ड्रग केमिकल की बड़ी खेप लगी हाथ, कीमत 132 करोड़, रेव पार्टियों में भी होता सप्लाई, मुंबई से जुड़े तार
यमुनानगर में पेंट में मिलाने वाले केमिकल की आड़ में प्रतिबंधित एफेड्रिन ड्रग केमिकल बनाने का पर्दाफाश हुआ। फैक्ट्री में डीआरआई टीम ने रेड की। श्रीमुरलीधर इंडस्ट्रीज में रेड के बाद इसका पर्दाफाश हुआ। ड्रग केमिकल की कीमत 132 करोड़ बताई जा रही है।

यमुनानगर, [पोपीन पंवार]। डीआरआई की टीम ने यमुनानगर की फैक्ट्री में रेड की। रादौर के गांव बापोली में श्रीमुरलीधर इंडस्ट्रीज में 132 करोड़ का ड्रग केमिकल पकड़ा गया। डीआरआइ (डायरेक्टरेट आफ रेवेन्यू इंटेलीजेंस) की टीम ने 661.75 किलो एफेड्रिन ड्रग पकड़ा।
प्लास्टिक पेंड के नाम पर चल रहा था काला कारोबार
प्लास्टिक पेंट में मिलाने के लिए क्लोरिनेटेड पैराफिन वैक्स व प्लास्टिसाइजर केमिकल तैयार करने की अनुमति प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से ली गई थी। यह अनुमति 23 अक्टूबर 2020 को दस साल के लिए ली गई थी। लेकिन फैक्ट्री में प्रतिबंधित एफेड्रिन ड्रग्स केमिकल तैयार किया जा रहा था।
मुंबई के केमिकल कारोबारी गिरफ्तार
मुंबई के दो केमिकल कारोबारी भी गिरफ्तार किए गए हैं। फैक्ट्री पर या बाहर कोई बोर्ड भी नहीं लगा है। यहां प्रतिबंधित केमिकल तैयार हो रहा था। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व औद्योगिक विभाग के अधिकारियों को इसकी भनक तक नहीं लगी, जबकि हर वर्ष अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से पहले व बाद में अधिकारी फैक्ट्री का दौरा करते हैं।
अधिकारी बोले, शिकायत मिलने पर ही करते हैं जांच
इस संबंध में ड्रग कंट्रोलर प्रवीण को कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उधर, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसडीओ नरेश कुमार का कहना है कि फैक्ट्री में एफेड्रिन तैयार हो रहा था, यह जानकारी में नहीं है। विभाग ने क्लोरिनेटेड पैराफिन वैक्स व प्लास्टिसाइजर की अनुमति दी थी। शिकायत मिलने के बाद ही किसी भी फैक्ट्री की जांच की जाती है।
मुंबई के केमिकल कारोबारियों को फैक्ट्री लीज पर देने पर संदेह
डीआरआइ की जांच के अनुसार श्रीमुरलीधर इंडस्ट्री में श्याम लाल, विजय शर्मा, मोहित साहनी और रंजन सोठी चार हिस्सेदार हैं। पकड़े गए आरोपित वफादार व आजम को यह फैक्ट्री लीज पर देने की बात भी समाने आई है। हालांकि डीआरआइ के अधिकारी इसे संदिग्ध मान रहे हैं। हरबंसपुरा के विजय शर्मा व माडल टाउन के मोहित साहनी की तलाश में टीम ने मंगलवार को कुछ जगह छापेमारी भी की, लेकिन पकड़ में नहीं आए।
रेव पार्टियों में होता है सप्लाई, 2013 लगा था प्रतिबंध
दिल्ली व मुंबई में रेव पार्टियों में नशे के लिए एफेड्रिन काफी प्रयोग किया जाता है। दवाओं की आड़ में इसका अवैध कारोबार होने लगा था। इसलिए 2013 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की अनुमति के बिना इसका भंडारण, बिक्री व निर्माण प्रतिबंधित है। चिकित्सकों के मुताबिक, एफेड्रिन की खोज दवा के तौर पर हुई। यह एकाग्रता, उत्तेजना, भूख नियंत्रित करने व अधिक सेवन पर नशा कर देता है। इसके साइड इफेक्ट आने लगे तो इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। अफगानिस्तान व चीन इस ड्रग की सप्लाई का स्रोत रहे हैं।
मुंबई के कारोबारी करते थे कच्चा माल सप्लाई
डीआरआइ टीम द्वारा पकड़े गए केमिकल कारोबारी मुंबई के शिवाजी नगर रोड नंबर 14 के पदमानगर निवासी मोहम्मद आजम व ठाणे के तुर्भे गांव के सेक्टर 32 निवासी वफादार हुसैन यहां कच्चा माल सप्लाई करते थे। इससे गुप्त तौर पर केमिकल तैयार किया जाता था। सात मीट्रिक टन कच्चा माल फर्जी बिलों से यहां लाया गया। डीआरआइ टीम के मुताबिक, एफेड्रिन तैयार करने के लिए राजू नाम का व्यक्ति ही लेबर का इंतजाम करता था। उसके उत्तर प्रदेश के लखनऊ होने का अंदेशा है।
जमीन बंजर कर देता है क्लोरिनेटेड पैराफिन वैक्स केमिकल
जेएमआइटी कालेज रादौर में केमिस्ट्री की असिस्टेंट प्रोफेसर नीतू सकुजा के मुताबिक क्लोरीनयुक्त पैराफिन पानी और रसायन दोनों के लिए बेहतर प्रतिरोध प्रदान करता है। इसीलिए पेंट, सीलेंट, पीसीपी और कोङ्क्षटग्स में उपयोग किया जाता है। इसके सीधे संपर्क में आने से आक्सीजन की कमी हो जाती है। जिस जमीन पर इस केमिकल का वेस्ट भी गिर जाए, तो वह जमीन बंजर हो सकती है। यह पेट्रोलियम श्रेणी में भी आता है।

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