खुशखबरी, प्ले वे स्कूलों में बदले आंगनबाड़ी केंद्र, 1 अप्रैल से होंगे दाखिले
हरियाणा में आंगनबाड़ी केंद्रों को प्ले वे स्कूलों में बदला गया है। इन केंद्रों में अब एक अप्रैल से दाखिले की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इन स्कूलों ...और पढ़ें

अंबाला, जागरण संवाददाता। आंगनबाड़ी केंद्रों में 1 से दाखिले होंगे। इसके चलते स्कूल रेडीनेस मेले का आज आयोजन किया जाएगा। जिले में 253 आंगनबाड़ियों को प्ले वे स्कूलों में तब्दील किया गया है। इन आंगनबाड़ी केंद्रों में 1 अप्रैल से दाखिले शुरू होंगे। जहां नैनिहाल अब राशन लेने के साथ-साथ खेल-खेल में अक्षर ज्ञान प्राप्त करेगें। बच्चों को पढ़ाने को लेकर आंगनबाड़ी में काम करने वाली सुपरवाइजर व वर्करों को इसके बारे में पहले ही प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी मनीषा गागट ने बताया कि इन प्ले वे स्कूूलों में बच्चों की योग्यता और रूचियों को ध्यान में रखते हुए उनको शिक्षा प्रदान की जाएगी। आंगनबाड़ी से प्ले वे में तब्दील किए गए स्कूल पास के सरकारी स्कूल में चलाए जाएंगे। आंगनबाड़ी वर्करों द्वारा पहले ही इसके लिए बच्चों का सर्वे कर चुकी है। आंगनबाड़ी को तब्दील कर बनाए गए इन प्ले वे स्कूलों में 3 से 6 वर्ष तक के बच्चों को पूर्व स्कूली शिक्षा प्रदान की जाएगी। प्ले वे स्कूल में बच्चों को चुटकी बजाना, ताली बजाना, प्ले से खेलना, कागज फाडना, रस्सी कूदना, उछलना, सीढिय़ां चढना, उतरना व हल्का व्यायाम सिखाया जाएगा। जिसमें बच्चे का शारीरिक विकास होगा तो वही उसकी मासपेशियों का विकास भी होगा।
स्कूल रेडीनेस मेला का उदे्श्य यह सुनिश्चित करना है कि बच्चे स्कूल के लिए तैयार हों और माता-पिता अपने बच्चों की सीखने की जरूरतों से अवगत हों और इस यात्रा में सक्रिय रूप से उनका समर्थन करने में योगदान दे सकें। मेला एक सामुदायिक कार्यक्रम है जो स्थानीय समुदाय के सदस्यों को शामिल करने का प्रयास करता है, जिसमें सरकारी अधिकारी, आंगनबाड़ी वर्कर, स्कूल शिक्षक और विशेष रूप से माताएं और बच्चे शामिल है। मेला विभिन्न प्रकार के मजेदार कार्यो के माध्यम से बच्चों की स्कूल के लिए उनकी तैयारियों का आंकलन करने के लिए और नियमित रूप से परिवार के सदस्यों द्वारा घर पर की जा सकने वाली आकर्षक और विकासात्मक रूप से उपयुक्त गतिविधियों को प्रदर्शित करने के लिए है। मेले के 2 महीने के बाद माताओं के साथ विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा कि बच्चों के पढऩे का माहौल बनाने के लिए माताएं अपना अनुभव सांझा करेगीं, 4 महीने बाद माताओं को अपना अनुभव सांझा करने के लिए फिर से इस मेले का आयोजन किया जाएगा।

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