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    गुप्त नवरात्र पर्व, हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ में होगा मां भद्रकाली का विशेष पूजन

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Mon, 31 Jan 2022 03:18 PM (IST)

    मां भगवती के गुप्त नवरात्र पर हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ में होगा मां भद्रकाली का विशेष पूजन। दो फरवरी से 10 फरवरी तक गुप्त नवरात्र पर्व मनाया जाएगा। इस दौरान रोजाना माता के वस्त्र सेवा व पुष्ण श्रृंगार होगा।

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    दो फरवरी से 10 फरवरी तक गुप्त नवरात्र पर्व मनाया जाएगा।

    कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। हरियाणा के एकमात्र प्राचीन शक्तिपीठ श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर में मां भगवती के गुप्त नवरात्र पर मां भद्रकाली का विशेष पूजन होगा। दो फरवरी से 10 फरवरी तक गुप्त नवरात्र पर्व मनाया जाएगा। प्रतिदिन मंदिर में सायं मां भगवती की महाआरती होगी। रोजाना माता के वस्त्र सेवा व पुष्ण श्रृंगार होगा।

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    शक्ति की साधना का महापर्व नवरात्रि वर्ष में चार बार आता है। 

    नवरात्र में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की होती है पूजा

    प्रथम चैत्र मास में पहली वासंतिक नवरात्रि, आषाढ़ मास में दूसरी नवरात्रि, आश्विन मास में तीसरी और  माघ मास में चौथे नवरात्र आते हैं। इसमें से माघ मास व आषाढ़ गुप्त नवरात्र  के रूप में जाने जाते है। नवरात्र में देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है, वहीं गुप्त नवरात्रि में दस महाविद्याओं मां काली, मां तारा देवी, मां त्रिपुर सुंदरी, मां भुवनेश्वरी, मां छिन्नमस्ता, मां त्रिपुर भैरवी, मां ध्रूमावती, मां बगलामुखी, मां मातंगी और मां कमला देवी की साधना की आराधना की जाती है। गुप्त नवरात्र में शक्ति की साधना को अत्यंत ही गोपनीय रूप से किया जाता है। मान्यता है कि गुप्त नवरात्र की पूजा को जितनी ही गोपनीयता के साथ किया जाता है, साधक पर उतनी ज्यादा देवी की कृपा बरसती है।


    मां शब्द से पावन और पवित्र कोई शब्द नहीं

    श्रीदेवीकूप भद्रकाली मंदिर के पीठाध्यक्ष सतपाल शर्मा ने कहा कि भौतिक जगत में मां शब्द से बड़ा कोई पावन-पवित्र शब्द नहीं है, कोई पवित्र भाव नहीं है। मां की छत्रछाया में मां की गोद में बैठकर बच्चे निहाल हो जाते हैं, सुखी हो जाते है। स्वर्ग जैसा सुख मां के चरणों में ही मिल सकता है। सभी गुप्त नवरात्रे पर मां का पूजन करें। मंदिर में पांच फरवरी को बसंत पंचमी पर मां सरस्वती का पूजन होगा। बसंत पंचती के दिन मां सरस्वती जी का जन्म हुआ था। मां सरस्वती स्वर, वाणी, कलां संगीत, विद्या और बुद्धि प्रदान करने वाली ज्ञान की देवी हैं। सभी मां के बच्चे सरस्वती जी का पूजन करें। उससे उनकी बुद्धि का तीव्र विकास होगा और वे जीवन की सभी परीक्षाओं में सफल होंगे।