हरियाणा में किसानों के बच्चों ने टॉप IIT में दाखिला ले कायम की नई मिसाल, सुपर-100 कार्यक्रम के तहत हुई तैयारी
हरियाणा के किसानों के बच्चों ने सुपर-100 कार्यक्रम के तहत IIT प्रवेश परीक्षा में सफलता प्राप्त कर एक नई मिसाल कायम की है। इस कार्यक्रम के माध्यम से उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया गया, जिससे वे प्रतिष्ठित संस्थानों में दाखिला लेने में सफल रहे। यह उपलब्धि शिक्षा में समानता के महत्व को दर्शाती है।

हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी पहल सुपर-100 कार्यक्रम ने चार वर्षों में वह कर दिखाया (फाइल फोटो)
जागरण संवाददाता, पानीपत। हरियाणा के सरकारी स्कूलों की प्रतिभा एक बार फिर देशभर में अपना परचम लहरा रही है। हरियाणा सरकार की महत्वाकांक्षी पहल सुपर-100 कार्यक्रम ने चार वर्षों में वह कर दिखाया, जिसकी कल्पना कभी ग्रामीण परिवारों ने भी नहीं की थी।
खेतों में काम करने वाले परिवारों के बच्चे, जो कभी मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट स्पीड पर निर्भर होकर पढ़ाई करते थे, आज देश के टाप इंजीनियरिंग संस्थानों में प्रवेश लेकर नई मिसाल बनकर उभरे हैं।

कार्यक्रम के तहत बीते चार वर्षों में आइआइटी में 107 और आइआइआइटी व एनआइटी में 119, कुल 226 सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों का चयन हुआ है। इन बच्चों को निश्शुल्क कोचिंग, आवास, अध्ययन सामग्री और विशेषज्ञ मार्गदर्शन उपलब्ध कराया गया।
बिना भारी फीस, बिना महानगरीय कोचिंग और बिना आर्थिक बोझ के, केवल मेहनत और अनुशासन के दम पर ग्रामीण बच्चे राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे हैं। इस उपलब्धि में 33 छात्राएं भी शामिल हैं। सबसे अधिक 6 विद्यार्थियों का चयन आइआइटी मंडी में हुआ है। सुपर-100 की प्रारंभिक संरचना हर साल 100 बच्चों के चयन की थी, लेकिन बढ़ती सफलता के चलते पिछले साल यह संख्या 200 और इस वर्ष 300 कर दी गई है।
आइआइटी दिल्ली में चयनित छात्र दीपांशु (भिवानी), आयुष दुबे (फरीदाबाद), आदित्य और वैभव (जींद), राहुल (महेंद्रगढ़), ख्याति (रोहतक) आइआइटी खड़गपुर में चयनित विद्यार्थी: निशांत (फरीदाबाद), विशाल (जींद), रोहित (रोहतक), सौम्या (महेंद्रगढ़), सुमित (पानीपत) सुपर-100: ग्रामीण भारत के सपनों की बड़ी उड़ान: सरकारी स्कूलों के ये बच्चे आज देश के सर्वोच्च इंजीनियरिंग संस्थानों तक पहुंचकर उन लाखों विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा बने हैं, जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़ा सपना देखने का साहस रखते हैं।

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