दिल्ली अमृतसर कटड़ा एक्सप्रेस वे का नोटिफिकेशन, जींद के 16 गांवों को होगा फायदा
दिल्ली अमृतसर कटड़ा एक्सप्रेस वे जींद के 16 गांवों से होकर गुजरेगा। इससे वहां के ग्रामीणों को फायदा होगा। वहीं जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
पानीपत/जींद, [कर्मपाल गिल]। दिल्ली से श्री माता वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा तक के सफर का समय अब घटकर आधा रह जाएगा। एनएचएआइ ने चार राज्यों को जोडऩे वाले बहुप्रतीक्षित दिल्ली-कटरा-अमृतसर एक्सप्रेस-वे पर तेज गति से काम शुरू कर दिया है। जींद जिले में यह एक्सप्रेस-वे 16 गांवों से होकर गुजरेगा। इन गांवों की जमीन के अधिग्रहण के लिए एनएचएआई ने रविवार को सेक्शन-3 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।
भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत बनने वाला यह एक्सप्रेस-वे जींद शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर से पिल्लूखेड़ा, अलेवा, नरवाना ब्लॉक के गांवों से निकलेगा। एक्सप्रेस-वे के लिए डीपीआर तैयार कर रही कंपनी के सर्वे के बाद एनएचएआइ ने भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रविवार को प्रकाशित हुए सेक्शन-3 के नोटिफिकेशन में अधिग्रहण होने वाली जमीन के किला नंबर दिए गए हैं। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण के दायरे में आई है, उन्हें 21 दिन में अपनी आपत्ति जमा करवानी होगी। इसके बाद सेक्शन-3डी का नोटिफिकेशन जारी होगा, जिसमें जमीन मालिकों के नाम भी होंगे। यह प्रक्रिया पूरी होने के बाद अवार्ड सुनाया जाएगा। एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर केएम शर्मा ने बताया कि जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जींद के अलावा कैथल व सोनीपत जिले में भी जमीन अधिग्रहण के लिए नोटिफिकेशन जारी हो चुका है। हरियाणा में यह एक्सप्रेस-वे झज्जर जिले से शुरू होगा और रोहतक, सोनीपत, करनाल, जींद जिलों से होते हुए कैथल जिले में पंजाब की सीमा पर खत्म होगा।
समझें एक्सप्रेस-वे और हाईवे में अंतर
हाइवे में दोनों तरफ से गाड़ी को रोका जा सकता है। लेकिन एक्सप्रेस-वे में गाड़ी पूरी स्पीड में चलती है और दोनों तरफ से रोका नहीं जा सकता। इसमें दोनों लेन बाहर की साइड से बंद होंगी। जींद-अमृतसर-कटड़ा हाइवे सिक्स-लेन होगा। हरियाणा में इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 135 किलोमीटर के आसपास रहने की संभावना है।
किसानों को 21 दिन में देनी होंगी आपत्तियां
जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण होगा, उन्हें सेक्शन-3 नोटिफिकेशन के प्रकाशन के 21 दिन के अंदर जिला राजस्व अधिकारी के सामने आपत्तियां जमा करानी होंगी। डीआरओ इन आपत्तियों की सुनवाई के बाद अपनी रिपोर्ट देगा। इसके बाद सेक्शन-3डी का नोटिफिकेशन होगा। एनएचएआइ के अधिकारियों के अनुसार जमीन अधिग्रहण पर केंद्र सरकार की पॉलिसी के तहत ही मुआवजा मिलेगा। जिन गांवों की जमीन का अधिग्रहण होगा, उन गांवों के कलेक्टर रेट पर 12 फीसदी ब्याज और 100 फीसदी सोलेशियम दिया जाएगा।
इन गांवों से गुजरेगा हाईवे
जींद जिले के गांव अलेवा, खांडा, पेगां, संडील, शामदो, धनौरी, भाग खेड़ा, आलन जोगी खेड़ा, भुरायण, गांगोली, जामनी, कालवा, खरक गादियां, खरक गागर, मोरखी और रजाना से होकर यह एक्सप्रेस-वे गुजरेगा। रविवार को गजट नोटिफिकेशन जारी होने के बाद इन गांवों में मुआवजे को लेकर किसानों के बीच चर्चा होती रही। ग्रामीण नोटिफिकेशन में यह ढूंढ़ते देखे गए कि किस किसान की जमीन इस एक्सप्रेस-वे के दायरे में आएगी।