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    पानीपत में 12 लाख की रिश्वतखोरी का भंडाफोड़, नारकोटिक सेल के 3 पुलिसकर्मी फरार

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 10:02 PM (IST)

    हरियाणा के पानीपत में एंटी करप्शन ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नारकोटिक सेल के तीन पुलिसकर्मियों को 12 लाख की रिश्वत मांगने के आरोप में घेरा। आरोप ...और पढ़ें

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    पानीपत: रिश्वतखोरी का पर्दाफाश, नारकोटिक सेल के पुलिसकर्मी फरार।

    जागरण संवाददाता, पानीपत। हरियाणा में भ्रष्टाचार के विरुद्ध 'जीरो टॉलरेंस' की नीति पर चलते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। करनाल एसीबी की टीम ने जिला पानीपत के समालखा स्थित एंटी नारकोटिक सेल में तैनात एक एएसआई (ASI) और दो हेड कॉन्स्टेबल द्वारा 12 लाख रुपये की भारी-भरकम रिश्वत मांगने के खेल का पर्दाफाश किया है।

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    केस से नाम हटाने के लिए मांगी 12 लाख की घूस

    मिली जानकारी के अनुसार, यह पूरा मामला मादक पदार्थ (NDPS) से जुड़े एक केस से संबंधित है। आरोप है कि एंटी नारकोटिक सेल के इन तीनों पुलिसकर्मियों ने केस में नामजद कुछ व्यक्तियों के नाम फाइल से बाहर निकालने के लिए सौदेबाजी की थी। इस 'काम' के बदले आरोपियों ने कुल 12 लाख रुपये की मांग की थी।

    एसीबी का छापा: 1 लाख बरामद, आरोपी फरार

    शिकायत मिलने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने जाल बिछाया। ब्यूरो की टीम ने जब समालखा परिसर में दबिश दी, तो वहां से रिश्वत के एक लाख रुपये बरामद किए गए, जो आरोपी पहले ही प्राप्त कर चुके थे। हालांकि, ब्यूरो की भनक लगते ही आरोपी एएसआई और दोनों हेड कॉन्स्टेबल मौके से फरार होने में कामयाब रहे।

    मुख्य बिंदु: घटनाक्रम एक नजर में

    आरोपी: एक एएसआई (ASI) और दो हेड कॉन्स्टेबल (एंटी नारकोटिक सेल, समालखा)।
    रिश्वत की मांग: ₹12 लाख (नाम हटाने के एवज में)।
    बरामदगी: ₹1 लाख की नकद राशि बरामद।
    स्थिति: आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज, गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी।
    एसीबी प्रमुख अजय सिंघल का कड़ा संदेश: भ्रष्टाचार में संलिप्त किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों के विरुद्ध कानून के तहत सख्त से सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

    आमजन से अपील

    एंटी करप्शन ब्यूरो ने जनता से अपील की है कि यदि कोई भी सरकारी कर्मचारी काम के बदले रिश्वत मांगता है, तो तुरंत टोल-फ्री नंबर 1800-180-2022 या 1064 पर सूचना दें। शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।