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    हरियाणा में बाढ़ से तो मिली राहत पर अब बीमारियां देंगी दस्तक, अस्पतालों में स्टाफ की भी कमी; डॉक्टरों के 10% पद खाली

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 02:02 PM (IST)

    बाढ़ के बाद हरियाणा में जलभराव से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है जिससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो सकती है। अस्पतालों में दवाइयों और स्टाफ की कमी है लगभग एक चौथाई पद खाली हैं। सरकार को निजी अस्पतालों के सहयोग की आवश्यकता हो सकती है। प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र हैं।

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    हरियाणा में बाढ़ से तो मिली राहत पर अब बीमारियां देंगी दस्तक (जागरण फोटो)

    जागरण टीम, पानीपत। बाढ़ग्रस्त हरियाणा में आपदा का अगला चरण जलभराव वाले इलाकों में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं और बीमारियों से जुझने वाला रहेगा।

    दरअसल, बाढ़ और वर्षा के पानी के उतरने से लोगों को राहत मिली है, लेकिन अब एक नई समस्या सामने आ रही है। जैसे-जैसे पानी कम होगा, बीमारियों का खतरा बढ़ेगा।

    इससे अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि होगी, जिसके लिए दवाइयों और अन्य चिकित्सा साधनों की आवश्यकता होगी।

    इस स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं की परीक्षा होगी, विशेषकर सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की, जिनकी सस्ता और सुलभ उपचार उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है। ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं की हमारी ताकत, तैयारी और खामियों को परखने का समय आ गया है।

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    इस रिपोर्ट के प्राथिमक तथ्यों का आंकलन करें तो तस्वीर हमें आईना दिखाने वाली है। हरियाणा के अस्पतालों में जरूरी दवाइयों की कमी बनी हुई है।

    पूरे प्रदेश में सरकारी अस्पताल में सीधे तौर पर एक चौथाई पद रिक्त पड़े हैं। 10 प्रतिशत पद चिकित्सक के भी नही भरे जा सके हैं। ऐसे में हम कह सकते हैं कि सरकार और मरीज दोनों अगर स्थिति बिगड़ती है तो उससे पार पाने के लिए निजी अस्पताल के सहयोग के भरोसे होंगे।

    चिकित्सा ढांचा को जानें...

    हरियाणा में कुल 17 मेडिकल कॉलेज और अस्पताल हैं। इनमें आठ सरकारी, एक सरकारी सहायता प्राप्त और आठ निजी मेडिकल कॉलेज हैं।

    22 जिला सिविल अस्पताल, 50 उप विभागीय अस्पताल, 122 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 33 सिविल डिस्पेंसरी, 13 पाली क्लीनिक, 408 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 107 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 2734 उपस्वास्थ्य केंद्रों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।

    6,064 पद स्टाफ के खाली प्रदेश में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के कुल 25,024 स्वीकृत पद हैं, जिनमें से 6,064 रिक्त हैं। सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों के 5437 स्वीकृत पद हैं, जिनमें 550 पद रिक्त हैं।

    चिकित्सक टीम

    • झज्जर: स्वीकृत पद: 6 (रिक्त पद: 3),  एमओ: 215 (रिक्त पद: 46), आवश्यकता: फिजिशियन, त्वचा रोग विशेषज्ञ, मेडिशियन और बाल रोग विशेषज्ञ।
    • हिसार: चिकित्सक: 55 (भरे हुए पद: 55), दवाइयों का स्टाक पूरा, नए ऑर्डर भी दे दिए हैं।
    • यमुनानगर: स्वीकृत पद: 497 (रिक्त पद: 274)।
    • फतेहाबाद: मेडिकल ऑफिसर: 173 (रिक्त पद: 85), दवाइयों की कमी है, आवश्यकता: फिजिशियन।
    • सिरसा:  चिकित्सक: 216 (भरे हुए पद: 125), चिकित्सक पीजी, मैटरनिटी सहित लीव पर: 20।
    • कैथल: चिकित्सक: 149 (रिक्त पद: 59)
    • रोहतक: नर्सिंग स्टाफ के रिक्त पद: 150
    • जींद: स्वीकृत पद: 225 (कार्यरत चिकित्सक: 139): 86
    • कुरुक्षेत्र: स्वीकृत पद: 175 (रिक्त पद: 55)
    • करनाल:  एमओ: 269 (रिक्त पद: 111) ,पीएचसी-सीएचसी में दवा कम 
    • पानीपत: डॉक्टर 131 पद (भरे हुए 81)
    • भिवानी:  300 बेड का नागरिक अस्पताल l 100 बेड का बवानीखेड़ा सब डिविजनल अस्पताल।