Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्‍त परमबीर सिंह का हरियाणा से है बेहद खासा नाता, जानें कैसे रहा है जुड़़ाव

    By Sunil Kumar JhaEdited By:
    Updated: Wed, 24 Mar 2021 12:52 PM (IST)

    अपने खुलासों से महाराष्‍ट्र की राजनीति में हड़कंप मचाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्‍नर परमबीर सिंह का हरियाणा से खास नाता रहा है। उनका पैतृक गांव और ससुराल दोनों हरियाणा में ही हैं। पैतृक गांव पांवटा और ससुराल क्‍योड़क के लोग परमबीर के समर्थन में हैं।

    Hero Image
    मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्‍नर परमबीर सिंह की फाइल फोटो।

    नई दिल्ली/कैथल, [बिजेंद्र बंसल/पंकज आत्रेय]। अपने कथित खुलासे महाराष्‍ट्र की राजनीति में हड़कंप मचाने वाले मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्‍नर परमबीर सिंह का हरियाणा से खास नाता रहा है। उनका पैतृक गांव फरीदाबाद का पांवटा गांव है तो उनकी शादी कैथल जिले के क्‍योड़क गांव में हुई थी। परमबीर की स्‍कूली पढ़ाई कैथल में ही हुई थी। परमबीर के महाराष्‍ट्र में किए 'खुलासों' को उनके पैतृक गांव और ससुराल के लाेग बेहद साहसिक मानते हैं। उनका कहना है कि परमबीर ने अपने नाम के अनुरूप साहस दिखाया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पद रहते खुलासे करते तो और बेहतर होता : प्रकाश सिंह

    फरीदाबाद के गांव पांवटा के मूल निवासी मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह के पक्ष में उनके कुनबे व गांव के लोग खुलकर सामने आए हैं। उनके समर्थन में उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक और सेवानिवृत्त आइपीएस अधिकारी प्रकाश सिंह भी हैं। यद्यपि वह कहते हैं कि परमबीर पद पर रहते हुए यह रहस्योद्घाटन करते तो बेहतर होता।

    प्रकाश सिंह चाहते हैं कि परमबीर सिंह के सीएम को लिखे पत्र को ही आधार बनाकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री के खिलाफ एफआइआर दर्ज हो। इस एफआइआर की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो। यह जांच सीबीआइ भी कर सकती है और किसी अच्छी छवि के प्रशासनिक या न्यायिक अधिकारी से भी कराई जा सकती है।

    प्रकाश सिंह का कहना है कि बड़े शहरों में अफसरशाही खासतौर पर पुलिस के अधिकारी, राजनेता और आपराधिक लोगों का एक गठजोड़ पहले से चल रहा है। इसके बारे में खुद महाराष्ट्र के एक पुलिस अधिकारी ने उन्हेंं एक टीवी शो के दौरान बताया था। मगर परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के गृहमंत्री को कठघरे में खड़ा करते हुए जो पत्र सीएम को लिखा है, यह इस गठजोड़ का सबसे ताजा और बड़ा उदाहरण है।

    पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधारों को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ चुके प्रकाश सिंह का कहना है कि पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह ने यह पत्र यदि पुलिस आयुक्त रहते हुए लिखते तो पूरा देश उन्हेंं सिर आंखों पर बैठाता। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में है मगर उनका सुझाव है कि शीर्ष अदालत इस मामले में महाराष्ट्र से जुड़े बड़े राजनेताओं और अधिकारियों के बयानों को  भी इस जांच का हिस्सा बनाए ताकि आने वाले दिनों में इस केस के पहलू बदले न जा सकें।

    भाई ने नाम के अनुरूप उठाया कदम

    परमबीर के पिता हिमाचल प्रदेश में तहसीलदार रहे। परमबीर का जन्म चंडीगढ़ में हुआ था, लेकिन उनके कुनबे के लोग अभी गांव पावटा में रहते हैं। पारिवारिक रिश्ते में उनके भाई धर्मबीर भड़ाना का कहना है कि परमबीर ने अपने नाम के अनुकूल बड़ा साहसिक कदम उठाया है। अब सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में संज्ञान लेते हुए न सिर्फ परम को एक बार फिर मुंबई पुलिस आयुक्त नियुक्त करना चाहिए बल्कि उनके द्वारा लिखे पत्र के आधार पर सीबीआइ को जांच सौंप देनी चाहिए। गुर्जर जागृति मिशन के अध्यक्ष यतेंद्र सिंह नागर का कहना है कि परमबीर की इस दिलेरी को पुलिस सर्विस के इतिहास में याद किया जाएगा।

    कांग्रेस विधायक भी परमबीर के पक्ष में

    फरीदाबाद एनआइटी के विधायक नीरज शर्मा का कहना है कि परमबीर ने जो साहस दिखाया है, वह काबिले तारीफ है। परमबीर जिस समुदाय से हैं उसने देश को तमाम योद्धा दिए हैं, जिन्होंने राष्ट्रहित में अपना सर्वस्व अर्पित कर दिया।

    -------

    कैथल में बीता मुंबई के पूर्व कमिश्नर परमबीर का बचपन, यहीं हुई शादी

    परमबीर सिंह के हौसले को कैथल और गांव क्योड़क में खूब सराहा जा रहा है। गांव क्योड़क में उनकी ससुराल है और उनकी स्कूली पढ़ाई भी कैथल में ही हुई थी। परमबीर को लेकर उनकी ससुराल में खूब चर्चा है। उनके जानने वाले यह कहते हैं कि बचपन से ही परमबीर निडर रहे हैं। कभी न कभी तो गलत के खिलाफ उन्हें खड़ा होना ही था।

    परमबीर सिंह के पिता होशियार सिंह वर्ष 1973-74 में कैथल के एसडीएम थे। तब कैथल जिला नहीं था। कुरुक्षेत्र जिले का महज एक सबडिवीजन था। इसके चलते परमबीर का दाखिला यहां के ओमप्रभा जैन माडर्न स्कूल में कराया गया। उनकी स्कूली पढ़ाई यहीं से हुई। उस दौरान गांव क्योड़क के कद्दावर गुर्जर नेता समाजसेवी राव नर सिंह दास और उनके बेटे एडवोकेट रघुविंद्र सिंह तंवर से होशियार सिंह की घनिष्ठता रही, जो बाद में रिश्तेदारी में बदल गई।

    वर्ष 1986 में एडवोकट रघुविंद्र सिंह की बेटी सविता के साथ परमबीर सिंह का विवाह हुआ। तब वह कस्टम विभाग में कार्यरत थे। दो साल तक कस्टम में रहने के बाद उन्होंने आइपीएस की परीक्षा पास की। परमबीर सिंह को महाराष्ट्र कैडर मिला था। सविता ने कैथल के आरकेएसडी कालेज से एमए तक पढ़ाई की है। सितंबर 2017 में अपने ससुर एडवोकेट रघुविंद्र सिंह की मृत्यु पर परमबीर सिंह कैथल आए थे।

    परमबीर के जानकार जगदीश बहादुर खुरानिया बताते हैं कि वह जाबांज पुलिस अधिकारी हैं। उन्हें अपने पिता होशियार सिंह से अच्‍छे संस्कार मिले हैं, जो कि प्रशासनिक सेवा में रहते हुए और सेवानिवृत होने के बाद भी समाज सेवा में जुटे रहे। चंडीगढ़ के सेक्टर 30 स्थित गुर्जर भवन में उन्होंने लंबे समय तक सेवा की और हर तरह से सहयोग दिया।

    अच्छे क्रिकेटर रहे हैं परमबीर

    यहां उनसे जुडे एक सदस्य ने बताया कि परमबीर सिंह का बचपन भी पूरी तरह से हरफनमौला रहा। वे शुरुआत से ही निर्भिक रहे हैं। पढ़ाई में तो अव्वल थे ही, एक बेहतरीन क्रिकेटर भी रहे।