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    आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय में 14 विषयों में एमडी के लिए 11 से आवेदन, योग व नेचुरोपैथी के कोर्स भी जल्द

    By Anurag ShuklaEdited By:
    Updated: Thu, 10 Feb 2022 05:17 PM (IST)

    मेडिकल के क्षेत्र में भविष्‍य संवारने वाले युवाओं के लिए अच्‍छी खबर है। कुरुक्षेत्र का श्रीकृष्‍णा आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय ने कई विषयों में दाखिले के ...और पढ़ें

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    कुरुक्षेत्र का श्रीकृष्‍णा आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के लिए आवेदन।

    कुरुक्षेत्र, जागरण संवाददाता। श्रीकृष्णा आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय ने नौ नए विषयों में एमडी के लिए आवेदन की तारीख तय कर दी है। इन कोर्सों मेें दाखिलों के लिए 11 फरवरी से आवेदन कर सकते हैं। विदित है कि भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग (आयुष मंत्रालय) ने आयुष विश्वविद्यालय को नौ विषयों में ईडब्ल्यूएस सहित 52 सीटों पर स्नातकोत्तर करने की अनुमति दी है। इससे पहले यहां पांच विषयों पंचकर्म, शरीर क्रिया, शरीर रचना, कौमारभृत्य तथा शल्य तंत्र में 30 सीटों पर एमडी कराई जा रही है। इसके अलावा योग व नेचुरोपैथी के कोर्स भी जल्द ही शुरू किए जाएंगे।

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    आयुष विश्वविद्यालय उत्तर भारत आयुर्वेद के सभी विषयों में एमडी की पढ़ाई कराने वाला एकमात्र विश्वविद्यालय बना गया है। यह सौगात स्थापना के 50 वर्ष बाद मिली है। अब विद्यार्थी आयुर्वेद के पंचकर्म, शरीर क्रिया, काया चिकित्सा, प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग सहित सभी 14 विषयों में स्नातकोत्तर की पढ़ाई कर पाएंगे। इससे पहले कालेज प्रशासन को मंत्रालय ने नौ विषयों की 52 सीटों के लिए सैद्धांतिक सहमति पत्र दिया था। इसके बाद कालेज ने मंत्रालय को दस्तावेज भेजे थे। आयुष मंत्रालय की टीम ने महाविद्यालय में पीजी कोर्स शुरू करने के लिए उपलब्ध सुविधाओं का निरीक्षण भी किया था। अब आयुर्वेद के अन्य नौ विषयों में एमडी की 52 सीटों पर लेटर आफ परमिशन (एलओपी) देकर विद्यार्थियों को इसी सत्र से आयुर्वेदिक कालेज में स्नातकोत्तर की पढ़ाई को झंडी मिल गई है।

    श्रीकृष्णा आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डा. बलदेव कुमार ने इस पर विश्वविद्यालय परिवार को शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने बताया कि यहां आयुर्वेद के सभी 14 विषयों में एमडी की शिक्षा दी जाएगी। यह विश्वविद्यालय परिवार के संयुक्त प्रयास का परिणाम है। अब जल्द ही योग व नेचुरोपैथी के कोर्स और अस्पताल भी शुरू किया जाएगा। इससे विश्वविद्यालय का अधिक से अधिक लाभ लोगों को मिल सकेंगे। कुलसचिव डा. नरेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय नित नई ऊंचाइयों को छू रहा है। विश्वविद्यालय पूर्ण रूप से विकसित व संपूर्णता का रूप लेता जा रहा है।

    इन नौ विषयों की 52 सीटों पर मिली एलओपी

    काया चिकित्सा- 07

    प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग- 06

    शालाक्य तंत्र- 06

    अगद तंत्र- 03

    द्रव्यगुण विज्ञान- 06

    स्वस्थवृत- 06

    रोग निदान एवं विकृति विज्ञान- 06

    रस शास्त्र- 06

    आयुर्वेद समिता एवं सिद्धांत- 06