हरियाणा में हैवानियत: 7 वर्षीय मासूम से दुष्कर्म के बाद मुंह दबा हत्या की, फिर पेट्रोल डाल जलाया शव
हरियाणा (Haryana) के कैथल (Kaithal) में सात साल की मासूम के साथ दुष्कर्म किया गया। इसके बाद मुंह दबाकर उसकी हत्या कर दी गई। बाद में शव पर पेट्रोल डालकर जला दिया। वारदात को पड़ोसी युवक ने अंजाम दिया।
कैथल, जागरण संवाददाता। कैथल कलायत क्षेत्र के एक गांव में 19 वर्षीय पड़ोसी युवक ने सात साल की बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद उसे मुंह दबाकर मार डाला। वारदात का किसी को पता नहीं चले इसलिए उसने पेट्रोल डाल शव को झाड़ी में जला दिया। पुलिस ने आरोपित पवन कुमार को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस अधीक्षक मकसूद अहमद ने बताया कि बच्ची की पिता की शिकायत पर आरोपित के खिलाफ दुष्कर्म, हत्या, पोक्सो एक्ट सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में करने की अपील करेगी। बता दें कि शनिवार को दूसरी कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची दोपहर से ही गायब थी। बच्ची के पिता ने शाम को कलायत थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए रविवार को डीएसपी सज्जन सिंह के साथ करीब 100 पुलिसकर्मी और ग्रामीणों ने सर्च अभियान चलाया। रविवार दोपहर करीब ढाई बजे ग्रामीणों को झाड़ी में बच्ची का अधजला शव मिला।
नागरिक अस्पताल में लोगों का जमावड़ा
अब ग्रामीणों ने नागरिक अस्पताल में डेरा जमा लिया है। हालांकि पुलिस ने आरोपित पवन को गिरफ्तार कर लिया है। अब ग्रामीणों की मांग है कि आरोपित के विरुद्ध फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामला शुरू किया जाए। इस बारे में सरकार का कोई बड़ा नेता आश्वासन दे। अगर ऐसा नहीं होता तो बच्ची के शव को नहीं लेंगे।
सीसीटीवी में कैद हो गया था आरोपित
जांच के दौरान पुलिस को गांव के एक घर में लगे सीसीटीवी फुटेज में आरोपित पवन बच्ची के साथ दिखा। इस पर पुलिस ने उसे हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपराध स्वीकार किया। उसने बताया कि बच्ची उसे जानती थी और वह पहले भी कई बार उसके पास खेलने आती थी। रविवार को जिस समय पुलिस ने आरोपित को पकड़ा उस समय वह नशे की हालत में था।
गांव में हर किसी के आंखें नम
क्षेत्र के जिस गांव की मासूम बेटी को 24 घंटे से पुलिस और ग्रामीण सर्च आपरेशन चलाकर तलाशने में जुटे थे उन्हें नहीं मालूम था कि उसे जंगल में मौत की नींद सुला दिया गया है। अंतिम समय तक हर किसी को यही उम्मीद थी कि बेटी सकुशल घर लौटेगी। जैसे ही हकीकत का मंजर ग्रामीणों के सामने आया तो वे फफक उठे। इस गांव में इस प्रकार का जघन्य कभी नहीं हुआ था। शनिवार को यह बेटी स्कूल नहीं गई थी।
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