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    सूरजमुखी की फसल को लेकर सरकार ने उठाया ये कदम, किसानों को मिलेगी राहत

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Sat, 12 Feb 2022 04:28 PM (IST)

    सूरजमुखी की फसल को लेकर सरकार ने उठाया कदम। जायद रवि फसल में शामिल होगी सूरजमुखी। अलग से होगा पोर्टल पर पंजीकरण। पोर्टल पर सरसों का पंजीकरण करने से बच ...और पढ़ें

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    सूरजमुखी की फसल का अलग से होगा पोर्टल पर पंजीकरण।

    कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर सूरजमुखी की फसल को पंजीकृत करने के फेर में किसान इस बार सरसों की फसल को पोर्टल पर अपडेट नहीं कर रहे हैं। किसानों को डर है कि अगर एक बार पोर्टल पर सरसों की फसल पंजीकृत कर दी उसके बाद सूरजमुखी की फसल पंजीकृत नहीं हो पाएगी। प्रदेश सरकार की ओर से किसानों की इस समस्या का हल निकाल लिया गया है। अब सूरजमुखी की फसल को जायद रवि फसल की श्रेणी में डाल दिया गया है। सूरजमुखी को जायद रवि फसलों की श्रेणी में डालने से इसके लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण के लिए अलग से समय दिया जाएगा।

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    जिला भर में 1500 से 1800 एकड़ के करीब में सूरजमुखी की फसल की बिजाई की जाती है। सरकारी खरीद एजेंसियों की ओर से उसी सूरजमुखी को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाता है, जिसका पंजीकरण एमएफएमबी पोर्टल पर हो। किसान सूरजमुखी की बिजाई उन खेतों में करते हैं जिनमें पहले आलू या सरसों की बिजाई की गई हो। ऐसे में किसान अक्टूबर और सितंबर में जिस खेत में आलू की फसल से पंजीकृत कर देते हैं उसमें गेहूं की फसल पंजीकृत नहीं होगी।

    कई किसान आलू निकालने के बाद उसी खेत में गेहूं की बिजाई कर देते हैं, जबकि ज्यादातर किसान इन खेतों में सरसों या सूरजमुखी की बिजाई कर देते हैं। सरसों के दाम अच्छे रहने पर किसान सरसों की फसल को पोर्टल पर अपडेट करने की बजाय सीधे व्यापारियों को बेचना पसंद करते हैं। ऐसे में वह पोर्टल पर सरसों को पंजीकरण ही नहीं करते। इसके साथ ही उन्हें डर रहता है कि अगर पोर्टल पर सरसों का पंजीकरण कर दिया तो उसी खेत में सूरजमुखी का पंजीकरण नहीं हो पाएगा। ऐसे में उन्हें एमएसपी पर फसल बेचने में दिक्कत झेलनी पड़ेगी।

    अब पोर्टल पर अलग से दिया जाएगा समय

    कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. प्रदीप मील ने बताया कि इस बार सूरजमुखी को जायद रवि की फसलों की श्रेणी में शामिल कर लिया गया है। ऐसे में इसके पंजीकरण के लिए अलग से समय दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अभी पोर्टल 15 फरवरी तक खुला है, किसानों को चाहिए की वह अपनी सरसों की फसल का पंजीकरण पूरा कर लें।