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    Haryana News: नए वाहनों का दो साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करेगी कंपनी, अब नहीं लगाने पड़ेंगे RTA ऑफिस के चक्कर

    Updated: Fri, 20 Jun 2025 04:54 PM (IST)

    पानीपत में प्राइवेट और कमर्शियल वाहनों के लिए नया नियम लागू हुआ है। अब नए वाहनों का दो साल का फिटनेस सर्टिफिकेट कंपनी ही जारी करेगी जिससे लोगों को आरट ...और पढ़ें

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    नए वाहनों का दो साल के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट कंपनी करेगी जारी। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, पानीपत। अब प्राइवेट या कमर्शियल वाहनों के फिटनेस सर्टिफिकेट के लिए आरटीए कार्यालय के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। नए वाहनों का दो साल का फिटनेस सर्टिफिकेट कंपनी की ओर ही जारी किया जाएगा।

    इससे पहले यह अधिकारी प्रशासनिक अधिकारियों के पास था। लेकिन नियमों में किए गए बदलावों के बाद अब यह जिम्मेदारी संबंधित कंपनी को सौंपी गई है। इसका सबसे बड़ा फायदा लोगों को यह मिलेगा कि उन्हें फाइल तैयार करने व प्राेसेस कराने के लिए धक्के नहीं खाने पड़ेगे।

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    लेकिन तीसरे साल गाड़ी की पासिंग करवाने के लिए उस गाड़ी को अधिकारियों के सामने लेकर आना होगा। उसकी फिटनेस चेक करके ही पास की जाएंगी।

    एसेंबल किए गए व्हीकल को छूट नहीं

    नई वाहन पालिसी के मुताबिक यह सुविधा उन वाहनों पर लागू नहीं होगी जिनकी चेसी ली गई हो और उन्होंने उसकी बाडी बाहर से लगवाई हो। कंपनी की ओर से प्रापर गाड़ी पर ही दो साल की पासिंग अथारिटी कंपनियों को सौंपी गई है।

    एसेंबल किए गए वाहनों की पासिंग के लिए उन्हे साइट पर आना अनिवार्य होगा। इस संदर्भ में परिवहन संबंधित विभागों के पास पत्र पहुंच चुके हैं और वह वाहन संचालकों को नए नियमों के प्रति जागरूक किया जा रहा है।

    पानीपत में सप्ताह में दो बार वाहनों की पासिंग की जाती है। इस दौरान जिन वाहनों में खामियां पाई जाती हैं उनको नियम पूरे करवाने को कहा जाता है।

    जानिये ये भी होगा फायदा?

    कई बार शोरूम से निकलने वाले वाहनों की फिटनेस पर भी सवाल खड़े हो जाते हैं। जिस कंपनी का व्हीकल है, उसकी फिटनेस उस कंपनी की तरफ से जारी करने के आदेश है। इसका फायदा है कि व्हीकल में किसी प्रकार की कमी नजर आती है वह मैकेनिक उसको ठीक करके फिटनेस सर्टिफिकेट जारी कर सकते हैं।

    जिले में ही खरीदे वाहन और उसी जिले में वह वाहन रजिस्टर्ड होता है तो वाहन निर्माता कंपनी ही उसकी फिटनेस पास करके रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। इससे वाहन संचालक ने कागज तैयार करने के लिए अलग-अलग दफ्तरों में चक्कर नहीं लगाने पड़ते।

    कंपनी को ही फिटनेस की पॉवर देने से जिम्मेदारी भी कंपनी की तय की गई है। यदि कंपनी के कर्मचारियों ने मिलीभगत करके वाहन पास कर दिया और समय अवधि के दौरान उस व्हीकल से कोई हादसा हो जाता है तो उसकी जांच में पासिंग संबंधित फाल्ट मिलता है तो उस वाहन निर्माता कंपनी पर मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई करने का प्रविधान है।

    एनसीआर में उम्र पूरी कर चुके वाहनों की नहीं होगी पासिंग

    पानीपत एनसीआर के अंतर्गत आता है। इस क्षेत्र में अपनी उम्र पूरी कर चुके वाहनों जैसे डीजल के वाहन 10 साल और पेट्रोल के वाहन 15 साल से अधिक हो गए हैं, उनकी पासिंग पानीपत में नहीं होगी।

    इस समय अवधि में वह एनसीआर में रजिस्टर्ड भी हैं, उनको दूसरे शहर में ले जाने की एनओसी मिल सकती है, लेकिन उस व्हीकल की पानीपत में पासिंग नहीं होगी।

    इसलिए समय अवधि को ध्यान में रखते हुए एनसीआर के बाहर अपने पुराने व्हीकलों को रजिस्टर्ड करवा लें। एनसीआर के एरिया में उम्र दराज वाहन को चलाने पर जब्त किया जा सकता है। सोमवार को पासिंग पर आए वाहन चालकों को इसके बारे में भी अवगत करवा दिया गया।

    पहले सभी नए व्हीकलों को लेकर आना होता था 

    आरटीए इंस्पेक्टर लतेश शर्मा ने बताया कि पहले सभी नए व्हीकलों को पासिंग करवाने के लिए पासिंग साइट पर लेकर आना अनिवार्य था। नियमों में संशोधन करने की वजह से अब नए वाहन संचालकों को राहत दी गई है। नियमों के तहत पासिंग की जा रही है।

    नए नियमों के तहत एजेंसी से भी वाहन खरीदते समय वाहन संचालक को जानकारी दे दी जाती है। वाहन निर्माता एजेंसी को ही सुविधा दी गई है।