हरियाणा में दशानन पर भारी पड़े इंद्रदेव, गीले हुए पुतले...बारिश ने किरकिरा किया दशहरा का उत्साह
दशहरा पर वर्षा ने कई स्थानों पर रावण दहन में बाधा डाली। सात जिलों में पुतले भीग गए जिससे दहन में दिक्कतें आईं। पंचकूला में रिमोट खराब होने से मुख्यमंत्री पुतला नहीं जला सके। फतेहाबाद और पानीपत में पुतले गिरने से समस्या हुई। करनाल में मेघनाद का पुतला गिरने से तीन महिलाएं घायल हो गईं। अंबाला में बारिश के कारण रामलीला रद्द हो गई।

जागरण टीम, पानीपत। इस वर्ष दशहरा के अवसर पर रावण के पुतले के दहन में मौसम ने कई स्थानों पर बाधा उत्पन्न की। इसके चलते जहां आयोजकों को काफी परेशानी हुई वहीं लोगों को भी कई जगह मायूसी का सामना करना पड़ा।
प्रदेश के सात जिलों में हुई वर्षा से रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले भीग गए, जिसके कारण कई स्थानों पर पुतलों का दहन नहीं हो सका तो कई स्थानों पर उनके टूटने और गिरने से समस्या उत्पन्न हुई। हालांकि इसकी वजह से कोई बड़ी घटना नहीं घटी। बाद में पुतलों को उसी स्थिति में जलाना पड़ा जिस स्थिति में वे पड़े हुए थे।
पंचकूला: पुतला दहन से पूर्व खराब हुआ रिमोट मुख्यमंत्री नायब सैनी ने 181 फीट ऊंचे रावण का दहन करने का प्रयास किया, लेकिन रिमोट कंट्रोल खराब होने के कारण यह संभव नहीं हो सका। जिस कारीगर ने पुतला बनाया था, उसी ने अंततः पुतले को आग लगाई। दोपहर बाद पानीपत, सोनीपत, यमुनानगर और झज्जर में हुई वर्षा ने कार्यक्रम में खलल डाल दिया।
फतेहाबाद: रथ लगने से टूटी रस्सियां, गिरा रावण का पुतला टोहाना में दहन से पूर्व रावण का पुतला गिर गया। हादसे की वजह झांकी के दौरान रथ लगने से पुतले को सहारा देने के लिए बांधी रस्सियों के टूटने को बताया जा रहा है। हालांंकि बाद में गिरे हुए रावण के पुतले का दहन किया गया।
पानीपत में रावण के पुतले की गर्दन टूटी
मॉडल टाउन में रावण का पुतला हवा के झोंके को झेल नहीं सका, मुंह के बल गिरने से पुतले की गर्दन टूट गई। वहीं, सेक्टर-13-17 में भी कुंभकर्ण का पुतला गिरने से क्षतिग्रस्त हो गया। दशहरा कमेटी के सदस्यों ने उसको उठाने का प्रयास किया, लेकिन पुतला ज्यादा क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण उसमें ज्यादा कामयाबी नहीं मिल पाई। दोनों ही जगहों ऐसे ही पुतला दहन करना पड़ा।
वहीं, समालखा में रावण के पुतले की दाईं बाजू तेज हवा के कारण टूट गई। समय कम होने के कारण ऐसे ही दहन करना पड़ा। अंबाला में वर्षा में गिरे पुतले को लगाई आग अंबाला कैंट के रामबाग रोड मैदान में वर्षा के कारण गीले होने से रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले आधे ही जल पाए।
दहन के दौरान रावण का पुतला गिर गया। इसके बाद कुंभकर्ण व मेघनाद के पुतले गिर गए। इसके बाद आयोजकों ने तीनों पुतलों में आग लगाई। इससे पहले पुतलों में आग लगाने से पहले आतिशबाजी शुरू हो गई, जिससे घबराकर लोग भी इधर उधर भागे।
करनाल में दहन से पहले गिरा मेघनाद का पुतला, तीन महिला चोटिल करनाल के सेक्टर चार स्थित मैदान में रावण दहन की तैयारियों से पहले ही 70 फीट ऊंचा मेघनाद का पुतला तेज हवा के कारण गिर गया। पुतले को संभाल रही रस्सियों का खूंटा उखड़ गया। इसके चलते पुतला गिर गया।
पुतले का हाथ गिरने से जुंडला गेट निवासी महिला रुबी, कविता, रविता घायल हो गई। रुबी को एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया। अस्पताल से प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया। पुतले को खड़ा करवाने के लिए क्रेन बुलाई। बता दें मैदान में बुधवार को पुतले स्थापित किए थे।
अंबाला: वर्षा के चलते रामलीला रद अंबाला कैंट के रामबाग ग्राउंड में तेज बारिश के कारण रामलीला रद्द कर दी गई। बारिश के बीच पुतलों को जलाने का प्रयास किया गया, लेकिन रावण का पुतला पूरा नहीं जल सका। इसके बाद पुतले को गिरा दिया गया। इस दौरान दर्शकों के बीच आतिशबाजी की गई, जिससे लोग इधर-उधर भागने लगे। कोटा में मूसलधार वर्षा, अंबाला के हुनर से बना 221 फीट ऊंचा
वॉटरप्रूफ रावण न गला ना फटा अंबाला
कोटा में विजयदशमी पर वर्ल्ड रिकार्ड बनाते रावण के पुतले का दहन किया गया। अंबाला के बराड़ा निवासी कारीगर तजेंद्र सिंह ने रविवार को कोटा में रावण का 221 फीट ऊंचा पुतला खड़ा किया था।
बता दें मंगलवार की रात को कोटा में आधिकारिक तौर पर 6.1 एमएम वर्षा दर्ज की गई थी। मूसलाधार वर्षा के बीच भी रावण का पुतला ना गला, ना फटा।
वीरवार देर शाम इसका विधिवत दहन हुआ। रावण के पुतले को इस बार एमएस पाइप से बनाया गया था। इसके अलावा इसे वाटरप्रूफ भी किया गया था। खास बात ये रही कि दशहरा मैदान में चल रही रामलीला में लंका दहन नहीं हो सका। वाटरप्रूफ होने से रावण के पुतले पर कोई असर नहीं हुआ।
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