पानीपत में महासंग्राम, क्या लौटेगा विज दौर, संजय से है दौड़ Panipat News
पानीपत शहर की विधानसभा सीट हरियाणा के लिए चर्चित है। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी प्रमोद विज और कांग्रेस प्रत्याशी संजय अग्रवाल आमने सामने हैं।
पानीपत, [जगमहेंद्र सरोहा]। पानीपत शहर की सीट कभी फतेहचंद विज के नाम से ही पहचानी जाती थी। पर बाद में हालात ऐसे बने कि कांग्रेस के बलबीरपाल शाह ने सीट पर कब्जा कर लिया। शाह परिवार सत्ता से बाहर हुआ तो रोहिता रेवड़ी विधायक बनीं। इस बार भाजपा ने फतेहचंद विज परिवार से ही प्रमोद विज को टिकट थमाया है। तभी से चर्चा शुरू हो गई है कि क्या पानीपत में विज का दौर लौटकर आएगा। सत्ता की दौड़ में उनका मुकाबला कांग्रेस के संजय अग्रवाल से है। बाकी सात प्रत्याशी अपने-अपने दावों के साथ मतदाताओं के बीच जाकर वोट मांग रहे हैं।
शहर के ये बड़े मुद्दे
हैंडलूम इंडस्ट्री के लिए अलग से सेक्टर।
उद्यमियों को पर्याप्त बिजली।
औद्योगिक सेक्टर में मूलभूत सुविधाएं।
नगर निगम में व्याप्त भ्रष्टाचार।
जाम की समस्या।
पानी निकासी के पुख्ता प्रबंध।
भितरघात का फायद उठाएगी भाजपा
कांग्रेस प्रत्याशी संजय अग्रवाल प्रमोद विज के सामने खड़े हैं। संजय अग्रवाल औद्योगिक परिवार से संबंध रखते हैं। उनके पास कांग्रेस में व्यापार प्रकोष्ठ में प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी है। पिता जगदीश अग्रवाल पानीपत यार्न डीलर एसोसिएशन के संरक्षक और उनके चाचा रोशनलाल गुप्ता हरियाणा उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश के चेयरमैन हैं। संजय अग्रवाल पिछले एक साल से शहर समेत प्रदेश की राजनीति में हैं। संजय अग्रवाल की मजबूती कांग्रेस के वरिष्ठ नेता वीरेंद्र सिंह बुल्लेशाह का साथ है। संजय अग्रवाल अपनी बिरादरी के वोट लेकर जीत का दावा कर रहे हैं। भाजपा के भितराघात का फायदा भी उठाना चाहते हैं।
रेवड़ी ने शाह परिवार की जीत पर ब्रेक लगाया
पानीपत शहरी विस वर्ष 2014 से पहले कांग्रेस की सीट रही है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष बलबीर पाल शाह 2000 से लगातार विधायक बनते आ रहे थे। भाजपा की टिकट पर पहली बार मैदान में उतरी रोहिता रेवड़ी ने 2014 में शाह परिवार की जीत पर ब्रेक लगाया। इसके बाद भाजपा शहर में मजबूत होती चली गई। संगठन ने इस बार विधायक रोहिता रेवड़ी का टिकट काट कर जिलाध्यक्ष प्रमोद विज को प्रत्याशी बना कर उतारा है। प्रमोद विज पूर्व विधायक फतेहचंद विज के पुत्र हैं। प्रमोद विज को अपने पिता की राजनीति विरासत को फिर से स्थापित करने का अवसर मिला। शहर के कार्यकर्ताओं से सीधे जुड़े हैं। यह उनकी मजबूती का सबसे बड़ा आधार बन रहा है।
शाह ने भाटिया को दी थी मात
2009 के विधानसभा चुनाव में बलबीर पाल शाह ने भाजपा के संजय भाटिया को 12159 वोटों से हराया था। भाटिया को इस चुनाव में 24,135 वोट मिले थे। जबकि बलबीर पाल शाह 36,294 वोट लेकर विजय रहे थे।
रेवड़ी ने वीरेंद्र शाह को दिया था झटका
वर्ष 2014 में पहली बार भाजपा के टिकट पर रोहिता रेवड़ी ने चुनाव लड़ा। कांग्रेस ने वीरेंद्र सिंह बुल्लेशाह को चुनाव मैदान में उतारा था। रेवड़ी ने शाह को सीधे मुकाबले में 53721 वोटों से मात दी थी। रेवड़ी को 92757 वोट मिले थे, जबकि शाह 39036 वोट ही ले पाए थे।
कब-कब विज फतह
वर्ष नाम
1962 फतेहचंद विज
1967 फतेहचंद विज
1972 हुकुमत शाह
1977 फतेहचंद विज
1982 फतेहचंद विज
1987 बलबीर पाल शाह
1991 बलबीर पाल शाह
1996 ओमप्रकाश जैन
2000 बलबीर पाल शाह
2004 बलबीर पाल शाह
2009 बलबीर पाल शाह
2014 रोहिता रेवड़ी