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    बाढ़ से हरियाणा के छह जिलों में भारी तबाही, फतेहाबाद में 19 मकान ढहे; पानीपत में 15 हजार एकड़ फसल खराब

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 08:32 AM (IST)

    हरियाणा में आई बाढ़ से यमुनानगर हिसार सिरसा फतेहाबाद झज्जर और रोहतक जिलों के आधे से ज्यादा खेतों में फसलें बर्बाद हो गई हैं। फतेहाबाद में 75 हजार एकड़ धान की फसल को भारी नुकसान हुआ है। भिवानी में कपास की फसल भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। बाढ़ के कारण कई स्कूल बंद हो गए हैं और यमुनानगर में जमीन का कटाव हुआ है।

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    बाढ़ से हरियाणा के छह जिलों में भारी तबाही (जागरण फोटो)

    जागरण टीम, पानीपत। हरियाणा में हाल ही में आई बाढ़ ने कई जिलों में व्यापक तबाही मचाई है। खेतों में जलभराव और फसलों को गंभीर नुकसान हुआ है।

    छह जिले यमुनानगर, हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, झज्जर व रोहतक में आपदा ने आधे से ज्यादा खेतों में पूरी फसल बर्बाद कर दी है। यहां तक की स्कूलों में शिक्षा भी बाधित हुई है।

    विभिन्न जिलों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में फसलें बर्बाद हो गई हैं और कई लोग बेघर हो गए हैं। आप भी पढ़ें सर्वाधिक प्रभावित जिलों का हाल।

    • धान: फतेहाबाद में 75 हजार, हिसार में 25 हजार व जींद में 45 हजार एकड़ में फसल को 60 प्रतिशत से ज्यादा नुकसान है
    • कपास: भिवानी जिले में 3,000 और चरखी दादरी में 2,700 एकड़ में फसल में 70 से 100 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है
    • स्कूल: कैथल के गुहला-चीका खंड में 146, फतेहाबाद में 17 स्कूल अब भी बंद रखने पड़ रहे हैं बाढ़ के असर के कारण
    • जमीन खोई: यमुनानगर में यमुना नदी के कटाव में 1,500 एकड़ जमीन समा गई, करनाल में 300 एकड़ में कटाव हुआ है

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    फतेहाबाद: जिले में घग्घर नदी का जलस्तर 15,400 क्यूसेक तक पहुंच गया है। यहां 192 गांवों के 11,965 किसानों की 75,125 एकड़ फसलें प्रभावित हुई हैं, जिसमें कपास और नरमा की फसलें 70 प्रतिशत तक बर्बाद हो गई हैं। बाढ़ के कारण 300 घरों में पानी भर गया है, 19 मकान गिर गए हैं और दो लोगों की मौत हो गई है।

    करनाल: जिले में भी बाढ़ का असर देखने को मिला है। यमुना में 337000 क्यूसेक पानी आने से 17 गांवों की 300 एकड़ जमीन जलमग्न हो गई है। इंद्री ब्लाक, कुंजपुरा और घरौंडा ब्लाक की फसलें प्रभावित हुई हैं। यहां 300 एकड़ जमीन में कटाव हुआ है। विभिन्न गांवों में फसल नुकसान का अनुमान 10 से 50 प्रतिशत तक है।

    भिवानी: जिले में 18591 किसानों ने क्षति पूर्ति पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। यहां 1,13,751 एकड़ क्षेत्र में फसलें प्रभावित हुई हैं, जिसमें धान, कपास और बाजरा शामिल हैं। 40 गांवों में बाढ़ का असर पड़ा है और 25 स्कूल बंद हैं।

    कैथल: जिले में घग्घर नदी का जलस्तर 53695 क्यूसेक तक पहुंच गया है। यहां 39 गांवों की 6000 एकड़ फसलें प्रभावित हुई हैं। 8 घरों को नुकसान हुआ है और 146 सरकारी स्कूल बंद हैं।

    अंबाला में टांगरी नदी में 5,000 क्यूसेक और घग्घर में 6,600 क्यूसेक पानी है। यहां 3,200 एकड़ फसलें खराब हुई हैं और 85 गांव प्रभावित हुए हैं। हालांकि, जिले में रेल ट्रैक सुरक्षित है और 754 सरकारी तथा 250 निजी स्कूल खुले हैं।

    पानी में डूबे गांव 

    जींद जिले में 35 से अधिक गांवों में जलजमाव है। यहां 25 हजार एकड़ से अधिक फसलें प्रभावित हुई हैं। किसानों ने 45816 एकड़ फसल में नुकसान की शिकायत की है।

    सिरसा में घग्घर का जलस्तर 39780 क्यूसेक है। यहां 310 गांव प्रभावित हुए हैं और 13351 किसानों ने क्षति पूर्ति पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। पानीपत जिले में यमुना के पानी के कारण 18 गांवों की 4500 एकड़ फसल जलमग्न हुई है। यहां कुल 14 हजार एकड़ फसल बर्बाद हुई है।

    कुरुक्षेत्र में 200 गांवों में 3591 किसानों की 23574 एकड़ फसल खराब हुई है। हिसार में बाढ़ के कारण 276 गांव प्रभावित हुए हैं। यहां 41147 किसानों ने 259756 एकड़ फसल में नुकसान की शिकायत की है। झज्जर जिले में बुपनिया के पास तटबंध टूटने से हालात गंभीर हो गए थे।