पानीपत के बॉयोफ्लॉक फिश फॉर्मर बिजेंद्र मलिक से धोखाधड़ी, दंपती पर लगाए आरोप
फिश फॉर्मर बिजेंद्र मलिक ने दंपती पर लगाए धोखाधड़ी के आरोप लगाया है। मंत्रियों और आला प्रशासनिक अधिकारियों को शिकायत भेज इंसाफ की मांग उठाई है। ...और पढ़ें

पानीपत, जेएनएन। निंबरी गांव स्थित बॉयोफ्लॉक फिश फार्म के संचालक बिजेंद्र मलिक ने गांव की ही नीलम और पति मनोज पर एससी/एसटी एक्ट और धोखाधड़ी का झूठा मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया। डीएसपी वीरेंद्र सैनी दस्तावेजों के आधार पर मामले की जांच कर रहे हैं। बिजेंद्र मलिक के फार्म हाउस पर कुछ दिन पहले केंद्रीय मंत्री डा.संजीव बाल्याण आए थे।
फार्म संचालक बिजेंद्र मलिक ने बताया कि उन्होंने साल 2018 में पानीपत फिशरिज के नाम से फर्म बनाकर मछली पालन का काम शुरू कर दिया था। गांव के मनोज का सेक्टर 18 में मकान बन रहा था। मनोज से उससे 15 लाख रुपये उधार मांगे। खुद को एडीजीपी परविंद्र राय का जानकार बताया। सरकार से बड़ी ग्रांट दिलाने का झांसा दिया। मनोज और उसकी पत्नी नीलम के झांसे में आकर उन्होंने बैंक मैनेजर से बातचीत की। मैनेजर ने एससी कल्याण योजना के तहत नीलम के नाम जमीन पर 30 लाख रुपये का लोन देने की बात कही। आरोपितों के बहकावे में आकर उसने अपनी दो कनाल दो मरला जमीन नीलम के नाम करा दी थी। इसकी आज तक पेमेंट नहीं मिली है। वहीं कामकाज के बहाने आरोपित दंपती ने उससे 11.78 लाख रुपये भी ठग लिए।
बता दें कि दंपती ने बिजेंद्र मलिक पर धोखाधड़ी कर फार्म हड़पने, बदसुलूकी करने और जातिसूचक शब्द कहने का आरोप लगाया था। आरोप है कि बिजेंद्र मलिक ने उन्हें जबरन बिजनेस से बेदखल किया था। वहीं डीएसपी वीरेंद्र सैनी ने बताया कि फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।
चेक से फर्जीवाड़ा करने का किया दावा
बिजेंद्र मलिक ने बताया कि जमीन खरीदते वक्त दंपती ने 4 फरवरी को उसे 8.27 लाख रुपये का चेक दिया था। जिसका नंबर रजिस्ट्री के स्टांप में भी दर्ज है। चेक की वैधता 3 मई को खत्म हो गई थी, जबकि 30 मई को दंपती ने मैनेजर से सांठ-गांठ करके उसके खाते में रुपये ट्रांसफर कर दिए। दंपती ने महज एक मिनट बाद ही पूरी रकम वापस निकाल ली। उन्हें आज तक भी जमीन की पेमेंट नहीं मिली है। अब दंपती उसी जमीन पर अपनी मलकियत साबित कर रहा है।

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