आपके काम की खबर, जीएसटी में बदलाव, जुर्माना देने के बाद ही कर सकेंगे अपील
अब जुर्माने का 25 फीसद जमा करने पर ही होगी अपील स्वीकार। कारोबारियों ने की अधिकारियों पर शिकंजा कसने की मांग। पहले गुड्स एवं सर्विस टैक्स में पकड़े गए माल में 10 फीसद जमा करने पर अपील किया जा सकता था।
पानीपत, जेएनएन। गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) में अभी तक कारोबारी पकड़े गए माल के टैक्स का 10 फीसद जमा करने पर अपील कर सकता है। अब इसमें बदलाव किया जा रहा है। अब माल पकड़े जाने की स्थिति में टैक्स का 10 फीसद जमा करने से काम नहीं चलेगा बल्कि जुर्माने का 25 प्रतिशत भरने पर ही प्रथम अपील में जा सकेगा। टैक्स चोरी, जीएसटी फर्जीवाड़े को रोकने के लिए ये प्रावधान किए जा रहे हैं। टैक्स चोरी पकड़ने पर टैक्स सहित जुर्माना कारोबारी पर लगता है।
यदि कारोबारी माल की गाड़ी पकड़ने वाली एनफोर्समेंट टीम द्वारा लगाए गए टैक्स और जुर्माने से संतुष्ठ नहीं है तो वह इसके लिए अपील अथारिटी के पास जा सकता है। अपील में वह अपनी बात रख सकता है यदि उस पर जबरन टैक्स, जुर्माना लगाया गया तो उसे राहत मिल सकती है। कईं बार देखने में आया है कि एनफोर्समेंट की टीम टैक्स चोरी का टारगेट पूरा करने के लिए टैक्स और जुर्माना गलत लगा देते हैं। व्यापारी को बोल भी देते हैं कि अपील कर लें।
जुर्माना पहले से दोगुना
बजट में इन मामलों को लेकर बदलाव किया गया है। अभी तक माल पकड़े जाने पर जितना टैक्स होता है, उतनी ही राशि का जुर्माना लगता था। नई व्यवस्था में माल पकड़े जाने पर अब टैक्स नहीं जुर्माना लगाने की व्यवस्था होगी। यह जुर्माना पहले से अब दोगुना होगा। यानी टैक्स की राशि को भी अर्थदंड के साथ ही जोड़ दिया जाएगा। माल पकड़े जाने पर जुर्माने की 25 फीसद राशि जमा करने के बाद ही कारोबारी को पहली अपील में जाने का मौका मिलेगा। इस तरह उसे अब पहले के मुकाबले पांच गुना राशि अपील में जाने के लिए चुकानी होगी।
प्रथम अपील के रास्ते खुले
टैक्स सलाहकार शिव कुमार मित्तल का कहना है कि जीएसटी अधिनियम की धारा 107 के तहत माल पकड़े जाने पर प्रथम अपील में जाने के रास्ते खुले हुए हैं। धारा 129 के तहत माल पकड़े जाने पर धारा 129(3) के तहत जुर्माना लगने पर अब जुर्माना का 25 फीसद जमा करना होगा, तभी अपीलीय अधिकारी अपील को स्वीकार करेगा। हालांकि, किसी अन्य मामले में कारोबारी अपील में जाएगा तो उसे जुर्माने की 10 फीसद राशि ही जमा करनी होगी।”
अधिकारियों पर भी लगे अंकुश
हरियाणा व्यापार मंडल ने जीएसटी चोरी रोकने के लिए उठाए गए कदमों का स्वागत किया है। इससे इमानदारी से कारोबार करने वाले राहत मिल सकती है, लेकिन यह राहत तभी मिलेगी जब अधिकारियों पर शिकंजा कसा जाए। पानीपत में जीएसटी फर्जीवाड़े में एक कारोबारी( संजय) को पकड़ा गया। उस पर 83 करोड़ टैक्स चोरी का केस बनाया गया। जबकि कोर्ट में जीएसटी अधिकारी 8 करोड़ टैक्स चोरी भी सिद्ध नहीं कर पाए।
टैक्स टेरर के नाम पर परेशान न करें
करनाल में भी इसी तरह 24 करोड़ का केस बना कोर्ट में चार करोड़ का टैक्स भी अधिकारी सिद्ध नहीं कर पाए। टैक्स टेरर के नाम पर कारोबारियों को परेशान करना गलत है। जीएसटी में 5 करोड़ से ऊपर टैक्स चोरी होने पर कारोबारी की जेल हो सकती है। इससे कम टैक्स चोरी होने पर भी अधिकारी कारोबारी को परेशान करने के लिए 5 करोड़ से ऊपर का केस बना देते हैं। इससे कारोबार ह्रास होता है। अन्य व्यापारी जो चोरी भी नहीं करते वे तनाव मे रहते हैं कहीं झूठा केस न बन जाएं। हरियाणा व्यापार मंडल ने इस मामले की शिकायत पीएम नरेंद्र मोदी को भी की है।
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