पानीपत में दर्दनाक हादसा, घर में हुआ झगड़ा तो बेटी ने शताब्दी के आगे कूदकर दी जान; बचाने के प्रयास में मां की भी गई जान
पानीपत में घरौंडा की राजीव कॉलोनी में गृह क्लेश के चलते एक बेटी ने शताब्दी ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली। बेटी को बचाने की कोशिश में मां भी ट्रेन ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, पानीपत। घरौंडा की राजीव कॉलोनी में घर से गृह क्लेश कर निकली बेटी ने बुधवार रात शताब्दी ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। बेटी को बचाने के प्रयास में मां की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। ट्रेन चालक ने इसकी सूचना जीआरपी को दी। शवों की शिनाख्त कर स्वजन को इसकी सूचना दी। पोस्टमार्टम कराकर शव स्वजन को सौंप दिया।
घरौंडा की राजीव कॉलोनी निवासी महेंद्र ने बताया कि वह पेशे से राजमिस्त्री है। बड़ी बेटी पूनम और रेनू की शादी हो चुकी है। तीसरे नंबर की बेटी काजल (20) 12वीं पास कर दो साल का कंप्यूटर कोर्स कर रही थी। गुरमीत व मनप्रीत छोटे बेटे हैं। मैं कई दिन पहले अपनी बहन के घर गांव मूंदपुर में बहन का घर बनाने गया था।
घर में पत्नी कमलेश, बेटी काजल और दोनों बेटे थे। उसे बुधवार रात 11 बजे दोनों की मौत होने की सूचना मिली थी। बच्चों ने बताया कि मां कमलेश का काजल के साथ बुधवार रात को झगड़ा हुआ था। कमलेश बेटी को समझा रही थी लेकिन दोनों के बीच क्लेश ज्यादा बढ़ गया। काजल घर से निकलकर भाग गई। उसे पीछे कमलेश भी गई।
काजल शताब्दी ट्रेन के आगे कूदने का प्रयास कर रही थी। कमलेश उसको रोकने का प्रयास कर रही थी लेकिन वह हाथ छुड़ाकर ट्रेन के आगे कूद गई। इसी वक्त कमलेश की भी ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। यहां जीआरपी लोगों की मदद से दोनों के शवों की शिनाख्त की थी।
दोनों मां-बेटी में प्यार भी बहुत था
महेंद्र ने बताया कि कमलेश व बेटी काजल के बीच प्यार भी बेहद ज्यादा था। दोनों सहेली की तरह एक दूसरे से अपनी बातें शेयर करती थीं। कमलेश बेहद समझदार व सहनशील महिला थी। उसने हमेशा परिवार में अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाया था। अब यह नहीं पता कि दोनों के बीच ऐसी क्या बात हुई कि बेटी ने यह कदम उठाया और उसको बचाने के प्रयास में मां को भी जान गंवानी पड़ी।
यह घटना बुधवार रात करीब 10 बजे हुई। सूचना मिलते ही टीम मौके पर पहुंच गई थी। बेटी का शव मां के शव से लगभग 100 मीटर दूर गिरा था। पोस्टमार्टम कराकर शव स्वजन को सौंप दिया। पुलिस पूरे मामले की गहनता से जांच कर रही है। -राजेश कुमार, प्रभारी, जीआरपी पानीपत।

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