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    सूखा निकल रहा भादो, धान पर संकट, कपास उत्‍पादकों में खुशी

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Mon, 05 Sep 2022 05:50 PM (IST)

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    बारिश न होने की वजह से धान को संकट।

    जागरण संवाददाता, जींद। इस बार सावन में मानसून बेशक काफी सक्रिय रहा हो, लेकिन भादो महीना सूखा निकल रहा है। इससे धान के किसानों को परेशानी हो रही है। इससे पहले अधिक वर्षा के कारण कपास की फसल पर काफी प्रतिकूल असर पड़ा है। अधिक तापमान व हवा में नमी होने के कारण धान की फसल को काफी खतरा बना हुआ है। इसके चलते किसान दोहरे संकट में है। यदि लगातार धान में पानी लगाए तो नमी परेशान कर रही है और यदि पानी सूखे तो गर्मी।

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    दरअसल इस बार 14 जुलाई से सावन महीना शुरू हो गया था और 13 अगस्त से भादो महीना शुरू हुआ। यही दो महीने वर्षा के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। इस बार जींद जिले में जुलाई महीने में औसत 276 एमएम वर्षा हुई है। जुलाई महीने में कुल 16 दिन वर्षा हुई। इसी प्रकार अगस्त महीने में कुल दस दिन वर्षा हुई और 50.14 एमएम वर्षा हुई। इस हिसाब से जिले में जून-जुलाई व अगस्त के तीन महीने में औसत 370. 7 एमएम वर्षा हुई, जबकि भारत मौसम विज्ञान विभाग चंडीगढ़ के अनुसार इन तीन महीने में जींद जिले में सामान्य वर्षा 317 एमएम होती है। इस हिसाब से जिले में इस बार 17 प्रतिशत वर्षा अधिक हुई है।

    जुलाई महीने में हुई अधिकतर वर्षा

    जिले में अधिकतर वर्षा जुलाई महीने में हुई है। अकेले जुलाई महीने में 276 एमएम वर्षा होने के कारण कपास की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। वहीं अगस्त महीने में कम वर्षा होने के कारण और तापमान अधिक होने के कारण अब धान की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। इसके अलावा किसानों को धान की फसल में पानी बनाए रखने के लिए महंगा डीजल फूंकना पड़ रहा है।

    धान के लिए प्रतिकूल बना मौसम

    फिलहाल जिले में मौसम धान के लिए प्रतिकूल बना हुआ है। अधिक तापमान के चलते धान को काफी नुकसान हो रहा है। धान में पानी जल्दी सूख रहा है। अगेती लगाई गई धान की फसल में इस प्रकार के मौसम से परागण मर जाता है। इससे उत्पादन कम होता है। वहीं लगातार धान की फसल में पानी भरा रहने से अधिक नमी के कारण पौधे की जड़ों व तने को नुकसान होता है। ऐसे में ध्यान रखें कि हल्की सिंचाई करें। ताकि खेत की मिट्टी पूरी तरह गीली रहे और पानी नहीं भरे। इसके अलावा जमीन पर हवा लगती रहे। हां यह मौसम कपास के अनुकूल है।

    डा. सुभाष चंद्र, सेवानिवृत खंड कृषि अधकारी।

    अभी नहीं वर्षा की संभावना

    पिंडारा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम विशेषज्ञ डा. राजेश कुमार के अनुसार अभी मौसम शुष्क रहने की संभावना है। 12-14 सितंबर के आसपास कुछ बदलाव की उम्मीद है। आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान में कमी आएगी। जींद जिले में मानसून की वर्षा सामान्य से 17 प्रतिशत अधिक हुई है।