 103 रहा। तापमान 32.8 अधिकतम और 14.2 न्यूनतम। अब तक पराली के 14 मामले दर्ज हुए, आठ सत्य पाए गए। पानीपत: तेज हवा से प्रदूषण घटकर 166 अंक पर रहा। वर्षा नहीं हुई। तापमान 30.6 अधिकतम और 15.3 न्यूनतम दर्ज। पराली का केवल एक मामला, जिस पर जुर्माना लगाया गया।
    • अंबाला: तीन मिलीमीटर बरसात से कुछ राहत, एक्यूआइ 205। पराली के नौ मामले दर्ज। सांस के रोगियों के लिए स्थिति अब भी चुनौतीपूर्ण।
    • कैथल: हल्की बूंदाबांदी और हवा से प्रदूषण घटा, एक्यूआइ 120 रहा।
    • कुरुक्षेत्र: मंगलवार की हल्की वर्षा से एक्यूआइ 134 रहा। दो दिनों से पराली की आग का कोई मामला नहीं। हवा में ठंडक और नमी का संतुलन बना।
    • भिवानी: वायु सूचकांक पीएम 2.5 स्तर पर 248 और पीएम 10 पर 131 रहा। पराली के कोई प्रकरण नहीं।
    • चरखी दादरी: एक्यूआइ 177 दर्ज हुआ। मौसम साफ, हवा सामान्य रही। लगातार दूसरे वर्ष दादरी प्रदेश के ‘ग्रीन जोन’ जिलों में शामिल है।

    जानें... राहत कैसे मिली और अब ऐसे हैं हालात

    • मंगलवार रात की वर्षा से हवा में नमी बढ़ी और धूलकण नीचे बैठे। इससे प्रदूषण स्तर कम हुआ।
    • पश्चिमी विक्षोभ के चलते हवाओं की दिशा बदली, जिससे ठंडी बयार चली। प्रदूषण छंटा।
    • कई जिलों में पराली जलाने के नए मामले नहीं आए।
    • क्षेत्रीय तुलना में हरियाणा में सुधार, एनसीआर अब भी संकट में, कई जिले खराब श्रेणी में
    • दिल्ली और गाजियाबाद का औसत वायु सूचकांक 200 से ऊपर रहा, जबकि हरियाणा का औसत घटकर 240 रहा।
    • सिरसा, कैथल, बहादुरगढ़ जैसे पश्चिमी जिले वायु सुधार के केंद्र बने हैं, वहीं सोनिपत और पानीपत जैसे औद्योगिक शहरों में हवा अब भी दमघोंटू बनी हुई है।