Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यूपी इलेक्शन में छा गया है बा...भोजपुरी का है ये शब्द, जानिए क्या होता है ये भाषा-शब्द विज्ञान

    By Sanjay PokhriyalEdited By:
    Updated: Wed, 26 Jan 2022 03:01 PM (IST)

    बा ने सियासी गर्मी बढ़ाई। भाजपा के सांसद रवि किशन का सब बा रैप भारी पड़ गया। विपक्षी नेहा राठौर का गीत वायरल कर रहे। लोक संस्कृति पर रिसर्च करने वाले डा.राजेन्द्र रंजन चतुर्वेदी से समझिए कैसे शब्दों की यात्रा चलती है। शब्द बनते चले जाते हैं।

    Hero Image
    किस तरह शब्द बनते हैं, किस तरह पहचान बनती है।

    पानीपत, रवि धवन। यूपी का इलेक्शन चलते-चलते `का बा` और `ई बा` पर आकर पहुंच गया है। बिहार की लोक गायिका नेहा राठौर ने `का बा` गीत से योगी सरकार की आलोचना की तो विपक्षी दलों ने इसे खूब वायरल किया। भाजपा के सांसद रवि किशन का `सब बा` रैप भारी पड़ रहा है। `बा` शब्द ने सियासी गर्मी ला दी है। मनोज वाजपेयी का `बंबई में का बा` गीत वायरल हो ही चुका है। क्या आप जानते हैं कि ये `बा` शब्द है क्या। भोजपुरी में बोले जाने वाला बा शब्द वैसे है गजब का। हिंदी में जहां हम `हां` शब्द का प्रयोग करते हैं, वहां भोजपुरी में `बा` लगता है। आइये, आपको बताते हैं कि किस तरह शब्द बनते हैं, किस तरह पहचान बनती है। कैसे इनकी यात्रा चलती है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आपने ये कहावत तो सुनी होगी कि चार कोस में बदले पानी, आठ कोस में बाणी। जैसे, चार कोस में पानी का स्वाद, बदल जाता है, ठीक उसी तरह भाषा भी बदल जाती है। बोली पर भौगोलिक परिवेश का असर पड़ता है। जैसे आप किसी अमेरिकन या ब्रिटिश नागरिक से मिलते हैं तो वे वैसी हिंदी नहीं बोल पाते, जैसे हम बोलते हैं। उन्हें `त` बोलने में दिक्कत होती है। शब्द बनने की एक प्रक्रिया है।

    भारतीय लोक संस्कृति पर काम कर रहे पानीपत के आचार्य डा.राजेन्द्र रंजन चतुर्वेदी ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा, कान, नाक, आंख, जीभ और त्वचा, इन पांच ज्ञानेंद्रियों से भाषा और शब्द का विस्तार होता है, शब्द बनते हैं। अनुभव किए जाते हैं। दरअसल ये वो खिड़कियां हैं, जो बाहरी संसार को पहचानने में काम आती हैं। जैसे हमने किसी गर्म वस्तु को छुआ, तो हमारे दिमाग में एक बिंब पड़ गया, एक इमेज बन गई। कहते हैं न दूध का जला छाछ को फूंक-फूंककर पीता है। हम अलग-अलग वस्तुओं की इमेज बना लेते हैं। उसी से पहचान कर लेते हैं। जैसे कोई गीत सुना, हम तुरंत पहचान लेते हैं कि ये लता मंगेशकर की आवाज है। हम घर के अंदर से पहचान लेते हैं बाहर कुत्ता भोंक रहा है। इसे श्रवय बिंब कहते हैं। कान की इंद्री से पहचानते हैं। नाक सूंघकर बिंब बनाता है। ये गुलाब की खूबबू है, ये कदंब का फूल है। आंख से दृश्य बिंब बनता है। जब वो बिंब बनता है तो उसकी पहचान के किसी ध्वनी का प्रतीक बना लेते हैं। इसी प्रकार शब्द का विकास होता है। इसका एक निश्चत सिद्धांत है।

    किसी एक के कहने या अनुभव या सुनने से शब्द का विकास नहीं होता। जब हजारों लोग उसकी पहचान करते हैं, अनुभव करते हैं, तब शब्द और भाषा की यात्रा आगे बढ़ती है। जैसे हजारों ने कहा कि ये सूरज है, सभी ने माना कि सूरज है, तभी सूरज कहा जाएगा। क्योंकि सभी ने एक समान उसका अनुभव किया है। जैसे `बा` शब्द है। उत्तर प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में `है` की जगह पर `बा` का ही इस्तेमाल होता है। लेकिन आप अगर गुजरात में चले जाएंगे तो वहां `हां` शब्द की जगह `छो` बोलेत हैं। जैसे `केम छो`, यानी आप कैसे हो। मैथिल में यहां `छै` लग जाता है।

    पानीपत के एसडी कालेज के प्रिंसिपल डा.अनुपम अरोड़ा कहते हैं, शब्द की तरह ही आदमी से धरती और धरती से आदमी की पहचान बनत है। जैसे मेव जाति से मेवात बन गया। पहाड़् से आदमी की पहचान हुई कि वो पहाड़ी है। पांच नदियों से पंजाब बना तो उस क्षेत्र के व्यक्ति को पंजाबी कहा जाने लगा। बुंदेलों से बुंदेलखंड बन गया।

    आपको कुछ और बा से मिलवाते हैं : अदब के साथ जब बा लग जाता है तो बाअदब हो जाता है। इसका मतलब है सम्‍मान के साथ। शिष्‍टाचार सहित। इक के साथ बा लग जाता है बाइट हो जाता है। इज्‍जत के साथ लग जाता है बाइज्‍जत बन जाता है। जैसे बाइज्‍जत बरी किया जाता है। पत्रकारिता में बाइट शब्‍द प्रचलित है। किसी व्‍यक्ति का कोई वीडियो लेना बाइट कहलाता है। वैसे इसका अंग्रेजी से हिंदी में अर्थ करें तो ये कौर या टुकड़ा कहलाएगा। गुजरात में बा को मां भी कहते हैं।

    रवि किशन का गीत:

    जे कब्‍बो न रहल अब बा

    यूपी में सब बा

    विकास के बहार बा

    यूपी में सब बा

    योगी सरकार बा

    विकास के बहार बा

    सड़कन के जाल बा

    काम बेमिसाल बा

    जे कब्‍बो न रहल अब बा

    यूपी में सब बा

    अपराधी के जेल बा

    बिजली रेलमपेल बा

    यूपी में सब बा

    मोदी योगी मेल बा

    निवेश जोरदार बा

    पढ़ाई रोजगार बा

    पूरा देश ये कहत बा

    पूरा उत्‍तर प्रदेश ये कहत बा

    भारत ये कहता बा

    मोदी जी के प्रेम में

    मोदी जी के राष्‍ट्र प्रेम में

    पूरा देश ये है कहत बा

    यूपी में सब बा

    ऐ माई यूपी में सब बा

    अयोध्‍या के शान बा

    मंदिर निर्माण बा

    जय जय श्रीराम बा

    जे कब्‍बो न रहल अब बा

    यूपी में सब बा

    एम्‍स में इलाज बा

    गोरखपुर के नाम बा

    पूर्वांचल एक्‍सप्रेस वे बा

    जय हो मोदी जी

    जय हो महाराज

    कितना गिनाई

    कितना गनाई

    जीवन बदल गई

    नल से पानी बा

    विकास की कहानी बा

    जेवर एयरपोर्ट बा

    यूपी में सब बा

    भाजपा के साथ बा

    मोदी जी के हाथ बा

    किसान के सम्‍मान बा

    गरीब के मकान बा

    ऐ माइ, ऐ बहन, चाचा

    राष्‍ट्र की पार्टी

    गरीबों की पार्टी

    भारतीय जनता पार्टी

    मोदी योगी खेलबा

    विकास रेलमपेल बा

    राष्‍ट्र में प्रेम

    तिरंगा की खातिर शान बा

    न साइकिल न हाथी न हाथ बा

    यूपी में भइया

    योगी आदित्‍यनाथ बा।