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    बाजार में नहीं मिल रहे थे कच्ची हल्दी के दाम, तो किसान ने उठाया ये अनोखा कदम

    By Rajesh KumarEdited By:
    Updated: Wed, 30 Mar 2022 11:23 AM (IST)

    बाजार में नहीं मिले कच्ची हल्दी के दाम तो प्रोसेसिंग के लिए आगे आया किसान। स्लाइस कटिंग की समस्या का हुआ समाधान कटिंग के लिए मुफ्त मशीन उपलब्ध करवा रहे किसान धर्मवीर। यह मशीन एक घंटे में इतनी हल्दी काट सकती है जितनी कि 40 मजदूर काटते हैं।

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    बाजार में नहीं मिल रहे कच्ची हल्दी के दाम।

    यमुनानगर, जागरण संवाददाता। बाजार में हल्दी के दाम नहीं मिले तो बहादुरपुर के किसान जगदेव कांबोज ने प्रोसेस करना शुरू कर दिया। अब इसको बाजार में बेचा जाएगा ताकि अच्छे दाम मिल सकें। यह संभव हो पाया है दामला के प्रगतिशील किसान धर्मवीर के प्रयासों से। दरअसल, हल्दी को प्रोसेस करने से पहले बड़ी समस्या कटिंग करने की रहती है, लेकिन धर्मवीर ने हल्दी काटने की मशीन तैयार कर इस समस्या का समाधान कर दिया। किसान जयदेव पंचायत विभाग से बतौर सचिव रिटायर हैं और इन दिनों सेक्टर-15 में रह रहे हैं। 

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    हल्दी काटने की समस्या हुई दूर 

    किसान जयदेव कंबोज ने बताया कि उसने अपने खेतोें में हल्दी की फसल उगाई हुई थी। फसल तैयार होने के बाद गत दिनों बाजार में बेचने के लिए गए तो आठ-10 रुपये प्रति क्विंटल रेट बताया। जबकि लागत को देखते हुए यह बहुत ही कम है। उसने निर्णय लिया कि क्यों न हल्दी को उबालकर इसे पीसा जाए। लेकिन एक ट्राली हल्दी को फोड़कर सुखाना बहुत मुश्किल था। उन्होंने इस बारे किसान धर्मवीर कंबोज से संपर्क किया। उसके बाद उन्होंने हल्दी काटने की मशीन उपलब्ध करवाई। मशीन का वजन लगभग 10 किलो है।

    खास बात यह है कि एक घंटे में इतनी हल्दी काट सकती है जितनी कि 40 मजदूर काटते हैं। हल्दी के स्लाइस बनाकर काटना काफी मेहनत का काम था जोकि बहुत आसान हो गया है। अब अपने खेत की आर्गेनिक हल्दी को सुखाकर अपने नाम ब्रांड कर बेचने का मन बनाया। तैयार हल्दी पाऊडर 200 रुपये तक बाजार में बिक जाता है।

    प्रोसेसिंग की ओर बढ़ें किसान

    किसान जयदेव ने बताया कि हल्दी की फसल किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। बशर्ते उनको प्रोसेसिंग की ओर बढ़ना पड़ेगा। क्योंकि बाजार में कच्ची हल्दी के पर्याप्त दाम नहीं मिलते। जबकि लागत अधिक आती है। यदि किसान हल्दी उबालकर, उसकी कटिंग करके पीस लें तो अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। वह दो वर्ष से हल्दी की खेती करते आ रहे हैं। इन दिनों हल्दी की कटिंग करके उसको छत पर सुखाया जा रहा है। उसके बाद उसको मशीन से पीस लिया जाएगा। 

    निशुल्क उपलब्ध करवा रहे मशीन

    प्रगतिशील किसान धर्मवीर ने बताया कि हल्दी उत्पादकों के लिए सबसे बड़ी समस्या कटिंग की रहती है। मशीन न होने पर उबालने के बाद चाकू से काटना पकड़ता है जोकि लंबी प्रक्रिया है। यदि एक एकड़ में तैयार हल्दी को काटना पड़  जाए तो काफी समय व लेबर लग जाती है। किसानों की इस समस्या को देखते हुए उसने स्लाइस कटिंग मशीन तैयार की है। हल्दी के साथ-साथ अदरक, मिर्च व गाजर की स्लाइस भी काट सकती है।  किसान जगदेव के साथ-साथ फतेहगढ़ के किसान प्रिंस ने भी 25 क्विंटल हल्दी इसी मशीन से काटी है।