पानीपत में ताक-झाक करने के शक में मां ने बेटे से कराई अपनी जेठानी की हत्या, एक गलती और खुल गई पोल
पानीपत में एक 54 वर्षीय महिला की हत्या उसके नाबालिग बेटे ने अपनी मां के उकसाने पर की। देवरानी और जेठानी के बीच घरेलू विवाद थे जिसके चलते नाबालिग ने रंजिश पाल ली। हत्या के बाद नाबालिग बेटे ने लूट की कहानी बनाई लेकिन पुलिस पूछताछ में वह हत्यारोपी निकला। पुलिस ने मां को हिरासत में लिया और बेटे को बाल सुधार गृह भेज दिया।

जागरण संवाददाता, पानीपत। 54 वर्षीय महिला की हत्या उसके नाबालिग बेटे ने मां के उकसाने पर की। महिला को शक था कि उसकी जेठानी ताक-झाक करती है। रविवार को पत्रकारों से बातचीत में एसपी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि देवरानी और जेठानी के बीच कई बार घरेलू विवाद हुए थे, जिसके चलते नाबालिग ने रंजिश पाल ली।
छोटी-मोटी बातों पर कहासुनी के बाद मां ने बेटे को उकसाया और उसने इस वारदात को अंजाम दिया। हत्या के बाद नाबालिग बेटे ने लूट की कहानी बनाई और पुलिस को गुमराह करने का प्रयास किया। जब पुलिस ने पूछताछ की तो नाबालिग के बयानों पर संदेह हुआ और वह हत्यारोपी निकला। इसके बाद पुलिस ने मां को हिरासत में लिया और बेटे को बाल सुधार गृह भेज दिया।
उन्होंने कहा कि वारदात में प्रयुक्त चाकू और महिला की बालियां और गले की चेन बरामद कर ली है। मृतका का पति पानीपत में एक फैक्ट्री में काम करता है। घटना के समय वह ड्यूटी पर था। जब उसे घटना की जानकारी मिली, तो वह तुरंत घर पहुंचा और पत्नी की हालत देखकर बेहोश हो गया। परिवार के सदस्य रो-रोकर बुरा हाल कर रहे थे।
ये था मामला
शनिवार को नाबालिग ने चाकू से अपनी ताई की हत्या की। उसने बताया कि नकाबपोश युवकों ने घर में घुसकर उसकी ताई को मारा और उसकी बालियां लूट लीं। जब वह बचाव के लिए आया, तो नकाबपोशों ने उस पर भी हमला किया।
पुलिस जब घटना स्थल पर पहुंची, तो मृतका के भतीजे के बयानों पर संदेह हुआ। जांच के दौरान हत्यारोपी का खुलासा हुआ। एफएसएल की टीम ने भी साक्ष्य जुटाए।
अपने ही अपनों के कातिल
प्रदेश में अपनों के द्वारा अपनों के कत्ल के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। बीते कई दिनों में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें मामला पहले कुछ होता है और बाद में मृतकों के अपने ही उनके कातिल निकलते हैं। ऐसा ही मामला पानीपत में भी सामने आया।
जब पुलिस ने तहकीकात की तो मां ने ही बेटे के हाथों उसकी जेठानी की हत्या करवा दी। मनोचिकित्सकों ने ऐसे बढ़ते मामलों को देखते हुए इस पर चिंता जताई है।
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