अंकुश हत्याकांड: सात दोषियों को उम्रकैद और 8 बरी, पशुबाड़ा विवाद में कर दी थी हत्या; 5 साल बाद आया फैसला
पानीपत के इसराना में अंकुश हत्याकांड में अदालत ने सात दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला 2020 में लोहारी गांव में पशुबाड़ा विवाद से जुड़ा है जिसमें अंकुश की हत्या कर दी गई थी। अदालत ने 22 गवाहों के बयान के आधार पर यह फैसला सुनाया। प्रत्येक दोषी पर 20-20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
जागरण संवाददाता, पानीपत। इसराना के गांव लोहारी में पांच साल पहले हुई अंकुश की हत्या के मामले में सात दोषियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।
आठ आरोपितों को अदालत ने बरी कर दिया, जबकि पवन, सत्यनारायण, किमती, राजपाल, जय सिंह, अनिल व अजय को उम्रकैद की सजा सुनाई। इनमें से एक आरोपित विशाल की पहले ही मौत हो चुकी है। साढ़े चार साल चली सुनवाई के बाद अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अंबरदीप सिंह अदालत ने शुक्रवार को फैसला सुनाया है।
सभी सात दोषियों पर 20-20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न भरने पर दोषियों को छह माह की अतिरिक्त जेल काटनी होगी। पुलिस ने दोषियों को सजा दिलाने के मामले में 22 केस कोर्ट में पेश किए थे।
10 जुलाई 2020 को इसराना थान पुलिस को दी शिकायत में लोहारी गांव निवासी राजेंद्र ने बताया था कि गांव में उसका पशुबाड़ा व खेत वाल्मीकि बस्ती की तरफ हैं। गांव का ही संदीप सरपंच, पवन, सत्यनारायण, संजय, दिनेश, किमती, राजपाल, जय सिंह, अनिल, शीशपाल व अजय उन पर पशुबाड़े को बेचने का दबाव बनाते थे।
वह उसके पशुबाड़े पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे थे। आए दिन वह झगड़ा करते हुए कहते थे कि उनके पशुबाड़े से वह परेशान हैं। कई बार गांव में भी इस संबंध में पंचायत हुई, हर बार पंचायत में राजीनामा हो गया।
नौ जुलाई 2022 की रात नौ बजे वह सभी आरोपित लाठी, डंडों व तलवारों से लैस होकर उसके घर आए और उनका दरवाजा खटखटाते हुए गाली-गलौज करने लगे। उसके बड़े बेटे नीरज ने अंदर से दरवाजे की कुंडी बंद कर ली और पुलिस को घटना की सूचना दी।
वह डेढ़ घंटा तक पुलिस का इंतजार करते हुए और अंदर कमरे में बंद रहे। इसके बाद सभी आरोपित उनके घर के अंदर कूद गए। इन्होंने उस पर, उसके बेटे नीरज व अंकुश पर हमला कर दिया। उनको बुरी तरह से पीटा गया।
सत्यनारायण ने अंकुश कर गर्दन पर तलवार से हमला किया। इसमें वह जमीन पर बेहोश होकर गिर गया। ग्रामीण धर्मपाल, संदीप, मुकेश व सोनू ने उनको छुड़ाने की कोशिश की तो उन पर भी हमला कर दिया गया था। पुलिस आने पर यह सभी यहां से फरार हो गए थे।
उनको जिला नागरिक अस्पताल में भिजवाया गया, जहां डाक्टरों ने अंकुश को मृत कर दिया था। पुलिस ने मामले में 15 लोगों पर केस दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपित विशाल की मौत हो गई थी।
कोर्ट ने अजय, संदीप, अमित, रामकरण, संदीप , सोनू व दीपक को बरी कर दिया था। अदालत ने 22 गवाहों की गवाही पर दोषी पवन, सत्यनारायण, किमती, राजपाल, जय सिंह, अनिल व अजय को उम्रकैद की सजा सुनाई है। हर दोषी को 20-20 हजार रुपये भी जमा कराने होंगे।
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