Ambala News: खंडहर में तबदील हुआ 1995 में बना बाल भवन, दरवाजे और खिड़कियां तक चोरी, लगे कूड़े के ढेर
अंबाला के मुलाना के बाल भवन में लगे खिड़कियां व दरवाजे भी लोगों द्वारा निकाल लिए गए हैं। पूरा बाल भवन गंदगी से भरा पड़ा है। वहीं लेवल बाहर सड़क से दो तीन फुट नीचे चला गया है जिसके चलते यहां बारिश के मौसम में पानी खड़ा हो जाता है।

मुलाना (अंबाला), जागरण संवाददाता। बाल दिवस नजदीक है और मुलाना का बाल भवन आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। एक पीढ़ी ने जहां इस बाल भवन को आबाद होते देखा, वहीं आज की पीढ़ी इसे बदहाल हालत में देख रही है। छब्बीस साल पहले जो क्षेत्र के बच्चों के लिए सौगता मिली थी, वह आज बच्चों से छिन चुकी है। प्रशासनिक उदासीनता कहें या फिर कुछ और लेकिन बच्चों के लिए बाल भवन आज तक यहां तैयार नहीं किया जा सका है। सिर्फ इतना ही नहीं इस भवन को कंडम घोषित करने तक की कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि यहां पर जो खिड़कियां और दरवाजे आदि थे, वे भी लोगों ने चोरी कर लिए। अब बच्चों को बाल भवन की सौगात कब मिलेगी कहा नहीं जा सकता, लेकिन इस खंडहर हो चुके बाल भवन ने प्रशासनिक उदासीनता को जगजाहिर कर दिया है।
26 साल पहले यह था बाल भवन
24 नवंबर 1995 में तत्कालीन राज्यपाल महावीर प्रसाद, शिक्षा मंत्री फूलचंद मुलाना, डीसी एवं बाल कल्याण परिषद प्रधान बालकृष्ण पाणिग्रही की मौजूदगी में इस बाल भवन का उद्घाटन किया गया था। इस बाल भवन में 5 कमरे,1 स्टोर, 1 हाल था। इस भवन के लिए मुलाना कस्बे की ग्राम पंचायत ने जमीन उपलब्ध कराई थी। उस समय इस भवन में छोटे बच्चों के लिए प्ले वे कक्षाएं शुरू की गई थी वहीं युवाओं के लिए कुछ तकनीकी कोर्स भी शुरू किये गए थे। इन में वेल्डर, रेडियो एंड टीवी रिपेयर, कंप्यूटर, अकाउंटेंसी जैसे कोर्स शामिल थे। कुछ समय पश्चात प्रशासन की अनदेखी के चलते ये कोर्स बंद कर दिए गए। उसके बाद प्रशासन ने कभी इस भवन की तरफ ध्यान नही दिया।
खिड़कियां दरवाजे तक निकाल ले गए लोग
बाल भवन में लगे खिड़कियां व दरवाजे भी लोगों द्वारा निकाल लिए गए हैं। पूरा बाल भवन गंदगी से भरा पड़ा है। इस का लेवल बाहर सड़क से दो तीन फुट नीचे चला गया है, जिसके चलते यहां बारिश के मौसम में पानी खड़ा हो जाता है। इस के पानी की कोई निकासी न होने के कारण यह खड़े पानी में बदबू पैदा हो जाती है। कुछ लोगों ने इसे कूड़ा घर बनाया हुआ है। वह लोग अपने घर से कूड़ा निकल यहा डाल जाते है। वातावरण में इस कदर बदबू है कि आसपास के लोग परेशान हैं। बरसात के दिनों में खड़े पानी से मच्छर पैदा हो यहां बीमारी फैलने का अंदेशा पैदा हो जाता है।
माता बाला सुंदरी मंदिर कमेटी ने कराई सफाई : राणा
कमेटी सचिव अशोक राणा ने बताया कि बाल भवन की सफाई माता बाला सुंदरी मंदिर कमेटी द्वारा दो तीन बार करवाई जा चुकी है। बाल भवन मंदिर के पास में ही होने के कारण यहां फैली गंदगी की बदबू से जीना मुहाल हो चला था, जिसके चलते मंदिर कमेटी ने बाल भवन में लगे गंदगी के ढेरों की सफाई करवाई। लेकिन कुछ लोग फिर भी यहां गंदगी डालकर गंदगी फैला रहे हैं।
प्रशासन इसे कंडम घोषित ही नहीं कर पाया : चौहान
मुलाना के पूर्व सरपंच नरेश चौहान का कहना है कि इस विषय को लेकर बाल कल्याण विभाग सहित डीसी को भवन कंडम घोषित कर गिराने के बारे लिखा है। हालांकि जिला बाल कल्याण परिषद विभाग ने 2019 में पीडब्लूडी अधिकारियों को बाल भवन विजिट कर भवन को कंडम घोषित करने के लिए लिखा था, लेकिन विभाग द्वारा आगामी कोई कार्रवाई नहीं की गई। इस जर्जर भवन को गिरा एक नए भवन का निर्माण किया जाए, ताकि इसका बच्चों को फायदा मिल सके।
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