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बच्‍चों के पेट दर्द को हल्‍के में न लें, पेट में हो सकते हैं कीड़ें, इस तरह से लक्षण पहचानें

बच्‍चों के पेट दर्द की शिकायत को नजरअंदाज न करें। पेट में कीड़े की शिकायत की वजह से बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य पर असर पड़ता है। घर-घर 4.45 लाख बच्चों-किशोरों को एलबेंडाजोल गोली खिलाई जाएगी। 23 से 27 मई तक चलेगा अभियान।

By Anurag ShuklaEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 11:50 AM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 11:50 AM (IST)
बच्‍चों के पेट दर्द को हल्‍के में न लें, पेट में हो सकते हैं कीड़ें, इस तरह से लक्षण पहचानें
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत एलबेंडाजोल खिलाई जाएगी।

पानीपत, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के तहत 23 से 29 मई तक स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर दस्तक देकर 4.45 लाख 978 बच्चों-किशोरों को एलबेंडाजोल (पेट के कीड़े मारने वाली) गोली खिलाएंगी। सभी सीएचसी-पीएचसी और सब सेंटरों में गोली का स्टाक पहुंच गया है।

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ऐसे करें बच्चों की कीड़ों से रक्षा

पेट में आमतौर पर ग्राउंड वर्म, विप वर्म हुक वर्म कीड़े पाए जाते हैं। शौच के दौरान कीड़ों के अंडों को बाहर निकलते देखा जा सकता है। बच्चों के नंगे पैर चलने, गंदे हाथों से खाना खाने, खुले में रखा खाना खाने से बच्चे लारवा के शिकार होकर संक्रमित हो जाते हैं। बच्चों को नंगे पहर न घूमने दें। शौच के बाद बच्चों के हाथों को साबुन से धुलवाएं।

ये बच्चे-किशोर 2727 संस्थानों के हैं। यह अभियान, एनिमिया मुक्त भारत का भी हिस्सा है। कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी डा. ललित वर्मा ने दैनिक जागरण को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि गत वर्श की भांति इस बार भी शिक्षण संस्थाओं की बजाय टीमें घरों में दस्तक देंगी। एएनएम, मोबाइल हेल्थ टीम, आशा व आंगनबाड़ी वर्करों को जिम्मेदारी दी गई है।

शिक्षा विभाग, श्रम विभाग से सहयोग मांगा गया है। शत-प्रतिशत बच्चों-किशोरों-नवयुवकों को खिला सकें, इसमें अभिभावकों की भी भूमिका अहम होगी। उन्होंने कहा कि अभियान का मुख्य उद्देश्य बच्चों को पेट के कीड़ों से मुक्त करना है।

जिस भी बच्चे के पेट में कीड़े होते हैं वह शारीरिक रूप से कमजोर रहता है। बच्चा कुपोषण का शिकार हो जाता है। इसके अलावा कई बीमारियों की चपेट में आने लगता है।

ऐसे खिलाएं गोली

दैनिक जागरण को डा. वर्मा ने बताया किएक से दो साल के बच्चों को आधी गोली खिलाएं। गोली को पीसकर चूर्ण बना लें और पानी में घोलकर पिला दें ताकि बच्चा आसानी से गटक जाए। दो से तीन साल के बच्चों को एक गोली पानी में घोलकर पिलाएं। चार से 19 साल आयु तक के बच्चों-किशोरों को गोली चबाकर ही लेनी चाहिए। आशा और आंगनबाड़ी वर्कर अपने बच्चों को गोली खिलाएं।

आयु वर्ग संस्थान गोली के पात्र

कक्षा एक से पांच तक के राजकीय-मान्यता प्राप्त स्कूल 244 42800

कक्षा छह से 12 तक केे राजकीय विद्यालय 178 49158

कक्षा 12 तक के प्ले-वे सहित निजी स्कूल 1134 248972

आंगनबाड़ी केंद्र 1048 87213

स्लम एरिया में किशोर-किशाेरी 31 12000

सरकारी उच्च शिक्षण संस्थान 92 15835


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