रसोई गैस पाइपलाइन परियोजना में करोड़ों का हेरफेर, कंपनी पर अफसर मेहरबान, ये है पूरा मामला
अंबाला में घर घर तक रसोई गैस पहुंचाने की गैस पाइपलाइन परियोजना में करोड़ों का हेरफेर। कंपनी पर अफसर मेहरबान 7 करोड़ ही लेना भूले। 2020 शहर में पीएनजी लाइन डालने का चल रहा काम अभी तक अधूरा।

अंबाला शहर, जागरण संवाददाता। अंबाला शहर में घर-घर तक सीधे पाइप्ड नेचुरल गैस लाइन से गैस उपलब्ध करवाने के मामले में करोड़ों रुपये की हेरफेर के आरोप लगाए गए हैं। मेयर शक्तिरानी शर्मा ने इस बारे में नगर निगम की धारा 36ए के तहत निगम आयुक्त को पत्र लिखकर न केवल निगम आयुक्त से जवाब मांगा है बल्कि इस मामले में कार्रवाई नहीं करने वाले अधिकारियों पर नियमानुसार कार्रवाई करने की बात भी कही है।
मेयर शक्तिरानी शर्मा ने अपने पत्र में कहा है कि अंबाला शहर में माडल टाउन, आदर्श नगर, नाहर कालोनी, जैन नगर, प्रेम नगर, विकास विहार, विजय नगर में पीएनजी डालने के लिए जो रिवाइज्ड डिमांड नोट भेजा गया था उससे जुड़ी फाइल उन्हें उपलब्ध करवाई जाए। नगर निगम की हिदायतों के अनुसार कंपनी को काम शुरू करने से पहले 4 करोड़ 5 लाख 14 हजार 262 करोड़ बैंक गारंटी और रिस्टोरेशन चार्ज के तौर पर 3 करोड़ 71 लाख 18 हजार 800 रुपये जमा करवाने थे जोकि कंपनी ने निगम के खाते में आज तक जमा ही नहीं करवाए। नगर निगम इंजीनियरिंग ब्रांच की ओर से इस बारे में कई रिमाइंडर भी जारी किए गए हैं। लेकिन रुपये जमा नहीं करवाए गए। इसके बावजूद इस फर्म के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जोकि भारी भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है और इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
कंपनी ने अभी तक जमा करवाए 1.40 करोड़ रुपये
वहीं जानकारी यह भी मिली है कि कंपनी ने अभी तक करीब एक करोड़ 40 लाख रुपये राइट आफ वे के तहत निगम के खाते में जमा करवाए हैं। यह राशि गैस पाइप लाइन डालने के लिए जमा करवानी थी जोकि हाल ही में जमा करवाई गई है।
एक साल तक सड़क नहीं बनती तो बैंक गारंटी से राशि काटने का नियम
पीएनजी लाइन बिछाने के लिए 0.06 मीटर की खुदाई के लिए एक किलोमीटर की लीज मनी 1.50 लाख रुपये और 0.06 मीटर से ज्यादा खुदाई के लिए तीन लाख रुपये लीज मनी जमा करवानी होती है। इसके अलावा करीब 10 प्रतिशत के हिसाब से प्रति वर्ष लीज मनी बढ़ाई जाती है। पक्की सड़क पर लाइन बिछानी है तो प्रति स्क्वेयर मीटर और खुदाई के लिए 65 रुपये प्रति स्क्वेयर मीटर राशि जमा करवानी होती है। अगर एक साल पाइप लाइन डालने के बाद सड़क नहीं बनाई जाती तो उस राशि को बैंक गारंटी से काट लिया जाता है। लेकिन कंपनी ने यह राशि जमा ही नहीं करवाई ऐसे आरोप मेयर के द्वारा लगाए गए हैं।
यहां अटका है काम
इसके बाद फाेरेस्ट राइट एक्ट क्लीयरेंस न मिलने से जलबहेड़ा से सेक्टर 10 चौक राधा स्वामी सत्संग भवन तक 5 किमी और इंको चौक रेलवे पुल से लेकर जंडली पुल तक करीब 1.6 किलोमीटर में पाइपलाइन बिछाने का काम अटक गया था। सिटी से इंको चौक व जंडली रेलवे लाइन से पाइपलाइन की क्रासिंग होनी है यह सारा काम अटका हुआ है।

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