Raid in Yamunanagar: यमुनानगर की इस फैक्ट्री में डीआरआई टीम की रेड, करोड़ों का केमिकल पकड़ा
एक बार फिर यमुनानगर की रेड चर्चा में है। यमुनागर की एक फैक्ट्री में रेड हुई। टीम के पहुंचते ही हड़कंप मच गया है। टीम को फैक्ट्री से केमिकल मिला है। इस केमिकल की कीमत करीब 132 करोड़ रुपये बताई जा रही है।

यमुनानगर, जागरण संवाददाता। रादौर के गांव बापौली स्थित मुरलीधर इंडस्ट्रीज में डीआरआइ (डायरेक्टरेट आफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस) ने रेड की। यहां से प्रतिबंधित ड्रग केमिकल 661.75 किलो एफरेड्रिन मिली है। जिसकी कीमत 132 करोड़ रुपये है। जो फर्जी बिलों पर यहां सप्लाई की गई। यह केमिकल प्रतिबंधित है। एनसीबी से भी इसकी कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
इस मामले में डीआरआइ की टीम ने दो आराेपितों मुंबई के शिवाजीनगर रोड नंबर 14 के पदमानगर निवासी मोहम्मद आजम व ठाणे के तुर्भे गांव के सेक्टर 32 निवासी वफादार हुसैन को कुरुक्षेत्र के लाड़वा के होटल से पकड़ा है। दोनों को न्यायाधीश सुमित सैनी की कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया। इस इंडस्ट्री पर लाइसेंस भी नहीं था। फैक्ट्री पर सील लगा दी गई है। फरार आरोपितों की तलाश की जा रही है। बता दें कि एफरेड्रिन कैमिकल एनेस्थिसिया, सांस, बीपी व अन्य की दवाईयां तैयार करने में प्रयोग किया जाता है। कुछ लोग इसे नशे के तौर पर भी प्रयोग करते हैं।
डीआरआइ टीम के अधिवक्ता अजय शक्ति गोयल ने बताया कि टीम को सूचना मिली थी कि मोहम्मद आजम व वफादार हुसैन केमिकल ट्रेडर है और प्रतिबंधित एफरेड्रिन की सप्लाई करते हैं।इस पर पहले दो टीमों ने जांच की। उसके बाद सूचना के आधार पर मोहम्मद आजम व वफादार हुसैन को पकड़ा और बापौली स्थित फैक्ट्री में रेड की। रेड के दौरान टीम को फैक्ट्री से 10 ड्रम मिले। जिसके अंदर एफरेड्रिन गीली अवस्था में थी। भूरे रंग की कुछ एफरेड्रिन ड्रम में अलग-अलग जगहों पर रखी हुई थी।
डीआरआइ आफिसरों ने यहां पर एक ड्रम से सूखी व गीले केमिकल का सैंपल लिया। किट से इसकी जांच की, तो यह एफरेड्रिन निकली। इसके बाद टीम ने अलग-अलग कर नौ ड्रमों से सैंपल लिए। यह ड्रम इस हिसाब से सील किए गए थे कि बाहर से देखे न जा सके। इन ड्रमों से 661.75 किलोग्राम एफरेड्रिन मिली। पकड़े गए आरोपित मोहम्मद आजम व वफादार हुसैन के खिलाफ एनडीपीएस की धारा-9, 25, 25ए, 27ए, 28 और 29 में केस दर्ज कराया गया।
मोहम्मद आजम बल्क में केमिकल की करता था सप्लाई
जांच टीम के मुताबिक, मोहम्मद आजम मुंबई का केमिकल ट्रेडर है। इसने बल्क आर्डर में अपने पार्टनर वफादार हुसैन के साथ मिलकर यहां पर केमिकल की सप्लाई की। यह पूरा आर्डर फर्जी बिलों पर भेजा गया। फैक्ट्री में दवाईयां तैयार करने का नाम राजू करता था। वह ही दवाई बनाने के लिए वर्कर लेकर आता था। जबकि वफादार हुसैन फैक्ट्री के पार्टनरों की मध्यस्ता आजम के साथ कराता था। इसके अलावा वह दवाई तैयार करने के लिए फाइनेंस भी करता था।
श्याम लाल गोयल, विजय कुमार शर्मा, मोहित साहनी व रंजन सोंधी मुरलीधर इंडस्ट्रीज फैक्ट्री के मालिक हैं। श्याम लाल गोयल व विजय कुमार शर्मा इसमें वफादार के साथ सक्रिय थे। सुपरवाइजर जसविंद्र सिंह यहां पर माल लेकर आने के लिए आजम व वफादार की सहायता करता था। मोहित साहनी ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था करता था। ई वे बिल आदि का इंतजाम करता था। मोहित साहनी ने एक फर्म दिल्ली मोलिक्यूलर कंपनी के नाम से भी बना रखी है। यह प्रीति साहनी के नाम पर है। इसके बिल वह केमिकल के लिए देता था।

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