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कांडला पोर्ट से श्रमिकों का पलायन, मुश्किल में हरियाणा के उद्यमी, लोडिंग व अनलोडिंग का काम ठप

हरियाणा के उद्ममियों के लिए नई परेशानी पैदा हो गई है। उनका माल कांडला पोर्ट से श्रमिकों के पलायन के कारण फंस गया है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 13 May 2020 02:01 PM (IST)Updated: Wed, 13 May 2020 02:01 PM (IST)
कांडला पोर्ट से श्रमिकों का पलायन, मुश्किल में हरियाणा के उद्यमी, लोडिंग व अनलोडिंग का काम ठप

करनाल, [पवन शर्मा]। लॉकडाउन के तीसरे दौर में उद्योग धंधों को पटरी पर लाने के लिए जीतोड़ प्रयास हो रहे हैं, लेकिन हरियाणा के उद्यमियों के सामने नया संकट है कि उनका बड़ा स्टॉक कांडला पोर्ट पर फंस गया है। वहां बड़े पैमाने पर कामगारों ने पलायन कर दिया है। हरियाणा में करनाल के एग्रीकल्चर मशीनरी, फूड क्लस्टर व चावल कारोबार, पानीपत के टेक्सटाइल उद्योग सहित राज्य के तमाम प्रमुख उद्योग-धंधों पर इसका लगातार प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

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आयात-निर्यात प्रक्रिया बाधित, ऑर्डर रद होने का भी खतरा पोर्ट प्रशासन से निरंतर संपर्क में हैं उद्यमी

हालांकि कांडला स्थित दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट के ट्रस्टी एमएल बेलानी की अगुवाई में तमाम जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। श्रमिकों को आश्वस्त किया जा रहा है कि उनकी हर सुख सुविधा का ख्याल रखा जाएगा। हरियाणा के भी उद्यमी पोर्ट प्रशासन के संपर्क में हैं ताकि समय रहते वैकल्पिक व्यवस्थाएं हो सकें।

गौरतलब है कि गुजरात के कच्छ जिले में कांडला स्थित दीनदयाल पोर्ट देश का सबसे बड़ा बंदरगाह है, जहां हरियाणा ही नहीं बल्कि पूरे देश से विभिन्न प्रकार की वस्तुओं के आयात-निर्यात का पहिया घूमता है। कार्गो हैंडलिंग में इसके नाम अनेक उपलब्धियां दर्ज हैं और यहां से हर वर्ष तकरीबन 85 हजार मिलियन टन से ज्यादा कार्गो की पहुंच से लेकर उठान तक किया जाता है।

केंद्रीय जहाजरानी मंत्रालय से संबद्ध दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट इसकी देखरेख करता है। इसके ट्रस्टी व कांडला ट्रांसपोर्ट एंड डॉक वर्कर्स यूनियन के महासचिव एमएल बेलानी ने जागरण से बातचीत में माना कि पोर्ट में कामकाज बुरी तरह प्रभावित है। ऐसा यहां से श्रमिकों के बड़े पैमाने पर पलायन करने के कारण हुआ है। यहां कई राज्यों से पहुंचे वाहनों पर या तो हजारों टन माल फंसा है अथवा वे समुद्री जहाजों के जरिए आने वाले माल को लोड करने के इंतजार में यहां खाली खड़े हैं।

मौजूदा हालात पर चर्चा में ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय सेतिया बताते हैं कि सीजन के दौरान अकेले हरियाणा से प्रतिमाह हजारों टन कांडला और अन्य बंदरगाहों पर पहुंचता है लेकिन वहां माल का उठान नहीं होने से ऑर्डर रद होने की आशंका बढ़ गई है।

हरियाणा चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सीनियर स्टेट वाइस प्रेसीडेंट अमित गुप्ता बताते हैं कि करनाल से मुख्यत: चावल व एग्रीकल्चर मशीनरी सहित फुटवियर व फार्मा उत्पाद, पानीपत से हैंडलूम व टेक्सटाइल उत्पाद, फरीदाबाद से फुटवियर, दुपहिया, टायर, प्लास्टिक व चमड़ा उद्योग, अंबाला से सिलाई मशीन व मिक्सी उद्योग, हिसार से स्टील उद्योग सहित पूरे प्रदेश से विभिन्न औद्योगिक उत्पादों के आयात-निर्यात के लिए कांडला पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन इन दिनों वहां कामकाज ठप है। इससे पहले ही संकट से जूझ रहे कारोबारियों की मुश्किल और बढ़ गई है।

'वैकल्पिक व्यवस्था के प्रयास'

''पोर्ट में सीमित मात्रा में बचे श्रमिकों से काम लिया जा रहा है लेकिन लॉकडाउन के लंबे दौर के बाद अब यहां इतनी तादाद में भारी वाहन पहुंच चुके हैं कि इनकी लोडिंग-अनलोडिंग, दोनों बड़े पैमाने पर प्रभावित हैं। वैकल्पिक व्यवस्थाओं के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं।

                 - एमएल बेलानी, ट्रस्टी-दीनदयाल पोर्ट एवं महासचिव-कांडला ट्रांसपोर्ट एंड डॉक वर्कर्स यूनियन।

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