छह घंटे से पानीपत कोर्ट में आसाराम का बेटा नारायण साई, अब 20 से चलेगा ट्रायल
पानीपत (Panipat) में आसाराम के खिलाफ गवाह महेंद्र चावला पर जानलेवा हमले के आरोप में नारायण साई (Narayan Sai) की कोर्ट में पेशी हुई। 13 मई 2015 में पान ...और पढ़ें

पानीपत, जेएनएन। आसाराम के बेटे नारायण साई की पानीपत कोर्ट में पेशी हुई। सुबह करीब 11 बजे नारायण साई को जज निशांत शर्मा की कोर्ट में पेश किया गया। मामला आसाराम और नारायण साई के खिलाफ गवाही देने वाले पानीपत के महेंद्र चावला पर जानलेवा हमले का है। अब नारायण साई पर 120बी षड़यंत्र रचने के तहत और शूटर कार्तिक पर धारा 307, 452 के तहत केस चलेगा। अब 20 सितंबर को गवाही होगी। करीब छह घंटे से पानीपत कोर्ट में नारायण साई है।
सात साल में दूसरी बार लाया गया
7 साल में दूसरी बार नारायण साई को सूरत जेल से पानीपत कोर्ट में पेशी पर लाया गया। 13 मई 2015 को राजदार महेंद्र चावला पर जानलेवा हमला करवाया गया था। आसाराम के बेटे नारायण साई मामले में मुख्य गवाह महेंद्र चावला को पानीपत में गोली मारी गई थी।

पुलिस सुरक्षा में कोर्ट परिसर
नारायण साई के कोर्ट में पेशी को लेकर पुलिस अलर्ट दिखी। कोर्ट परिसर के चप्पे-चप्पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। पूरे परिसर में 150 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात हैं। किसी को भी बिना तलाशी और इजाजत के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है। हर संदिग्ध पर नजर रखी जा रही है। साथ ही सीसीटीवी पर भी पुलिस की नजर है।
नारायण साई को देखने पहुंचे अनुयायी
पानीपत कोर्ट में पेशी की सूचना मिलने पर सुबह ही अनुयायी कोर्ट के आसपास पहुंच गए थे। नारायण साई को देखते ही अनुयायी हाथ जोड़ते नजर आए। इस दौरान पुलिस ने कोर्ट परिसर से उन्हें दूर ही रखा।

नारायण साई के पीए थे महेंद्र चावला
पानीपत के सनौली खुर्द गांव के रहने वाले महेंद्र चावला कभी आसाराम के बेटे नारायण साई के पीए थे। महेंद्र चावला की वजह से नारायण साई सलाखों के पीछे पहुंचा। महेंद्र चावला साल 1996 में आसाराम से प्रभावित होकर उनका शिष्य बने थे। उनसे गुरु दीक्षा लेकर शादी भी नहीं की थी। उन्होंने आसाराम और उसके बेटे नारायण साई का 2015 में साथ छोड़कर सजा दिलाने की ठानी।
घर में घुसकर मारी गई थी गोली
महेंद्र चावला दुष्कर्म केस में मुख्य गवाह थे। उन्हें गवाही देने से रोकने के लिए 13 मई 2015 में घर में घुसकर दो बदमाशों ने गोलियां बरसाईं। एक गोली उन्हें लगी, लेकिन वह छत से कूद गए और उनकी जान बच गई। इस हमले के बाद भी वह विचलित नहीं हुए और मार्च 2016 में नारायण साईं के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी।

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