सतर्क रहें, वायरल बुखार को हल्के में न लें, डेंगू-मलेरिया, टाइफाइड और चिकनगुनिया भी हो सकता है
अगर बुखार आ रहा है तो इसे हल्के में न लें। वायरल होने के साथ-साथ डेंगू मलेरिया टाइफाइड और चिकनगुनिया भी हो सकता है। बुखार होने पर तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। वरना बुखार खतरनाक हो सकता है। ओपीडी में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही।

पानीपत, जागरण संवाददाता। आपको बुखार है तो उसे हल्के में बिल्कुल न लें। यह बुखार वायरल, डेंगू-मलेरिया, टाइफाइड और चिकनगुनिया में से कोई एक हो सकता है। कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। बेहतर होगा कि तुरंत अनुभवी चिकित्सक से परामर्श लें। उसके बताए अनुसार जांच कराएं और दवा का सेवन करें।
सिविल अस्पताल के कंसल्टेंट डा.जितेंद्र त्यागी ने जिलावासियों के नाम सीख में दैनिक जागरण को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मेडिसिन ओपीडी में रोजाना 250 से अधिक मरीज पहुंचते हैं। इनमें से 40 प्रतिशत को बुखार-खांसी-जुकाम से पीड़ित रहते हैं। वायरल व टायफाइड के मरीज एकाएक बढ़े हैं। मरीजों को इलाज के साथ बचाव और परहेज की जानकारी दी जा रही है। ने लगी है। मरीजों को सबसे अधिक चिंता प्लेटलेट्स कम होने की है।
सुखद बात यह कि कोरोना का कोई गंभीर केस नहीं है। डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया का भी इस सीजन में कोई केस नहीं आया है।
चिकनगुनिया के लक्षण :
-तेज़ बुखार, सिर में दर्द
-जोड़ों और मांसपेशियों में अत्यधिक दर्द
-आंखों के पिछले हिस्से में दर्द
-चक्कर आना, कमजोरी
-उल्टियां होना
-रेशेज या चकत्ते होना
डेंगू के लक्षण :
-तेज सिर दर्द व बुखार।
-मांसपेशियों व जोड़ों में दर्द।
-आंख के पिछले भाग में दर्द।
-घबराहट व उल्टी होना।
-शरीर पर लाल रंग के चकत्ते।
-गंभीरर स्थिति में नाक, मुहं व मसूढ़ों से खून निकलना।
मलेरिया बुखार के लक्षण :
-तेज बुखार आना।
-पसीना आना।
-शरीर में दर्द और उल्टी आना।
टाइफाइड के लक्षण :
-तीव्र बुखार और सिर दर्द रहना।
-पेट में दर्द, शरीर में हर समय दर्द।
-शरीर सुस्त रहना, कमजोरी महसूस होना।
-पेचिस और उल्टी की शिकायत।
मच्छरों से बचाव के उपाय :
-डेंगू एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है।
-कूलर, पुराने टायर, बर्तन, गमले और टंकियों में पानी जमा न होने दें।
-शरीर को ढकने वाले परिधान पहनें।
-मच्छरदानी लगाकर सोएं।
-बीमारी के लक्षण दिखें को तुरंत उपचार शुरु कराएं।
-शीतल पेय और खाद्य सामग्री का सेवन न करें।
-मरीज को अलग स्थान पर लिटाएं।
टाइफाइड से बचाव के उपाय :
-टाइफाइड संक्रामक रोग है।
-दूषित वातावरण से पनपता है।
-साफ पानी में स्नान करें।
-स्वच्छ पेयजल का सेवन करें।
-मल-मूत्र स्थान साफ होना चाहिए।
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