पानीपत में जगमग योजना का असर, इन गांवों को 24 घंटे मिल रही है बिजली, यहां जारी है काम
पानीपत में जगमग योजना का असर। लाइन लास के 30 प्रतिशत से कम आने से निगम की चांदी। विगत दो सालों में ग्रामीण अंचल के आबादी फीडरों को जगमग करने पर जोर दिया जा रहा है। अभी तक 30 फीडरों से जुड़े 78 गांव जगमग हो चुके हैं।

समालखा(पानीपत), जागरण संवाददाता। डिवीजन के 84 प्रतिशत ग्रामीण आबादी के जगमग हो जाने से लाइन लास में भारी कमी आई है। लास 30 प्रतिशत के करीब आ गया है। अभी पंचकूला से आने वाले कटों के हिसाब से कट लगाए जा रहे हैं। छाजपुर डिवीजन के शेष बचे एक दर्जन गांवों को जगमग करने का काम चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि मंडल में समालखा, बिहौली, बापौली व छाजपुर सब डिवीजन के 91 गांव शामिल हैं। 36 फीडरों से इन्हें बिजली सप्लाई दी जा रही है। शहरी क्षेत्रों को अभियान के पहले चरण में ही जगमग कर दिया गया था। विगत दो सालों में ग्रामीण अंचल के आबादी फीडरों को जगमग करने पर जोर दिया जा रहा है। अभी तक 30 फीडरों से जुड़े 78 गांव जगमग हो चुके हैं।
इन गांवों का जगमग होना शेष
6 फीडरों से जुड़े करीब एक दर्जन गांवों को जगमग होना शेष है। कुछ गांव में जगमग के काम भी चल रहे हैं। दिसंबर तक सभी गांवों के जगमग होने की संभावना है। गांवों के जगमग होने से बिजली चोरी पर ब्रेक लगा है। ग्रामीण लाइन लास 80 से 30 प्रतिशत से नीचे आ गया है, जिससे निगम के राजस्व में इजाफा हुआ है। अधिकारी और कर्मचारियों में खुशी है। उपभोक्ताओं को पहले से अधिक बिजली मिल रही है। जनरेटर और इन्वर्टर से छुटकारा मिला है।
इन्हें होना है जगमग
समालखा सब डिवीजन के मनाना व बिहौली के मच्छरौली जगमग हो चुके हैं, लेकिन घोषणा नहीं हुई है। दोनों गांवों को जगमग ट्रीट किया जा रहा है। वहीं बापौली के जलालपुर व जांबा तो छाजपुर के उग्राखेड़ी और मोहाली को जगमग किया जा रहा है। एक्सईएन रणबीर देशवाल का कहना है कि आबादी के शेष बचे गांवों को भी जल्द जगमग कर दिया जाएगा।
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