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    किसान रहें सावधान, धान की फसल को बर्बाद कर सकता है तना छेदक रोग, जानिए कैसे रोकें

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Thu, 02 Sep 2021 04:16 PM (IST)

    कैथल में किसानों को सावधान रहने की जरुरत है। तना छेदक रोग धान की फसल को बर्बाद कर सकता है। यदि खेतों में एक या दो पौधों में तना छेदक लगा हुआ दिखाई पड़ रहा है तो आपको तत्काल उसकी रोकथाम के लिए दवाओं का प्रयोग करना चाहिए।

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    फसलों को बर्बाद करता है तना छेदक रोग।

    कैथल, जागरण संवाददाता। मौसम में उतार-चढ़ाव के चलते तना ।छेदक बीमारी के प्रति किसान सचेत रहिए। क्योंकि तना छेदक रोग धान की फसल को बर्बाद कर सकता है। इसलिए तना छेदक रोग के लिए खेत में 15 से 20 दिन के अंतर पर निगरानी जरूर करते रहना चाहिए और यदि हमारे खेत में एक या दो पौधों में तना छेदक लगा हुआ दिखाई पड़ रहा है, तो हम को तत्काल उसकी रोकथाम के लिए दवाओं का प्रयोग करना चाहिए। इस बीमारी से बचाव के लिए किसानों को चाहिए कि वे 400 ग्राम सिक्सर नामक दवा को दो सौ से ढ़ाई सौ किलोग्राम पानी में मिला कर छिड़काव करे। 

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    ये है पहचान 

    डा. रमेश चंद्र ने बताया कि तना छेदक रोग पौधे को अंदर से खाता रहता है। उसके बाद तना सूखा हुआ दिखाई पड़ता है, उसके बाद पीला दिखाई पड़ने लगेगा। फिर कुछ दिन बाद पौधा लाल कलर का हो जाएगा और उसके बाद पूरा सूख जाता है। तो इस प्रकार से हम तना छेदक रोग को पहचान सकते हैं। इसके अंदर जो कीड़ा लगता है वह चावल के दाने जैसा बिल्कुल सफेद होता है। इसका मुंह काला या बुरा होता है। कीट तना के अंदर घुसकर मुलायम भाग को खाता है, जिसके चलते पौधे का तना सूख जाता है। बाद में बालियां सफेद हो जाती है। 

    ऐसे करें बचाव

    7. 5 किलोग्राम  कारटाप हाइड्रोक्लोराइड पदान को 10 किलो सूखी बालू रेत में मिलाकर पौधा रोपण के 30 व 50 दिन बाद प्रति एकड़ फसल में डाले। ऐसा करने से पत्ता लपेट सुंडी भी मर जाती है। धान में तनाछेदक कीट के नियंत्रण के लिए कार्बाफ्यूरान 3 जी दानेदार 25 किलोग्राम अथवा फोरेट 10 जी दानेदार 10 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से खेत में नमी की स्थिति में व्यवहार किया जा सकता है। विलंब की स्थिति में एसिफेट 75 फीसद एसपी का एक ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए।

    यदि पत्र लपेटक कीट का प्रकोप हो, तो सबसे कारगर दवा मोनोक्रोटोफास है। इस दवा को दो एमएल एक लीटर पानी में मिलाकर खेतों में छिड़काव करने से इन कीटों पर नियंत्रण पाया जा सकता है। एक बीघा खेत के लिए 150 लीटर पानी में 300 एमएल मोनोक्रोटोफास मिलाकर मशीन से छिड़काव करना चाहिए।