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    बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता हैं गणेश, आज से 10 दिन विशेष पूजन

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Wed, 31 Aug 2022 06:01 AM (IST)

    हिंदू कैलेंडर के मुताबिक गणेश चतुर्थी का पर्व बुधवार को 31 अगस्‍त को मनाया जा रहा है। घरों से लेकर दुकानों मोहल्‍लों में गणपति बप्‍पा के स्‍वागत की तैयारी पूरी हो गई है। यह पर्व पूरे दस दिन चलता है।

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    जगह-जगह गणेश महोत्‍सव के स्‍वागत की तैयारी।

    कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक हर महीने में दो गणेश चतुर्थी आती हैं। चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित मानी जाती है। भाद्रपद अमावस्या के बाद आने वाली गणेश चतुर्थी का काफी ज्यादा महत्व होता है।

    गणेश चतुर्थी को लेकर धर्मनगरी में गणेश भगवान सजकर तैयार हो गए हैं। लोगों ने इनको अपने घर पर विराजमान के लिए सब तैयारियां पूरी कर ली हैं। बाजार में भी रंग बिरंगे गणेेश की लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र कुरुक्षेत्र के संचालक डा. रामराज कौशिक ने बताया कि इस दिन को भगवान गणेश के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है।

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    यह मान्यता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी का त्योहार पूरे 10 दिन तक चलता है। 10वें दिन अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति बप्पा का विसर्जन भी किया जाता है। अनन्त चतुर्दशी के दिन श्रद्धालु धूमधाम के साथ सड़क पर जुलूस निकालते हुए भगवान गणेश की प्रतिमा का सरोवर, झील व नदी में विसर्जन करते हैं।

    गणेश चतुर्थी शुभ मुहूर्त

    चतुर्थी तिथि प्रारंभ - 30 अगस्त को शाम 03:33 बजे।

    चतुर्थी तिथि समाप्त - 31 अगस्त शाम 03:22 बजे।

    गणेश पूजा मुहूर्त- सुबह 11:24 से दोहपर 01:54 बजे।

    गणेश विसर्जन- नौ सितंबर को अनंत चतुदर्शी के दिन

    गणेश चतुर्थी के दिन बन रहे हैं ये शुभ योग

    रवि योग- सुबह 06:23 से एक सितंबर को सुबह 12:12 बजे तक।

    विजय मुहूर्त- रात 02:44 से रात 03:34 बजे।

    निशिता मुहूर्त- एक सितंबर को सुबह 12:16 से सुबह 01:02 बजे।

    मूर्ति स्थापित करते समय इस मंत्र का करें जाप

    अस्य प्राण प्रतिषठन्तु अस्य प्राणा: क्षरंतु च. श्री गणपते त्वम सुप्रतिष्ठ वरदे भवेताम..

    गणेशपूजने कर्म यत् न्यूनमधिकम कृतम.

    तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्न अस्तु गणपतिसदा मम..

    गणेश चतुर्थी के दिन ये करें अर्पित

    दुर्वा घास- भगवान गणेश को दूब घास अर्पित करना काफी शुभ माना जाता है। इस दिन दूब घास को गंगाजल से साफ कर इसकी माला बना लीजिए और भगवान गणेश को अर्पित करें।

    मोदक- गणेश को मोदक (लड्डू) बहुत प्रिय हैं। ऐसे में आप जितने दिन भी गणेश जी को अपने घर में रख रहे हैं। प्रत्येक दिन उन्हें मोदक का भोग जरूर लगाएं।

    केले- भगवान गणेश को केले भी काफी पसंद हैं। ऐसे में भगवान गणेश को लगने वाले भोग में केले को जरूर शामिल करें।

    सिंदूर- गणेश जी को सिंदूर अर्पित किया जाता है। सिंदूर को मंगल का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में इस दौरान रोजाना भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक जरूर लगाएं।