केंद्रीय प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड की दो टीमों ने पानीपत में डाला डेरा, एक-एक ईंट भट्ठे की हो रही जांच
केंद्रीय प्रदूषण निंयत्रण बोर्ड की दो टीमों ने पानीपत में डाला डेरा हुआ है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीमें एक-एक ईंट भट्ठे की जांच कर रही हैं। पानीपत में 110 ईंट भट्ठों की जांच रिपोर्ट तैयार की जानी है। अब तक 30 की जांच हो चुकी है।

पानीपत, जागरण संवाददाता। एनसीआर में एक साल से भी अधिक समय से बंद पड़े ईंट भट्ठों की जांच करके रिपोर्ट 22 मार्च तक सुप्रीम कोर्ट में दाखिल करने आदेशों के मद्देनजर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की टीमों ने जांच शुरु कर दी है।
पानीपत में 110 ईंट भट्ठों की जांच रिपोर्ट तैयार होगी। इसके लिए दो टीमों ने डेरा डाला हुआ है। पिछले दो दिनों में जिले के 30 भट्ठों की जांच की जा चुकी है। ईंट भट्ठा एसोसिएशन ने एक साल से भी अधिक समय से भट्ठे बंद होने के मामले की याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए एनजीटी के गाइडलाइन के मुताबिक भट्ठे बंद किए गए हैं। ईंट भट्ठा एसोसिएशन ने अपनी गुहार में कोर्ट को बताया कि उन्हें जिगजैग प्रणाली लगाने के लिए कहा गया। उन्होंने लाखों रुपये खर्च कर इस प्रणाली को लगाया उसके बाद उनके भट्ठे बंद करवा दिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से पूछा कि जिग जैग प्रणाली लगने के बाद उन्होने ईंट भट्ठों की जांच की तो अधिकारियों के पास जवाब नहीं था। जिस पर टीम गठित कर सीपीसीबी को 22 मार्च तक सभी भट्ठों की जांच रिपोर्ट देने के आदेश दिए गए हैं।
पानीपत में ए रहमान के नेतृत्व में सीपीसीबी की टीम भट्ठों की जांच कर रही है। 22 मार्च तक रिपोर्ट दाखिल होने पर ईंट भट्ठा एसोसिएशन के याचिका की सुनवाई होगी। टीमें जिग जैग प्रणाली के साथ भट्ठों के जांच कर रही है कि उनसे प्रदूषण फैल रहा है या नहीं।
सीपीसीबी की टीम शहर में होने से उद्योग चौकस
सीपीसीबी की टीम शहर में होने के कारण उद्योग विशेषकर रंगाई उद्यमी सावधानी बरत रहे हैं। चिमनियों से भी धुआं साफ निकल रहा है। शहर में दो टीमों ने डेरा डाला हुआ है।
ब्लीच हाउस पर कार्रवाई
निंबरी अवैध रूप से चल रहे ब्लीच हाउस की शिकायत लेकर ग्रामीण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी से मिले। उन्हें सील लगी होने के बावजूद चलते ब्लीच हाउसों की वीडियो और फोटो सौंपी। ग्रामीणों ने कहा कि ब्लीच हाउस दो मार्च को सील किए गए थे। चार मार्च को उन की सील तोड़ी गई। ब्लीच हाउस उसके बाद से चल रहे हैं। क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड कमलजीत ने आश्वासन दिया कि जल्द ही सील तोड़ कर ब्लीच हाउस चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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