मृत्यु पंचक में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत, मिलेगा पांच गुना लाभ
इस बार पंचक से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। इस दौरान पूजन अर्चन करने से करीब पांच गुना लाभ मिलता है।
पानीपत/कुरुक्षेत्र, जेएनएन। चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 25 मार्च से होने जा रही है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देखें तो इस समय पंचक लगा रहेगा। नवरात्रों की शुरुआत 25 मार्च बुधवार से होगी, जबकि पांच दिनों तक चलने वाले पंचक 21 मार्च से शुरू हो जाएंगे। पंचक की शुरुआत 21 मार्च शनिवार को धनिष्ठा नक्षत्र में प्रात: 6:20 बजे पर होगी और पंचक की समाप्ति 26 मार्च गुरुवार को रेवती नक्षत्र में प्रात: 7:16 पर होगी। शनिवार से शुरू होने वाले पंचक मृत्यु पंचक कहलाते हैं। यह पंचक काफी घातक और अशुभ पंचक माना जाता है। इस साल मृत्यु पंचक में ही नवरात्रों की शुरुआत हो रही है।
पंचक शुभ या अशुभ?
गायत्री ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के संचालक पंडित रामराज कौशिक ने बताया कि पंचक ज्योतिष में अशुभ मानते हैं। आमतौर पर पंचक को लेकर लोगों के मन में डर होता है कि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए, जबकि सभी शुभ कार्यों के लिए पंचक वर्जित नहीं होता है। नवरात्र शक्ति की आराधना का त्योहार होता है। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान लोग अपने घरों में कलश स्थापित करते हैं और सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा व हवन करना चाहिए। इतने पावन समय में पंचक मान्य नहीं होता है, इसीलिए चैत्र नवरात्रि के दौरान पूजा आदि में किसी तरह की बाधा नहीं आएगी। आप पूरी भक्ति के साथ मां दुर्गा की आराधना कर सकते हैं।
ज्योतिषाचार्य डॉ. रामराज कौशिक का कहना है कि पंचक में नवरात्रि की शुरुआत होना कोई खास बात नहीं है। लोगों को भ्रमित होने या डरने की जरूरत नहीं है। आपको इस बार पांच गुणा शुभ फल मिलेगा। इस बार बुधवार से नवरात्रि की शुरुआत हो रही है। बुधवार का स्वामी बुध ग्रह होता है, जो वित्त और बौद्धिक क्षमता का कारक है। चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि यानि पहले नवरात्रि से हिंदू नववर्ष की शुरुआत होती है। ऐसे में इस साल लोग अपनी बुद्धि-विवेक के बल पर अच्छा धन अर्जित कर सकते हैं। एक खास बात और इस साल लोग धन के प्रभाव में अधिक रहेंगे और भौतिकवादी हो जाएंगे।
कब है नवरात्र और घटस्थापना का मुहूर्त
घट स्थापना बुधवार 25 मार्च को होगी। इसके लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:19 बजे से लेकर 7:17 बजे तक है। हिंदी पंचांग के मुताबिक भारतीय नववर्ष की शुरू भी चैत्र प्रतिपदा से होती है। इसके अलावा चैत्र महीने में ही नव संवत्सर की भी शुरुआत होती है, वहीं रामनवमी दो अप्रैल को मनाई जाएगी। प्रतिपदा तिथि का प्रारंभ 24 मार्च, मंगलवार को दोपहर दो बजकर 57 मिनट से शुरू हो जाएगा। घटस्थापना मीन लग्न में सुबह 6 बजकर 19 मिनट से 7 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। यदि प्रतिपदा के दिन चित्रा नक्षत्र हो तथा वैधृति योग हो तो वह दिन दूषित होता है। इस बार 25 मार्च 2020 को न ही चित्रा नक्षत्र हो और न ही वैधृति योग है। इस दिन रेवती नक्षत्र और ब्रह्म योग बन रहा है।
चैत्र नवरात्र घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त 25 मार्च 2020 बुधवार को सुबह 6:10 से सुबह 10:20 बजे तक रहेगा। इसकी कुल अवधि 4 घंटे 9 मिनट की है।
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