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    पानीपत के गांवों में बाढ़ का कहर, यमुना में उफान के बाद घरों में घुसा पानी; 19 एकड़ फसल भी जलमग्न

    Updated: Tue, 19 Aug 2025 08:41 AM (IST)

    पानीपत समेत कई उत्तरी जिलों में भारी बारिश के बाद नदियां उफान पर हैं जिससे यमुनानगर में सैकड़ों एकड़ भूमि नदी में समा गई। यमुनानगर कुरुक्षेत्र अंबाला करनाल और पानीपत में लगभग 19 हजार एकड़ फसल जलमग्न हो गई। हथनीकुंड बैराज पर यमुना का बहाव 72302 क्यूसेक दर्ज किया गया। कई गांवों में बाढ़ जैसी स्थिति है जिससे जनजीवन प्रभावित हुआ है और प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है।

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    पानीपत के गांवों में बाढ़ का कहर, कई घर हुए पानी-पानी (जागरण फोटो)

    जागरण टीम l पानीपत। पहाड़ों में वर्षा रुकने के बाद भी सोमवार को कई नदियां रौद्र रूप में रही। जैसे-जैसे पानी आगे बढ़ रहा है, नुकसान भी हो रहा है।

    यमुनानगर के कई गांवों में सैकड़ों एकड़ भूमि यमुना नदी में समा गई। यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, करनाल और पानीपत में 19 हजार एकड़ से अधिक फसल में पानी भर गया।

    हथनीकुंड बैराज पर 72,302 क्यूसेक यमुना का बहाव रिकार्ड किया गया। सोम नदी में 600 क्यूसेक पानी बहा। अंबाला के मुलाना में मारकंडा नदी 31 हजार क्यूसेक हो गया। हेमामाजरा गांव की गलियों में पानी भर गया।

    गोला गांव में भी बेगना नदी का पानी गलियों में पहुंच गया। उधर, पानीपत, कैथल, यमुनानगर में वर्षा हुई। अंबाला के मुलाना क्षेत्र में बेगना नदी के पानी ने खेतों से होते हुए तबाही मचाई।

    मुलाना क्षेत्र के नहौनी टमनौली मार्ग, नेशनल हाईवे पर साहा नहौनी फ्लाइओवर सर्विस लेन, ब्राह्मण माजरा नहौनी रोड, गोला टमनौली रोड जलमग्न हो गए।

    कालपी फ्लाईओवर के नीचे से मुलाना जाते समय नेशनल हाईवे 344 की एक लेन पूरी तरह जलमग्न हो गई। जिसके चलते हाईवे की एक तरफ से ट्रैफिक बंद कर एक ही लेन से दोनों तरफ की आवाजाही जारी की गई। नेशनल हाईवे किनारे ब्राह्मण माजरा के नजदीक बने कई ढाबों में पानी भर गया। सोमवार को जलस्तर 27 हजार 700 क्यूसेक पर पहुंच गया।

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    सात गांवों में जनजीवन प्रभावित

    सात गांवों में जनजीवन प्रभावित हो गया। अभी पानी और बढ़ने की संभावना है। शाहाबाद खंड के कठवा, कलसाना, मलकपुर, गुमटी, पट्टी जामड़ा, तंगौर और मुगलमाजरा गांव में फसलों पर भारी असर पड़ा है। गांव कठवा और तंगौर में ग्रामीणों के अनुसार लगभग 5600 एकड़ में खड़ी फसलें पूरी तरह नष्ट हो चुकी हैं, जबकि अन्य गांवों में सात हजार एकड़ क्षेत्रफल जलमग्न है।

    कठवा-कलसाना-मलकपुर सहित कई गांवों की मुख्य सड़कों पर नदी का पानी बहता दिखाई दे रहा है। बढ़ते जलस्तर को देखते हुए कुरुक्षेत्र प्रशासन ने सभी संवेदनशील गांवों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।

    एसडीएम डॉ. चिनार चहल के नेतृत्व में टीमें हालात पर नजर बनाए हुए हैं और नदी के किनारे बसे गांवों में सरपंचों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मुनादी करवाकर लोगों को सतर्क करें और आवश्यक स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरण सुनिश्चित करें। मारकंडा से बाढ़ जैसे हालात से गांव कठवा और पट्टी जामड़ा में हालात बेहद खराब हो गए हैं।

    कई एकड़ फसल हुई तबाह

    करनाल-पानीपत में यमुना से नुकसान दोनों जिलों में पांच हजार एकड़ फसल को नुकसान हुआ है। खतरे के निशान को छूकर पानी घटने लगा।

    सिंचाई विभाग ने गांवों में अलर्ट कर दिया है। नदी के जलस्तर पर नजर रखने के लिए बांध पर टीम तैनात कर दी है। जेई और बेलदारों को मुस्तैद रहने के निर्देश दिए गए हैं।

    यमुनानगर में हिमाचल की सीमा से सटे हरियाणा के अंतिम गांव रामपुर गेंड़ा में आवागमन का एकमात्र जरिया पुल है। इसके नीचे से मिट्टी बह गई। जिस कारण इस पुल से आवागमन बंद कर दिया गया। अब आपात स्थिति में आवागमन न होने से परेशानी खड़ी हो गई है।