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    IMA की इलाज न करने की चेतावनी, हरियाणा सरकार ने दिया बातचीत करने का न्योता; आयुष्मान से जुड़ा है मामला

    Updated: Mon, 25 Aug 2025 11:44 AM (IST)

    पानीपत में आयुष्मान भारत योजना के तहत निजी अस्पतालों को सरकार द्वारा 291 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं लेकिन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) इससे संतुष्ट नहीं है। IMA का कहना है कि सरकार उन्हें बरगला रही है और मांग करती है कि भुगतान में देरी होने पर ब्याज भी दिया जाए। IMA ने कोहंड के पास एक बैठक में पात्रों का इलाज न करने का फैसला किया।

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    सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते निजी अस्पताल के डॉक्टर। फोटो जागरण

    जागरण संवाददाता, पानीपत। सरकार ने रविवार को आयुष्मान भारत योजना के पैनल के 700 निजी अस्पतालों के लिए 291 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इस राशि से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) खुश नहीं है। आइएमए के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार उन्हें बरगला रही है।

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    अब यह राशि देकर सरकार छह माह तक राशि नहीं देगी। उनकी मांग है कि एक माह में ही यह राशि दी जाए, अगर देरी होती है तो यह राशि ब्याज सहित दी जाए। साथ ही बजट में योजना के पात्रों के लिए 2500 करोड़ रुपये आरक्षित किए जाएं। इन तमाम मांगों को लेकर आइएमए ने गांव कोहंड के पास एक होटल में प्रदेशस्तरीय बैठक बुलाई।

    बैठक में पात्रों का इलाज नहीं करने का फैसला लिया। बैठक के बीच में ही सरकार की ओर से आइएमए को बातचीत का न्योता भेजा है। बैठक में प्रदेशभर से डाक्टरों ने भाग लिया। मुख्यातिथि आइएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. दलीप भानूशाली रहे। प्रदेश कार्यकारिणी ने सरकार के खिलाफ इस हड़ताल में सहयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि सरकार का दृष्टिकोण निजी अस्पतालों के प्रति ठीक नहीं है। वह सरकार का डंडा सहन नहीं करेंगे।

    आइएमए व सरकार के बीच सोमवार को पंचकूला में बैठक होगी। प्रदेशाध्यक्ष डा. एमपी जैन ने कहा कि निजी अस्पताल सरकार की योजना को लोगों को पहुंचा रहे हैं, उन्हें स्वास्थ्य लाभ दे रहे हैं, लेकिन सरकार अस्पतालों का समय पर भुगतान नहीं करती। वह फिलहाल आयुष्मान योजना के पात्रों का इलाज न करने के फैसले पर अडिग हैं। सोमवार को सरकार के साथ बैठक के बाद आगामी फैसला करेंगे।

    दिल्ली के निजी अस्पताल संचालक सरकार की मंशा को भलीभांति जानते हैं, इसलिए वहां के सिर्फ 72 अस्पताल इस योजना के पैनल पर हैं। अस्पताल संचालक इस योजना के पैनल पर आकर अपनी फीस के लिए सरकार के मुंह की ओर नहीं देखना चाहते। अगर सरकार का रवैया सही होता तो डाक्टर खुद सरकार के साथ आगे आते। आइएमए हरियाणा के निजी अस्पताल संचालकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। 

    - डा. विनय अग्रवाल, चेयरमैन, आइएमए बिल्डिंग कमेटी।

    हरियाणा आइएमए अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर रही है। हरियाणा के 700 अस्पतालों के लगभग 250 करोड़ रुपये बकाया हैं। सरकार को ब्याज के साथ यह राशि अस्पतालों को देनी चाहिए। सरकार को सोचना चाहिए कि पहले ही निजी अस्पतालों के लिए इलाज की दर बेहद कम तय की है। हरियाणा आइएमए जो भी फैसला करेगी, देशभर के डाक्टर उनके साथ हैं।

    - डा. दलीप भानूशाली, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आइएमए