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हरियाणा की बेटी का कमाल, 36वीं राष्ट्रीय खेलों में तलवारबाजी में करनाल की तनिक्षा ने जीता गोल्ड

हरियाणा की बेटी ने 36वीं राष्ट्रीय खेलों में तलवारबाजी में गोल्‍ड मेडल जीता। करनाल की रहने वाली तनिक्षा ने गोल्‍ड मेडल जीता है। गुजरात में 36वीं राष्ट्रीय खेलों प्रतियोगिता हो रही है। परिजन बेटी की इस जीत से काफी खुश हैं।

By Yash palEdited By: Anurag ShuklaPublished: Mon, 03 Oct 2022 07:42 AM (IST)Updated: Mon, 03 Oct 2022 07:42 AM (IST)
हरियाणा की बेटी का कमाल, 36वीं राष्ट्रीय खेलों में तलवारबाजी में करनाल की तनिक्षा ने जीता गोल्ड
करनाल की बेटी तनिक्षा ने गोल्‍ड मेडल जीता।

करनाल, जागरण संवाददाता। असिक्रीडा (फेसिंग) मुकाबले में जीत के लिए फुर्ती और हाथ-पैरों का सही प्रयोग जरूरी है न कि बल का। लिहाजा, इस खेल में महिलाएं भी पुरुषों को मात दे सकती हैं। यह कहना है कि 19 वर्षीय तनिक्षा का। गुजरात में 36वीं राष्ट्रीय खेलों में इस बेटी ने तलवारबाजी में गोल्ड मेडल जीता है। तनिक्षा ने गोल्ड मेडल जीतकर साबित कर दिया कि बेटियां अगर किसी मुकाम को ठान लें तो उसे हासिल कर सकती हैं। तनिक्षा की जीत पर मधुबन पुलिस अकादमी सहित कर्ण स्टेडियम फेंसिग प्रशिक्षक सत्यवीर ने खुशी व्यक्त् की है। इस दौरान मेडल विजेता तनिक्षा की बहन शीतल दलाल ने कहा कि मुकाबले के दौरान बहन की जीत पर उसे पूरा यकीन था।

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दलाल बहनों ने अब तक जीते 128 मेडल

स्वजनों को दोनों बेटियों पर नाज है। तनिक्षा और उनकी चचेरी बहन शीतल दलाल तलवारबाजी में कर्णनगरी का नाम रोशन करते हुए सात साल के दौरान करने के लिए चीन में होने वाले मुकाबलों की तैयारी कर रही है। छह साल में दोनों ने राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय मुकाबलों में 128 से अधिक मेडल बटोरे चुकी हैं। जानकारी के अनुसार चीन में 18 से 29 अगस्त 2021 को वर्ल्ड यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में भारत से चयनित चार महिला खिलाड़ियों में कर्ण नगरी की चचेरी बहनें तनिक्षा और शीतल शामिल हो चुकी हैं। तनिक्षा और शीतल का दावा है कि पदकों की सीढ़ी चढ़कर ओलंपिक में तमगे जीतेंगी।

खेल का धार देने के लिए विश्वस्तरीय खिलाड़ियों के साथ अभ्यास

बेटियों को विश्वस्तरीय मुकाम दिलवाने के लिए परिवार ने निजी खर्चे पर फ्रांस के पेरिस में निजी प्रशिक्षक से दोनों को अभ्यास करवाया। नौ लाख रुपये खर्च कर दोनों बहनों को ओलंपियन, विश्व चैंपियन खिलाड़ियों के साथ खेलने का मौका दिया। तनिक्षा के पिता और शीतल के चाचा सोनू खत्री ने बताया कि नौ सितंबर-2020 को पेरिस गए थे और तीन महीने वहां दोनों बेटियों को अभ्यास करवाया है। उनका मानना है कि खेल बेहतर बनाने के लिए अच्छा प्रशिक्षण जरूरी है। इसी के बूते दोनों ने वल्र्ड यूनिर्वसिटी चैंपियनशिप में चयन के अलावा मेडल विजेता बनी हैं।

वर्ष-2014 से हाथों में पकड़ी तलवार

तनिक्षा के पिता व पुलिस अधिकारी सोनू खत्री ने बताया कि 23 सितंबर 2003 को तनिक्षा का जन्म हुआ जबकि शीतल का जन्म 10 नवंबर 2002 को हुआ। दोनों जूनियर व सीनियर मुकाबलों में अब तक 128 से अधिक पदक बटोर चुकी हैं। 14 वर्ष की उम्र में बहनों ने खेल अभ्यास शुरू कर दिया था। शीतल के पिता जोगिंद्र दलाल और माता नीलम का बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने का सपना रहा है। कोच अशोक खत्री, अनिल खत्री, सत्यवीर, विकास मोहित, कृष्ण और मुक्ति का ट्रेनिंग में विशेष सहयोग रहा है। शीतल और तनिक्षा ने फेसिंग में दिन-रात मेहनत कर स्कूल से राष्ट्रीय स्तर तक मेडल जीते। अब दोनों ओलपिंक में गोल्ड जीतना चाहती हैं।

छोटी उम्र में ऊंची उड़ान

करियर की उड़ान भरते हुए तनिक्षा ने 30वीं सीनियर नेशनल फेसिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल, 25वीं जूनियर नेशनल फेसिंग चैंपियनशिप में गोल्ड, 26वीं जूनियर नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड, एशियन कैडेट 2017 चैंपियनशिप अंडर-17 में गोल्ड मेडल, 16वीं नेशनल कैडेट हैदराबाद अंडर-17वीं में गोल्ड हासिल किया। जबकि शीतल ने नेशनल सब जूनियर एस कैडेट नेशनल चैंपियनशिप अंडर 17 में गोल्ड, इंटरनेशनल सैफ खेल 2019 में गोल्ड, नेशनल सब-जूनियर एस कैडेट नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड, 29वीं सीनियर नेशनल फेसिंग चैंपियनशिप में गोल्ड हासिल किए।


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