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    हरियाणा में खाद किल्लत पर कृषि मंत्री बैठक में बोले- स्टाक पूरा, इधर यूरिया न मिलने से किसान सड़कों पर

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 10:54 AM (IST)

    हरियाणा में खाद की कमी को लेकर कृषि मंत्री ने अधिकारियों के साथ बैठक की और दावा किया कि प्रदेश में यूरिया और डीएपी की कोई कमी नहीं है। सरकार कालाबाजारी पर नजर रख रही है। वहीं किसान खाद न मिलने पर सड़कों पर उतर आए। किसानों का कहना है कि जरूरत के अनुसार खाद नहीं मिलने से फसलें खराब हो जाएंगी।

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    चंडीगढ़ में खाद किल्लत को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक करते कृषि एवं कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा।

    जागरण संवाददाता, पानीपत। प्रदेश में खाद की किल्लत को लेकर कृषि एवं कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ चंडीगढ़ में बैठक ली। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी जिलों के कृषि उपनिदेशकों से खाद की स्थिति की जानकारी ली।

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    बैठक के बाद मंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में यूरिया व डीएपी की किल्लत नहीं है। हर जगह स्टाक पूरा है। सरकार कालाबाजारी पर कड़ी नजर रखे हुए है, अब तक 1,974 निरीक्षण किया जा चुका है। उधर यूरिया न मिलने पर किसान सड़कों पर उतर गए। 

    कृषि मंत्री ने बैठक के बाद दावा किया कि खरीफ सीजन 2025 के लिए प्रदेश को कुल 10.07 लाख मीट्रिक टन यूरिया की आवश्यकता है। एक अप्रैल से 19 जुलाई तक की अनुमानित मांग 5.91 लाख मीट्रिक टन थी, इस अवधि में केंद्र सरकार ने 8.54 लाख मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध कराया है, जिसमें से 7.5 लाख मीट्रिक टन किसानों को बेचा जा चुका है।

    वर्तमान में 1.04 लाख मीट्रिक टन यूरिया राज्य में स्टाक में है और 16,307 मीट्रिक टन रास्ते में है, जिससे कुल उपलब्धता लगभग 1.20 लाख टन हो जाती है। वहीं, 2.83 लाख टन डीएपी की जरूरत है, जिसमें से एक अप्रैल से 19 जुलाई तक 1.37 लाख टन की आवश्यकता थी। अभी तक 1.46 लाख टन डीएपी की आपूर्ति की जा चुकी है। इसमें से 1.10 लाख टन बिक चुका है। व

    र्तमान में 36,000 टन स्टाक में है। 5,467 टन रास्ते में है, कुल उपलब्ध डीएपी 41,000 टन हो जाता है। उधर खाद नहीं मिलने से परेशान किसानों ने करनाल के डीडीए कार्यालय के बाहर धरना दिया व मुख्य सड़क को जाम कर दिया। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।

    वहीं, पानीपत में खाद नहीं मिलने से किसानों को पैक्स से बैरंग लौटना पड़ा। किसानों को जरूरत के अनुसार खाद नहीं मिल पा रहा है। किसानों का कहना है कि खाद नहीं मिला तो फसलें खराब हो जाएगी। प्रदेश में अधिकतर जिले में खाद न मिलने से किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

    ये बोले किसान

    भाकियू पानीपत अध्यक्ष सूरजभान ने कहा कि किसानों को यूरिया लेने के लिए धक्का-मुक्की करनी पड़ रही है। पैक्स में बहुत से ऐसे किसान हैं जो बिना खाद वापस लौटे हैं। यूरिया जिले में आया जरूर है, लेकिन उसका प्रापर आवंटन नहीं हो पाया है। किसानों को यूरिया के लिए भटकना पड़ रहा है।

    जरूरत के अनुसार नहीं मिली खाद

    भालसी गांव निवासी रविंद्र ने बताया कि रैक लगने की सूचना मिलने के बाद वह पैक्स में खाद लेने गए थे, लेकिन वहां पहले से लंबी लाइन लगी थी। भीड़ अधिक और खाद कम होने के कारण वितरित ही नहीं हो पाया। सरकार किसानों की जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध कराए।

    कमी नहीं तो किसानों को क्यों नहीं मिल रही: दीपेंद्र दीपेंद्र

    हुड्डा ने कहा कि सरकार का दावा कि खाद की कमी नहीं है, तो फिर किसानों को खाद क्यों नहीं मिल पा रहा है। किसानों को यातना झेलनी पड़ रही है, खाद जा कहां रहा है। खाद की कमी की आड़ में कालाबाजारी हो रही है।

    सरकार तुरंत किसानों को पर्याप्त डीएपी और यूरिया दिलवाए, कालाबाजारी पर अंकुश लगाए। खरीफ सीजन की रोपाई जोरों पर है। खाद नहीं मिलने से किसान को अच्छी फसल न होने की चिंता सता रही है।

    कालाबाजारी और जमाखोरी पर सख्ती श्याम सिंह राणा ने कहा कि राज्य सरकार ने खाद की कालाबाजारी, जमाखोरी, मिलावट और अवैध टैगिंग को रोकने के लिए निगरानी और प्रवर्तन की कार्रवाई तेज कर दी है। अब तक पूरे राज्य में 1,974 निरीक्षण किए हैं। आठ एफआइआर दर्ज की हैं, 26 डीलरों के लाइसेंस निलंबित किए हैं, एक लाइसेंस रद और 96 शोकाज नोटिस जारी किए हैं।