शोषण से गर्भवती हुई लड़की के मामले में पीड़िता व प्रशासन का दावा अलग-अलग
शोषण के बाद गर्भवती हुई लड़की के मामले में लड़की व प्रशासन के बयानों में अंतर है। लड़की कह रही है कि वह बच्चे को जन्म देना नहीं चाहती, जबकि प्रशासन इससे इन्कार कर रहा है।

जेएनएन, पानीपत। यहां बेची गई झारखंड की किशोरी को लेकर प्रशासन का अब नया दावा चला है। जिला बाल कल्याण समिति का कहना है कि किशोरी बच्चे को जन्म देना चाहती थी। हालांकि किशोरी कह चुकी है कि वह बच्चे को जन्म नहीं देना चाहती। अपने घर जाना चाहती है। वहीं, प्रशासन उसे उसके घर नही भेज रहा।
गौरतलब है कि झारखंड के गोड्डा जिले के कुरतिका गांव निवासी महेश्वर साहिबगंज जनपद निवासी नाबालिग को बहकाकर 4 जून को हरियाणा के मुरथल मे इंदु नाम के युवक के पास लेकर आया था। अगले दिन उसे छोड़कर फरार हो गया था। लड़की का आरोप है कि इंदू ने उसे पानीपत के सीक गाव निवासी अनिल को 70 हजार रुपये में बेच दिया। 20 दिसबर तक अनिल के घर मे बंधक स्थिति में रही। दिल्ली के एक एनजीओ की शिकायत पर 21 दिसंबर को एसडीएम पानीपत विवेक चौधरी ने पुलिस की मदद से उसे मुक्त कराया।
पौने दो माह की गर्भवती लड़की फिलहाल सौधापुर स्थित बाल अनाथालय में रह रही है। महेश्र्वर के खिलाफ झारखंड में तथा अनिल के खिलाफ पानीपत मे मुकदमा दर्ज है। जागरण ने मुद्दा उठाया तो सुर्खियां बनते ही प्रोटेक्शन अधिकारी डिंपी मल्होत्रा के नेतृत्व मे एक टीम अनाथालय पहुंची।
बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सुमन सूद ने कहा कि लड़की अब बालिग हो चुकी है। उसकी पूरी मदद की जाएगी। काउंसिलिंग में उसने बताया कि वह गर्भ नही गिराना चाहती।
दैनिक जागरण से कहा था
तीन दिन पहले लड़की ने दैनिक जागरण को बताया था कि उस पर अनिल के पास लौट जाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। गर्भपात का जिक्र करने पर पुलिस व अधिकारी उसे जेल भेजने की धमकी दे रहे है। बाल कल्याण समिति ने लड़की के इस बयान के ठीक उल्ट दावा किया कि वह बच्चे को जन्म देना चाहती है।
भाई बोला, बहन को लेना है फैसला
झारखंड निवासी लड़की के भाई ने जागरण को फोन पर बताया कि वह अपनी बहन को लेने पानीपत गया था। अधिकारियो ने उसे उनके साथ नही भेजा। अब फैसला बहन को लेना है। अगर वह घर आना चाहती है तो हम उसे घर लाने के लिए तैयार हैं।

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