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    NIRF Ranking 2021: बेस्‍ट 100 संस्‍थानों की सूची में हरियाणा का एक भी नहीं, कुरुक्षेत्र विश्‍वविद्यालय, एमडीयू और जेजेयू रैंकिंग में पिछड़े

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Fri, 10 Sep 2021 02:06 PM (IST)

    NIRF Ranking 2021 मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन की नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेम वर्क की सूची जारी हुई। इसमें ओवरआल बेस्‍ट 100 शिक्षण संस्‍थानों में हरियाण ...और पढ़ें

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    नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेम वर्क की सूची।

    कुरुक्षेत्र, [विनोद चौधरी]। मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन की नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैकिंग फ्रेम वर्क के वीरवार को जारी देशभर के शिक्षण संस्थानों की ओवरआल सूची में पहले 100 में प्रदेश का कोई भी संस्थान जगह नहीं बना पाया है। हालांकि देशभर की यूनिवर्सिटी की सूची में प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों ने जगह बनाई है। इंजीनियरिंग संस्थानों की सूची में कुरुक्षेत्र का राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सर्वे में 50.59 अंकों के साथ 44वें स्थान पर रहा। इसकी रैंकिंग भी पिछले साल से चार पायदान नीचे चली गई। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय देशभर की यूनिवर्सिटी में 119 वां स्थान है, जबकि बीते वर्ष कुवि 99वें स्थान पर थी।

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    वीरवार को देशभर के संस्थानों की सूची जारी की गई है। इस सूची में प्रदेश के 36 विश्वविद्यालय और संस्थान प्रतिभागी थे। इन विश्वविद्यालयों में ओवरआल कैटेगिरी में देशभर के पहले 100 में प्रदेश का एक भी विवि और संस्थान जगह नहीं बना पाया है।

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    इंजीनियरिंग कैटेगिरी में एनआइटी का 44 वां स्थान

    इंजीनियरिंग की कैटेगरी में राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा हासिल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान कुरुक्षेत्र को देशभर में 44वां स्थान मिला है। गत वर्ष एनआइटी कुरुक्षेत्र इसी कैटेगरी में 40वां स्थान मिला था। इस साल एनआइटी कुरुक्षेत्र की रैंकिंग भी चार अंक खिसक गई है। इस साल एनआइटी को 50.59 मिले हैं, जबकि गत वर्ष एनआइटी ने अपनी उपलब्धि के आधार पर 51.19 अंक हासिल किए थे।

    119वें स्थान पर कुवि

    देशभर की यूनिवर्सिटी कैटेगिरी में प्रदेश का सबसे प्राचीन और ए प्लस प्लस ग्रेड हासिल कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय भी 119वें स्थान पर पहुंच पाया है। गत वर्ष इस सूची में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने देशभर के पहले 100 विवि में जगह बनाते हुए 99वां स्थान हासिल किया था। इस साल कुवि पहले 100 की सूची से बाहर हो गया है। हालांकि इसी कैटेगिरी में प्रदेश के तीन विवि ने जगह बनाई है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भी कुवि को इस श्रेणी में चौथा स्थान मिला है, जबकि देश भर की 150 विवि में प्रदेश के सात विश्वविद्यालयों ने जगह बनाई है।

    प्रथम 100 में प्रदेश के तीन विवि शामिल

    मिनिस्ट्री आफ एजुकेशन की नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेम वर्क के वीरवार को जारी देशभर के शिक्षण संस्थानों की ओवरआल सूची जारी की है। देशभर की यूनिवर्सिटी कैटेगरी में प्रदेश के तीन विश्वविद्यालयों ने पहले 100 में जगह बनाई है। इनमें रोहतक के महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय 78वां, गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय विज्ञान एवं तकनीकी हिसार ने 88वां और अशोका विश्वविद्यालय सोनीपत ने 95वां स्थान हासिल किया है।

    शिक्षकों की कमी से घटे अंक

    कुवि के लोकसंपर्क विभाग के निदेशक डा. ब्रजेश साहनी ने बताया कि कुवि में पिछले कई सालों से शिक्षकों की भर्ती रुकी हुई हैं। इसी कारण विद्यार्थी और शिक्षक का अनुपात सही न होने पर अंक कम हुए हैं। इसके लिए सरकार को पत्र लिखा गया है। सरकार इस पर जल्द कोई निर्णय लेगी। भर्ती न होने और शिक्षकों के लगातार सेवानिवृत्ति होने से पीएचडी शोधार्थियों की संख्या भी कम होती जा रही है। इससे पीएचडी को लेकर मिलने वाले अंक भी प्रभावित हुए हैं।