Chaitra Chaudas 2022: धर्मनगरी में चैत्र चौदस मेले का विशेष महत्व, हिमाचल, दिल्ली सहित देशभर से पहुंचे श्रद्धालु
Chaitra Chaudas 2022 चैत्र चौदस मेले के पहले दिन सरस्वती तीर्थ पर श्रद्धा सैलाब उमड़ा। पहले दिन हिमाचल प्रदेश से पहुंचे सबसे अधिक श्रद्धालु। इसी तीर्थ पर श्रीकृष्ण ने युद्धिष्ठर से कराया था पिंडदान। पिछले दो साल कोरोना के चलते मेला नहीं लग पाया था।

पिहोवा(कुरुक्षेत्र), संवाद सूत्र। कुरुक्षेत्र सरस्वती तीर्थ पर चैत्र चौदस मेले का आगाज हो गया। चैत्र चौदस मेले का धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में विशेष महत्व है। इस मेले में देशभर से श्रद्धालु आते हैं। तीन दिन तक चलने वाले मेले में पहले दिन हिमाचल प्रदेश से सबसे अधिक श्रद्धालु पहुंचे। मान्यता है कि यहां पिंडदान करने से दिवंगत की आत्मा को शांति मिलती है। यहां महाभारत काल में श्रीकृष्ण भगवान और अर्जुन ने पिंडदान किया था।
एसडीएम पिहोवा सोनू राम ने बुधवार को मेले का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि पिहोवा चैत्र चौदस मेला उपमंडल में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यहां यात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए हैं।
दो साल बाद लगा मेला
महाभारत काल से मेला लगता आ रहा है। पिछले दो साल कोरोना के चलते मेला नहीं लग पाया था। सामाजिक व धार्मिक संगठनों ने पिछले साल मेला लगाने की मांग उठाई थी, लेकिन कोरोना गाइडलाइन के चलते प्रशासन ने मना कर दिया था। चैत्र चौदस मेला तीन दिन 24 घंटे लगातार रहेगा। मेला क्षेत्र को आठ सेक्टरों में बांटा गया है।
पिंडदान की यह है कहानी
पिहोवा तीर्थ की मान्यता पितृ तीर्थ के रूप में है। यहां भगवान श्रीकृष्ण व अर्जुन ने भी अपने सगे संबंधियों के मोक्ष के लिए पिंडदान किया था। पृथुदक तीर्थ का महत्व गया के समान बताया गया है और यहां स्नान करने से मनुष्य को विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। देश के विभिन्न हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने सरस्वती, प्राची, ब्रह्म योनि तीर्थ पर स्थित विभिन्न मंदिरों में पूजा अर्चना की। हजारों श्रद्धालुओं प्रेत पीपल की परिक्रमा व शनि मंदिर में तेल चढ़ाकर मन्नत मांगी।
पुलिस की मेले पर नजर
मेले में सुरक्षा एवं व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। यहां 1200 पुलिस के जवानों को लगाया गया है। महिला पुलिस कर्मचारियों सहित सादी वर्दी में भी तैनात किए गए हैं।
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