मेडिकल स्टोर से फ्री मिलेगी टीबी की दवा, स्वास्थ्य विभाग रखेगा स्टॉक
भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है।
जागरण संवाददाता, पानीपत भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। सरकार द्वारा 2014 मे जारी गाइड लाइन के मुताबिक अब निजी अस्पतालो, चिकित्सको व दवा विक्रेताओ को शेड्यूल एच-वन की दवाओ का रिकॉर्ड रखना होगा। टीबी मरीजो का डाटा विभाग उपलब्ध करना होगा। मरीज चुनिंदा मेडिकल स्टोर्स से दवा फ्री दवा ले सकेगे। स्वास्थ्य विभाग स्टॉक मुहैया कराएगा। जिला क्षय रोग अधिकारी एवं डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. मनीष गोयल ने मंगलवार को शहर के चुनिंदा दवा विक्रेताओ की बैठक बुलाकर, उन्हे यह जानकारी दी। डॉ. गोयल ने कहा कि टीबी ग्रस्त मरीज बीच मे ही दवा खाना छोड़ देता है। रोग अधिक गभीर हो जाता है। अनेक रोगी निजी चिकित्सको से भी उपचार कराते है। चिकित्सको व दवा विक्रेताओ द्वारा आंकड़े उपलब्ध नही कराने से मरीजो की सही गणना और बीच मे दवा छोड़ने वाले मरीजो की मॉनिट¨रग मे दिक्कते आ रही है। डॉ. गोयल ने कहा कि चिकित्सको व दुकानदारो को शेड्यूल एच-वन मे शामिल (करीब अस्सी फीसद एंटीबॉयोटिक दवाएं) का रिकॉर्ड रखना होगा। शासन से प्राप्त प्रारूप पर रिपोर्ट औषधि निरीक्षक कार्यालय मे देनी होगी। शेड्यूल मे शामिल दवा के रिकॉर्ड मे मरीज व चिकित्सका का नाम-पता, फोन नंबर आदि शामिल रहेगा। यह रिकॉर्ड तीन साल तक सुरक्षित रखना होगा। बैठक मे सुधीर खुराना, मनोहर लाल, मन्नू, सोनू तनेजा, जितेंद्र रहेजा, नवीन कथूरिया व तरुण आदि दवा विक्रेता शामिल रहे। जिले मे 2146 मरीज : स्वास्थ्य विभाग से मिले आंकड़ो के मुताबिक वर्ष 2016 मे टीबी रोगियो की संख्या 2069 थी। इस वर्ष यह संख्या बढ़कर 2146 तक पहुंच गई है। एमडीआर टीबी के रोगियो की संख्या 48 व एक्सट्रीमली ड्रग रेस्सिटेस (एक्सडीआर) के मरीजो की संख्या 5 तक है। टीबी रोग के लक्षण : -दो हफ्ते से अधिक हो रही खासी। -शाम को बुखार आना। -सीने मे दर्द की शिकायत होना। -भूख न लगना। -बलगम के साथ खून आना। -करीब 10 फीसदी तक वजन घटना। -बार-बार हाफना। -एमडीआर मरीजो को दर्द व सूजन। ये बरते सावधानी : -धुम्रपान व शराब का सेवन न करे। -धूल व धुएं वाले वातावरण से बचे। -रोग होने पर मुंह को रुमाल से ढके। -खांसते-छीकते समय मुंह नाक को ढके। -8-9 माह तक इलाज कराएं -पौष्टिक भोजन करे।
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